कश्मीरी पंडितों के लिए राहुल गांधी ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- ‘उन्हें भिखारी कहना…’

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नई दिल्ली:-राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने आतंकियों की टारगेटेड किलिंग के शिकार कश्मीरी पंडितों को बिना सुरक्षा गारंटी घाटी में जाने के लिए विवश करना निर्दयी कदम बताया है। प्रधानमंत्री को लिए पत्र में राहुल गांधी ने कहा कि “आशा है कि आप अच्छे होंगे। इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान कश्मीरी पंडितों के दर्द की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। आतंकियों द्वारा हाल में कश्मीरी पंडितों व अन्य लोगों की लगातार टारगेटेड हत्याओं ने घाटी ने डर और निराशा का माहौल बना दिया है।”

इसके साथ ही भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि “प्रधानमंत्री जी पूरे भारत को प्रेम और एकता के सूत्र में पिरोने के लिए जारी भारत जोड़ो यात्रा के जम्मू पड़ाव में कश्मीरी पंडितों का एक प्रतिनिधि मंडल अपनी समस्याओं को लेकर मुझसे मिला। उन्होंने बताया कि सरकार के अधिकारी उन्हें कश्मीर घाटी वापस काम पर जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इन हालातों में सुरक्षा और सलामती की पक्की गारंटी के बिना उन्हें घाटी में काम पर जाने के लिए मजबूर करना एक निर्दयी कदम है। हालात के सुधरने और सामान्य होने तक सरकार इन कश्मीरी पंडित कर्मचारियों से अन्य प्रशासकीय व जनसुविधा के कार्यों में सेवा ले सकती है।”

भिखारी जैसे शब्दों का प्रयोग गैर-जिम्मेदाराना
राहुल गांधी ने कहा कि “अपनी और परिवार की चिंताओं को लेकर गुहार लगा रहे कश्मीरी पंडिती को आज जब सरकार से हमदर्दी और अपनेपन की उम्मीद है तब उप-राज्यपाल जी द्वारा उनके लिए “भिखारी” जैसे शब्दों का प्रयोग गैर-जिम्मेदाराना है। प्रधानमंत्री जी, शायद आप स्थानीय प्रशासन की इस असंवेदनशील शैली से परिचित न हो। मैंने कश्मीरी पंडित भाइयों-बहनों को भरोसा दिया है कि उनकी चिंताओं व मांगों को आप तक पहुंचाने का पूरा प्रयास करूंगा। मुझे उम्मीद है कि यह सूचना मिलते ही आप इस बारे में उचित कदम उठाएंगे। माता खीर भवानी की कृपा आप पर बनी रहे।”

कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल ने बताए दुखद हालात
प्रधानमंत्री को लिए पत्र को राहुल गांधी ने ट्वीटर के माध्यम से शेयर करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री जी, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे मिलकर अपने दुखद हालात बताए। आतंकियों की टारगेटेड किलिंग के शिकार कश्मीरी पंडितों को बिना सुरक्षा गारंटी घाटी में जाने के लिए विवश करना निर्दयी कदम है। आशा है, आप इस विषय में उचित कदम उठाएंगे।”

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