कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोल्हापुर में शिवाजी महाराज की मूर्ति का अनावरण करते हुए भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा लोगों को डराने और संविधान को नष्ट करने का काम कर रही है, और ऐसे में शिवाजी महाराज के सामने झुकने का कोई अर्थ नहीं है। राहुल गांधी ने इस अवसर पर भाजपा की नीतियों और उनकी प्रभावशीलता पर सवाल उठाए, जिससे राजनीतिक माहौल और भी गरम हो गया है।
राहुल गांधी ने कोल्हापुर में शिवाजी महाराज की मूर्ति का अनावरण करते हुए कहा कि नीयत को छिपाया नहीं जा सकता, और उन्होंने भाजपा की नीयत को गलत ठहराया, यह बताते हुए कि मूर्ति बनने के कुछ ही समय बाद टूट गई। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज की मूर्ति से यह संदेश मिलता है कि विचारधारा की रक्षा भी जरूरी है।
इसके बाद, वे संविधान सम्मेलन में शामिल हुए, जहां उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक आरक्षण की 50% सीमा को हटाने के लिए कानून लाएंगे। उनका यह दौरा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के प्रचार की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। राहुल का यह कार्यक्रम राजनीतिक रणनीति को मजबूती देने का प्रयास है।
राहुल की स्पीच की बड़ी बातें…
- संविधान पर : शिवाजी महाराज ने देश दुनिया को क्या मैसेज दिया। सबसे पहले उन्होंने कहा था देश सबका है। सबको लेकर चलना है। अन्याय नहीं करना है। मगर हम सोचें कि इनकी सोच का आज कौन सा चिह्न है तो वो ये संविधान है। सीधा सा कनेक्शन है। जो शिवाजी महाराज ने कहा था, 21वीं सदी में उसका ट्रांसलेशन संविधान है। उनकी सोच से ही संविधान आया। अगर शिवाजी और शाहूजी महाराज जैसे लोग नहीं होते तो संविधान नहीं होता।
- शिवाजी महाराज पर : आज यहां मूर्ति का अनावरण कर रहे हैं। शिवाजी महाराज की। ये सिर्फ एक मूर्ति नहीं। मूर्ति जब बनाई जाती है जब हम किसी व्यक्ति की विचारधारा को, उनके कर्मों को दिल से समर्थन करते हैं। हम यहां आए और मूर्ति अनावरण कर दिया। और जो ये पूरी जिंदगी जिसके लिए लड़े, हम उसके लिए लड़ें तो मूर्ति का कोई मतलब ही नहीं। जिस तरीके से ये जिए, शायद हम न कर पाएं।
- सिंधुदुर्ग मूर्ति टूटने की घटना पर : हिंदुस्तान में 2 विचारधाराओं की लड़ाई है। एक समानता की बात करती है, दूसरी लोगों को डराने-धमकाने की। दूसरी विचारधारा के खिलाफ आज कांग्रेस लड़ रही है। नीयत दिख जाती है। उसे छिपा नहीं सकते। उन्होंने मूर्ति बनाई और कुछ दिन बाद वो टूट गई। नीयत गलत थी। उसने मैसेज दिया कि आप मूर्ति बनाओगे तो उसकी विचारधारा की रक्षा करनी पड़ेगी।
- आदिवासियों से भेदभाव पर : वो मूर्ति के सामने जाकर हाथ जोड़ते हैं और फिर 24 घंटे शिवाजी महाराज की सोच के खिलाफ काम करते हैं। राम मंदिर, पार्लियामेंट के उद्घाटन में आदिवासी राष्ट्रपति को जाने नहीं दिया। सोच एक ही है। ये राजनैतिक लड़ाई नहीं है। ये सोच, विचारधारा की लड़ाई है। संविधान की लड़ाई है, संविधान के अंदर शिवाजी महाराज हैं, उनकी सोच है।
राहुल ने सिंधुदुर्ग का जिक्र क्यों किया
सिंधुदुर्ग में 26 अगस्त को शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची गिर गई थी। इसका अनावरण प्रधानमंत्री ने 4 दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस पर किया। मोदी ने प्रतिमा के ढहने से आहत लोगों से 30 अगस्त को माफी मांगी थी।मोदी ने कहा था, “छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या राजा नहीं हैं। हमारे लिए वे हमारे देवता हैं। आज मैं उनके चरणों में सिर झुकाता हूं और अपने देवता से क्षमा मांगता हूं।”
संविधान सम्मेलन में कहा- स्कूलों एजुकेशन से दलित-पिछड़ाें को इतिहास मिटाया जा रहा
मूर्ति अनावरण के बाद राहुल गांधी संविधान सम्मेलन में पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि जिसके हाथ में हुनर है उसकी हिस्ट्री तो हमारे एजुकेशन सिस्टम में है ही नहीं। उन्होंने क्या किया कैसे किया, क्या सहना पड़ा। वो है ही नहीं। मैंने अपने स्कूल में दलित, पिछड़ों की हिस्ट्री नहीं पढ़ी। आज उल्टा हो रहा है। आज थोड़ी सी हिस्ट्री को भी मिटाया जा रहा है।
राहुल ने संविधान को लेकर कहा- कांग्रेस और INDIA ब्लॉक के पास इसकी रक्षा के 2 तरीके हैं- जातीय जनगणना और 50% रिजर्वेशन की दीवार तोड़ना। अगर हमें संविधान की रक्षा करनी है तो आरक्षण पर 50% की सीमा हटानी होगी।