प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोदी ने कहा कि पहले राजनीतिक स्वार्थ ही तय करता था कब कौनसी ट्रेन चलेगी। कौन रेलमंत्री बनेगा ? हालत ये थी रेलवे की भर्तियों में भी भ्रष्टाचार होता था। गरीब लोगों की जमीन छीनकर उन्हें नौकरियों का झांसा दिया गया। पीएम मोदी ने सीएम गहलोत के लिए कहा कि उन्हें मेरी मित्रता पर इतना विश्वास है कि वह अपनी मांग मेरे सामने रख रहे हैं उन्होंने कहा कि कांग्रेस में संकट के बावजूद वह कार्यक्रम में आए इसके लिए उन्हें मैं धन्यवाद देता हूं।
पीएम मोदी बुधवार को प्रदेश में पहली वंदे भारत ट्रेन को वर्चुअली तरीके से झंडी दिखाकर दिल्ली कैंट से रवाना किया। इस कार्यक्रम में जयपुर रेलवे स्टेशन पर आयोजित समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी,जयपुर के सांसद रामचरण बौहरा, जयपुर ग्रामीण के सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता कर्नल राज्यवर्धन सिंह, सांसद घनश्याम तिवाड़ी दीया कुमारी, जसकौर मीणा और भाजपा विधायक दल के उप नेता डॉ.सतीश पूनिया भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा देश का दुर्भाग्य रहा। रेलवे जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था को भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया। आजादी के बाद भारत को बड़ा रेलवे नेटवर्क मिला था, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा।
पीएम मोदी ने कहा कि सब कुछ नजरअंदाज कर दिया गया, लेकिन जब देश के लोगों ने स्थिर सरकार बनवाई तब ये स्थितियां बदलीं। जब राजनीतिक दबाव हटा तो रेलवे ने भी चैन की सांस ली। आज हर भारतीय रेलवे का कायाकल्प होते देख गर्व महसूस करता है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से विशिष्ट पहचान के कारण राजस्थान में रेलवे के विकास की सर्वाधिक आवश्यकता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में तेज गति से औद्योगिक विकास हुआ है। इस कारण यहां रेल सुविधाएं बढ़े तो प्रदेश अर्थव्यवस्था की दृष्टि से देश में अग्रणी बनेगा।
उन्होंने कहा कि देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में रेलवे का अहम योगदान है। आजादी के बाद रेलवे में आए बदलाव हमारे महान नेताओं की सोच, रेलवे के निष्ठावान कर्मचारियों और अधिकारियों की मेहनत का परिणाम है। रेलवे ने यात्री और माल परिवहन के साथ देश में प्राकृतिक आपदा और युद्ध के समय भी अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं।
सीएम गहलोत ने रेलमंत्री से आग्रह किया कि बांसवाड़ा, टोंक, करौली आदि मुख्यालयों को भी रेलवे सुविधाओं से जोड़ा जाए।
डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम परियोजना को दी जाए उच्च प्राथमिकता
सीएम गहलोत ने कहा कि डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम के बीच रेल सेवा के लिए राजस्थान सरकार और रेलवे बोर्ड के बीच एमओयू हुआ था। बांसवाड़ा में रेल लाइन का शिलान्यास भी किया गया था। पहली बार किसी राज्य सरकार द्वारा एक मेजर रेल प्रोजेक्ट के लिए भूमि सहित 1250 करोड़ रुपये दिए गए थे। लेकिन जनहित का यह काम आगे नहीं बढ़ा। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
जैसलमेर-बाड़मेर को मुंद्रा एवं कांडला बंदरगाह से जोड़ा जाए
सीएम गहलोत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व को देखते हुए जैसलमेर-बाड़मेर को मुंद्रा और कांडला बंदरगाह से जोड़ने के लिए नई रेल लाइन निर्माण की आवश्यकता है। यह नई रेल लाइन केंद्र सरकार के उपक्रम एचपीसीएल एवं राज्य सरकार के एमओयू के अनुरूप बाड़मेर में चल रहे रिफाइनरी के कार्य तथा पश्चिमी क्षेत्र के विकास की दृष्टि से काफी लाभकारी सिद्ध होगी।
मेमू कोच फैक्ट्री स्थापना पर लिए जाएं सकारात्मक निर्णय
सीएम गहलोत ने कहा कि जयपुर से चित्तौड़गढ़ वाया अजमेर ब्रॉडगेज रेलवे मार्ग पर स्थित गुलाबपुरा (भीलवाड़ा) में मेमू कोच फैक्ट्री की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा 323 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क आवंटित की जा चुकी है। उन्हांने आग्रह किया कि रेल मंत्रालय द्वारा गुलाबपुरा में मेमू कोच फैक्ट्री स्थापित करने के लिए सकारात्मक निर्णय लिया जाए।