जयपुर,सीकर समेत 18 जिलों में बारिश:कोटा में 5 इंच से ज्यादा बरसात,टपकने लगी सबसे बड़े अस्पताल की छत;पानी में बही बाइक-स्कूटी

Jaipur

जयपुर:-राजस्थान में मानसून के आने के साथ ही तेज बारिश शुरू हो गई। बीती रात से आज सुबह तक उदयपुर, कोटा, बीकानेर, जयपुर संभाग के 18 से ज्यादा जिलों में 1 से 5 इंच तक पानी बरसा। गंगागनर में शहर में जगह-जगह पानी भर गया। राजधानी में भी सुबह से रुक-रुककर बारिश हो रही है।

मौसम विभाग ने अगले 4-5 दिन राज्य के अधिकांश जगहों पर अच्छी बारिश होने की संभावना जताई है। इसके साथ ही पूर्वी राजस्थान के कोटा, भरतपुर संभाग के जिलों में 27 से लेकर 29 जून तक कहीं-कहीं भारी बारिश का अनुमान जताते हुए यहां के जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, बिजली गिरने से अब तक 4 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इनमें से पाली, चित्तौड़गढ़ में 1-1 और बारां में 2 की मौत हो गई।

कोटा संभाग के सबसे बड़े जेके लोन अस्पताल की नई बिल्डिंग मानसून की पहली बारिश के कारण सोमवार को टपकने लगी। इसी तरह गंगानगर में एक फीट पानी में मोटरसाइकिल, स्कूटी बहते दिखाई दिए।

असल में राजस्थान के 35 फीसदी से ज्यादा एरिया में मानसून एक्टिव हो चुका है। प्री-मानसून और बिपरजॉय चक्रवात के चलते पहले ही 28 फीसदी बारिश हो चुकी है। मौसम केन्द्र नई दिल्ली ने इस सीजन मानसून में सामान्य से 4-5 फीसदी कम बारिश का अनुमान जताया था, लेकिन शुरुआती डेटा इस बार पूर्वानुमान पर पानी फेरता दिख रहा है।

मौसम केन्द्र नई दिल्ली से जारी मानसून के फोरकास्ट में बारिश कम होने का अनुमान जताया था। इसके पीछे बड़ा कारण मानसून जुलाई तक पश्चिमी प्रशांत महासागर में अल नीनो की कंडीशन का बनना माना था।

उत्तर-पूर्वी राजस्थान में 100MM से ज्यादा बरसात हुई
राजस्थान में कल देर शाम से बरसात जारी है। कोटा, अलवर, गंगानगर में कुछ जगहों पर 100MM से ज्यादा बारिश दर्ज हुई है। सबसे ज्यादा बरसात कोटा के दर्रा एरिया में 132 (5 इंच से ज्यादा) पानी बरसा। कोटा में ही गांधी सागर में 102, राजसमंद के के खमनोर में 98, सीकर के अजीतगढ़ में 73, उदयपुर के साईं डेम में 61, झुंझुनूं के सूरजगढ़ में 82, झालावाड़ के पचपहाड़ में 85, जयपुर के फुलेरा में 60, शाहपुरा में 54, हनुमानगढ़ के संगरिया में 58, टिब्बी में 52, गंगानगर में 109, जैतसर में 76, दौसा के बसवा में 60, मंडावर में 59, चित्तौड़गढ़ के भैसोड़गढ़ में 73, रावतभाटा में 58 और अलवर के कठूमर में 101, थानागाजी में 79MM बरसात रिकॉर्ड की गई है।

165 लाख हेक्टेयर जमीन पर होती है खेती
राजस्थान में मानसून कितना जरूरी है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में सबसे ज्यादा खेती इसी सीजन में होती है। पूरे राज्य में 165 लाख हेक्टेयर जमीन पर खरीफ की फसल बोई जाती है। इसमें चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का के अलावा दलहन में मूंग, मोंठ, उड़द, चौला, मूंगफली, सोयाबीन, कपास और ग्वार की बुवाई जाती है, जबकि रबी के सीजन में 100 से 110 लाख हैक्टेयर पर ही बुवाई की जाती है।

जयपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर समेत कइ शहरों को मिलता है पीने का पानी
मानसून की बारिश ही राजस्थान के अधिकांश शहरों में पीने के पानी का एकमात्र स्रोत है। अगर किसी सीजन बारिश बहुत कम होती है तो बीलसपुर, जवाई बांधों में पानी का गेज कम हो जाता है। इसके कारण चार जिलों की एक करोड़ की आबादी पानी के परेशान हो जाती है। बरसात नहीं होने और जवाई बांध के खाली होने से पाली शहर और उसके आसपास के इलाकों में ट्रेनों से पानी की सप्लाई करनी पड़ती है।

अब तक 116.5MM बरसात
राजस्थान में मानसून सीजन (एक जून से 30 सितंबर तक) औसतन 414.5MM बरसात होती है, लेकिन इस बार एक से 25 जून तक राज्य में 116.5MM औसत बरसात हो चुकी है। हर माह की औसत बारिश देखें तो जून में 50MM औसत बरसात होती है, लेकिन इस बार बारिश औसत से 211 फीसदी ज्यादा हो गई।

5 जिलों में सामान्य से कम

जिलेवार बारिश की स्थिति देखें तो हनुमानगढ़, बांसवाड़ा, धौलपुर, झालावाड़ और प्रतापगढ़ जिलों में बारिश सामान्य से कम हुई है। सबसे ज्यादा बारिश सिरोही में 486MM हुई है।

इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

  • मौसम केन्द्र जयपुर ने 27 जून को अजमेर, भीलवाड़ा में भारी बारिश की चेतावनी जारी करते हुए यहां ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जबकि बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर एरिया को छोड़कर शेष जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है।
  • 28 जून : बांसवाड़ा, बारां, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़ के लिए ऑरेंज अलर्ट, जबकि शेष जिलों के लिए येलो अलर्ट।
  • 29 जून : अलवर, बांसवाड़ा, बारां, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, उदयपुर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

जयपुर शहर में रिमझिम, ग्रामीण इलाकों में अच्छी बारिश
जयपुर शहर में सोमवार को सांगानेर, टोंक रोड, एमआई रोड, गोपालपुरा, सोडाला समेत कई जगहों सुबह 11 बजे बाद हल्की बारिश हुई। इससे पहले रविवार देर शाम जयपुर के दिल्ली बाइपास पर शाहपुरा में 54, सांभर में 32, फुलेरा में 60, विराटनगर में 19 और रामगढ़ बांध में 18MM बरसात हुई। जयपुर में कल दिन का अधिकतम तापमान 30.8 और रात का न्यूनतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

पहली बरसात ही नहीं झेल पाई अस्पताल की नई बिल्डिंग

कोटा संभाग के सबसे बड़े मातृ एवं शिशु रोग हॉस्पिटल जेके लोन की नई बिल्डिंग मानसून की पहली बारिश के कारण सोमवार को टपकने लगी। देर रात तेज बारिश के बाद बिल्डिंग की छत में पानी भर गया। निकासी नहीं होने पर आईपीडी के तीसरे फ्लोर पर बारिश का पानी आ गया। इस फ्लोर पर बच्चों का वार्ड बना है। बारिश का पानी गैलरी व लिफ्ट में आ गया। सूचना मिलने पर हॉस्पिटल प्रशासन में हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में बिल्डिंग की छत पर जाने वाले गेट का ताला खुलवाकर छत पर भरे पानी की निकासी करवाई गई।

कोटा के रामगंज मंडी में लगातार मूसलाधार बारिश बनी हुई है। शहर के रेलवे के 3 अंडरपास 3 फिट तक भर गS। रिच्छड़िया गांव में पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरने से ग्रामीण में हड़कंप मच गया। वहीं, निमाना गांव में तेज बारिश से भील बस्ती में जल भराव की समस्या आ गई। जेसीबी से नाले के रास्ते को निहाल कर जल भराव की समस्या का समाधान किया गया।

सीकर के नीमकाथाना में हुई बारिश
सीकर जिले के नीमकाथाना सहित कई ग्रामीण इलाकों में सोमवार सुबह से झमाझम बारिश का दौर जारी हैं। सुबह भी जमकर बदलों की गड़गड़ाहट के साथ बारिश हुई। बारिश होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली हैं। बारिश के बाद मौसम भी खुशनुमा हो गया। ग्रामीण इलाकों में बारिश होने से पहाड़ों का पानी नदी नालों तक पहुंचा है। साथ ही जोहड़ तालाब में भी पानी से लबालब हो गए हैं।

अलवर के बानसूर में बारिश जारी
अलवर जिले के बानसूर में भी सोमवार सुबह बारिश का दौर जारी है। सुबह से ही घने बादल छाए हुए हैं। कई जगह तेज बारिश भी हुई है। इससे पहले नारायणपुर में रविवार को 2 घंटे तेज बारिश हुई थी। इससे खेतों में पानी भर गया और सुखे पड़े नदी नालों में पानी आया।

कालीसिंध का गेट खोलकर छोड़ा पानी

झालावाड़ और इससे लगते मध्य प्रदेश के इलाकों में कल हुई तेज बारिश के बाद कालीसिंध नदी में पानी की आवक बढ़ गई। इससे झालवाड़ में बने कालीसिंध बांध का एक गेट 15 सेमी. खोलकर 580 क्यूसेक पानी की निकासी की गई है।

बहरोड़ क्षेत्र में बरसा 50MM पानी
बहरोड़ सहित आसपास के इलाकों में सोमवार सुबह से रिमझिम तो कभी तेज बारिश जारी है। निचले इलाकों के मकानों और दुकानों में बारिश का पानी घुस गया। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बहरोड़, नीमराना, बानसूर, मुंडावर शाहजहांपुर, मांढण और हरियाणा बॉर्डर से लगते हुए इलाकों में करीब 50 एमएम बारिश हो चुकी है। वहीं अभी भी इलाकों में बारिश का दौर लगातार चल रहा है।

गंगानगर में सड़कों पर दुपहिया वाहन बहते दिखे
गंगानगर में कल देर शाम जोरदार बारिश हुई। बारिश के बाद पूरे शहर में ड्रेनेज सिस्टम खराब होने के कारण जगह-जगह पानी भर गया। एक फीट पानी में मोटरसाइकिल, स्कूटी बहते दिखाई दिए। पैदल और दुपहिया वाहन चालकों को शहर में आने-जाने में भारी परेशानी हुई। गंगानगर शहर के अलावा जैतसर, मिर्जेवाला में भी 3-3 इंच बरसात दर्ज हुई।

पाली में बिजली गिरने से किसान की मौत

पाली में रविवार शाम को बरसात के दौरान बिजली गिरने से दिनेश (21) पुत्र पन्नालाल चौधरी की मौत हो गई। दरअसल, खेत में अपने परिजनों के साथ काम कर रहा था। बुवाई के लिए बीज कम पड़ने पर वह बीज लेने के लिए खेत में खड़ी बाइक पर जैसे ही बैठा बिजली उस पर गिर गई। परिजन उसे तुरंत मारवाड़ जंक्शन हॉस्पिटल लाए जहां जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इससे पहले बारां में दो चचेरे भाइयों और चित्तौड़गढ़ में एक 10 साल की बच्ची की बिजली गिरने से मौत हो गई थी।

वहीं, पाली के सादड़ी में रविवार शाम बारिश हुई। रणकपुर अरावली पर्वतमाला में बादल छाने के साथ बिजली चमकी। बादलों की तेज गड़गड़ाहट के साथ रिमझिम तो कहीं झमाझम बारिश का दौर शुरू हुआ। नाड़ोल, मादा, सुथारों का गुड़ा में शाम 4 बजे बाद बारिश हुई। मादा गांव में हरियाला बाग में नीम के पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरी। इससे नीम का एक पेड़ कट कर गिर गया है। किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।