झूंझुनूं (मनोज टांक)
देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के सम्मान के लिये जयपुर का यूवक राज चौहान साइकिल यात्रा निकाल रहा है। राजस्थान के कोने कोने में जाकर यह शहीद परिजनों को सम्मान स्वरूप तिरँगा सौंप रहा है। हाल ही में झूंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी के गुढ़ाबावनी , दुड़िया व पोसाना के शहीद हुए , इनके घर रविवार को राज श्रंद्धांजलि देने पहुंचा तो कई यूवाओं ने राज का स्वागत किया।
पोसाना देश का ऐसा गांव है जहां 5शहीदों की प्रतिमाएं एक साथ एक स्मारक में लगी है। यहां माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। उसके बाद अंकेश खैरवा ने अपनी टीम के साथ राज का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इसके बाद 22 अक्टूबर को अरूरणाचल प्रदेश में हेलीकॉप्टर क्रैश में हुए शहीद रोहिताश्व खैरवा के घर पर जाकर शहीद को श्रद्धांजलि दी। उनके पिता विधाधर खैरवा को तिरंगा भेंट किया। देश के प्रति इस यूवक का प्रेम देखकर महिलाएं ने भी सम्मान किया। इसके बाद राज चौहान ने कठिन रास्तों से समस्याओं का सामना करते हुए दुड़ीया गांव के एक मां के दो लाल , दोनों शहीद के घर पहुंचा। एक गत साल और दूसरा हाल ही में 19 अक्तूबर को युद्धाभ्यास के दौरान वीरगति को प्राप्त शहीद जयसिंह बांगड़वा के घर पहुंचा। भगवान की मर्जी के अनुसार इस घर में राज चौहान को दूसरी बार जाना पड़ा। पहली बार शहीद जयसिंह बांगड़वा का छोटा भाई पिंटू बांगड़वा को श्रद्धांजलि देने के लिए आया था । तब राज चौहान को जयसिंह ही घर पर मिला था तब राज ने तिरंगा भी जयसिंह को भेंट किया था। और उसके 14 महीने बाद जयसिंह खुद भी देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए। शहीद जयसिंह को श्रद्धांजलि देकर उनके पिता ताराचंद बांगड़वा को तिरंगा भेंट किया। उसके बाद गुढ़ागौड़जी पहुंचने पर जेपी महला और वहा के दुकानदारों के द्वारा राज चौहान को माला पहनाकर स्वागत किया गया। उसके बाद राज चौहान गुढ़ा बावनी के सुमेर सिंह बगड़िया युद्धाभ्यास के दौरान 6 अक्तूबर को बबीना में भारत माता कि रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे उनके घर पहुंचा। वहा पर शहीद सुमेर सिंह बगड़िया को श्रद्धांजलि देकर शहीद के भतीजा नरेंद्र कुमार बगड़िया को तिरंगा भेंट किया। राज चौहान से बात करने पर बताया कि निस्वार्थ भाव से शहीदों के सम्मान के लिए राजस्थान के सभी शहीदों के घर पर साइकिल से जाकर श्रद्धाजली देता हैं , और उनके परिजनों को तिरंगा भेंट कर सम्मानित करता है। अब तक चौहान लगभग 115 शहीदों को श्रद्धांजलि दे चुका है।