Jodhpur : राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के कारण गर्भवती हुई एक नाबालिग बालिका का गर्भपात करने की अनुमति प्रदान की है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर ने जोधपुर के उम्मेद अस्पताल की अधीक्षक से कहा है कि नाबालिग का गर्भपात पूरी सावधानी के साथ किया जाए। अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने नाबालिग बालिका की जांच के बाद हाईकोर्ट को रिपोर्ट दी थी कि उसका गर्भपात किया जाना संभव है, हालांकि थोड़ी रिस्क रहेगी। इस रिपोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने यह अनुमति प्रदान की है।पाली जिले के देसूरी क्षेत्र की एक नाबालिग के साथ गांव के ही एक युवक ने दुष्कर्म किया था। इस कारण वह गर्भवती हो गई। इस मामले में दुष्कर्म का केस पुलिस थाने में दर्ज कराया गया था। अब नाबालिग के पिता ने हाईकोर्ट में याचिका पेश कर पहले दुष्कर्म और बाद में गर्भवती होने के कारण पीड़िता काफी मानसिक तनाव में है। उसका आग्रह है कि इस आवांछित गर्भ को गिराने की अनुमति प्रदान की जाए। इस अपील पर न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर ने 15 नवम्बर को उम्मेद अस्पताल के अधीक्षक से एक मेडिकल बोर्ड गठित कर पीड़िता की जांच करने का आदेश दिया था। मेडिकल बोर्ड को यह बताना था कि क्या गर्भपात संभव है। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की गई। मेडिकल बोर्ड का कहना था कि कम उम्र में गर्भपात करने का थोड़ा रिस्क तो रहता है, लेकिन ऐसा किया जाना संभव है। वहीं अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस बारे में पीड़ित के परिजनों ने लिखित में सहमति प्रदान कर दी है। न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर ने जोधपुर पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया कि पीड़िता को उम्मेद अस्पताल में पेश किया जाए। जहां सक्षम डॉक्टर पूरी सावधानी के साथ जितना जल्दी हो सके उसका गर्भपात करें।