जयपुर ( मनोज टांक )
राजस्थान की सियासत में गुरुवार का दिन अपनों के ही खिलाफ बयानबाजी में बिता। पहले सूबे के सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को एक टीवी चैनल के माध्यम से गद्दार कहा। फिर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने पहली बार सीएम अशोक गहलोत का नाम लेते हुए पलटवार कर गद्दार कहे जाने का जवाब भी दिया। शाम होते होते इस हाई वोल्टेज ड्रामा में मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढा भी कूद गए।
भारत जोड़ों यात्रा से पहले दो खेमों में बंटी दिख रही कांग्रेस का एक खेमा गहलोत को ही सीएम बने हुए देखना चाहता है तो दूसरा खेमा सचिन पायलट को सीएम देखना चाहता है। ऐसे में सीएम अशोक गहलोत के एक बयान के बाद यहां के कांग्रेस नेताओं में ही आरोप-प्रत्यारोप होने लगा है। सीएम अशोक गहलोत के बयान के बाद सचिन पायलट गुट के नेता राजेन्द्र गुढा ने पलटवार किया। उन्होंने सीएम गहलोत से सवाल किया कि आपने उन लोगों को मंत्री क्यों बनाया जो अमित शाह से 10-10 करोड़ रुपये लेकर आये? उनमें 5 लोगों को आपने मंत्री बना दिया।
“क्या कहा राजेंद्र गुढ़ा ने”
बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए राजेन्द्र गुढ़ा ने कहा कि यदि 80 फीसदी विधायक सचिन पायलट के साथ नहीं होंगे तो वे मुख्यमंत्री के लिये अपना दावा छोड़ देंगे। उन्होंने सीएम से सीएलजी की मीटिंग की मांग भी की। उन्होंने कहा कि गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी विधायक हैं उनके बारे में ऐसी बात कर रहे हैं उन्हें कैसा लग रहा होगा। उन्होंने कहा कि सीएम सचिन पायलट के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान में सचिन पायलट से बेहतर दूसरा कोई नेता नहीं है। उन्होंने कहा कि सीएम कहते हैं सचिन पायलट के साथ विधायक नहीं हैं, आज ही 4 विधायक उनके साथ गये हैं। इनके 102 विधायक में से 3 विधायक सचिन पायलट के साथ गये और एक मैं हूं। उन्होंने चैलेंज करते हुए कहा कि विधायकों की गिनती क्यों नहीं करा लेते?
बता दें कि राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट फिर से खुलकर आमने सामने आ गए हैं। सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार कहा तो सचिन पायलट ने भी पलटवार किया। सचिन पायलट ने कहा कि अशोक गहलोत के लीडरशिप में हमारी पार्टी दो बार चुनाव हारी। उन्होंने अशोक गहलोत के सभी आरोपों को निराधार बताया और कहा कि उन्हें इतना असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए और मिलकर काम करना चाहिए।