बीकानेर :
पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा ने बीकानेर में एक कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल को हॉल से बाहर निकाल दिया। दरअसल, मीणा मंच से भाषण दे रहे थे। उस वक्त कलेक्टर मोबाइल फोन पर बात कर रहे थे। मीणा इससे नाराज हो गए। उन्होंने कलेक्टर से कहा कि आप यहां से जाइये। तब कलेक्टर बाहर चले गए। बाद में लोगों के बुलाने पर वापस आ गए। उधर, आईएएस एसोसिएशन ने घटना पर कड़ा विरोध जताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखी है।
दरअसल, सोमवार सुबह बीकानेर के रविंद्र रंगमंच पर चल रहे कार्यक्रम के दौरान मीणा सरकार की योजनाओं के बारे में बोल रहे थे। इस दौरान मीणा ने पीछे मुड़कर देखा तो कलेक्टर मोबाइल फोन पर बात कर रहे थे। मीणा ने कहा- हम सरकार की योजनाओं पर बात कर रहे हैं। आप हमारी बात क्यों नहीं सुन रहे हैं। क्या इस सरकार पर ब्यूरोक्रेट इतने हावी हो गए हैं। इस पर कलेक्टर उठकर जाने लगे। मंत्री ने भी कह दिया- आप यहां से जाइये। इसके बाद कुछ अन्य लोगों ने कॉल किया और कलेक्टर को वापस बुलाया।
मैं पहली बार मिला
बाद में मीणा ने कहा- कलेक्टर के कामकाज की समीक्षा तो मीटिंग में होगी। हम अच्छा या बुरा तो नहीं जानते, लेकिन कैसा काम किया, ये मीटिंग में पता चलेगा। मैं पहली बार इन कलेक्टर से मिला हूं। अभी तो फोन का इश्यू था, जिस पर उनको कहना पड़ा।
मीणा ने बहुत कुछ ब्यूरोक्रेसी पर कहा लेकिन कलेक्टर ने एक शब्द भी नहीं बोला। वो उठे और हॉल से बाहर निकल गए। ये विवाद होने के बाद भी कलेक्टर की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।
मंत्री रमेश मीणा के खिलाफ उतरी आईएएस एसोसिएशन
बीकानेर कलेक्टर को बैठक से बाहर करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आईएएस एसोसिएशन ने घटना पर कड़ा विरोध जताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखी है। आईएएस एसोसिएशन के सचिव समित शर्मा ने सीएम को चिट्ठी लिखकर घटना की निंदा करते हुए एक्शन लेने की मांग की है।
एसोसिएशन ने कहा है कि मंत्री का इस तरह का व्यवहार निंदनीय है और किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। मंत्री के बार-बार इस रवैये को दोहराने से सरकार की छवि खराब होती है और ब्यूरोक्रेसी का मनोबल डाउन होता है। अगर किसी अफसर का काम खराब है तो प्रशासनिक तरीके से उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। राजस्थान परंपरागत रूप से जनप्रतिनिधियों और अफसरों के बीच बेहतर तालमेल और पार्टनरशिप के लिए जाना जाता है। इस तरह के हालात को रोका जाना चाहिए। इस तरह की घटनाओं से अफसरों का मनोबल प्रभावित होता है। इस तरह की घटना फिर से न हो इसके लिए उचित एक्शन लिया जाना चाहिए।