16वीं विधानसभा का पहला सत्र आज सुबह 11 बजे से शुरू हो गया है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया और कहा- यह भजन मंडली नहीं है। धारीवाल ने अचानक सत्र बुलाने पर आपत्ति जताई। वहीं पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित सभी कांग्रेस विधायक काली पट्टी बांधकर सदन में पहुंचे। कांग्रेस विधायक संसद में हुए हमले का विरोध कर रहे हैं। वहीं, कई विधायकों ने राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की कोशिश की, लेकिन नियमों का हवाला देकर प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने इसकी अनुमति नहीं दी।
सबसे पहले सीएम भजनलाल शर्मा और उसके बाद डिप्टी सीएम दीया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने शपथ ली। फिर एक-एक करके दूसरे विधायकों को शपथ दिलाई जा रही है। हिंडौन (करौली) से कांग्रेस विधायक अनिता जाटव शपथ लेते समय कई शब्द बोल नहीं पाई। वे बार-बार रुक गईं। 199 नए विधायकों काे शपथ दिलाने के लिए दो दिन के लिए यह विशेष सत्र बुलाया गया है।
कल होगा स्पीकर का चुनाव
सत्र के पहले दिन नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने का काम पूरा होने की संभावना है। गुरुवार को बचे हुए विधायकों को शपथ दिलाने के बाद स्पीकर का चुनाव होगा। अब तक के रिकॉर्ड के अनुसार पहले दिन ज्यादातर विधायक शपथ ले लेते हैं।
पिछली बार कांग्रेस सरकार के समय 15 जनवरी 2019 को 15वीं विधानसभा का पहला सत्र बुलाया गया था, पहले दिन 197 विधायकों की शपथ हो गई थी। राजस्थान विधानसभा में सर्वसम्मति से स्पीकर का चुनाव की परंपरा रही है। इस बार भी यही परंपरा निभाई जाएगी, वासुदेव देवनानी का सर्वसम्मति से स्पीकर चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है।
बिना पूरी कैबिनेट बने विधानसभा सत्र बुलाने की नई परिपाटी
अब तक मंत्रिमंडल की शपथ के बाद ही दिसंबर अंत या जनवरी में विधानसभा सत्र बुलाया जाता रहा है। इस बार मुख्यमंत्री और दाे उप मुख्यमंत्रियों के अलावा कैबिनेट में कोई नहीं है। बिना पूरी कैबिनेट के विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने पर कई तरह की चर्चा है। अब तक नई सरकार बनने के बाद पहले मंत्रियों की शपथ होती है, इसके बाद ही विधानसभा का पहला सत्र बुलाया जाता है। इस बार यह नई परिपाटी शुरू की गई है।
दो दिन ही सदन चलेगा, राज्यपाल का अभिभाषण नहीं होगा
नई विधानसभा के पहले सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण होता है, इस बार केवल दो दिन ही सदन चलेगा, इसलिए केवल शपथ का ही काम होगा। विधानसभा के नियमों के मुताबिक नई सरकार के गठन के बाद होने वाले पहले सत्र में विधायकों की शपथ और स्पीकर के चुनाव के बाद तीसरे दिन राज्यपाल का अभिभाषण होता है। इस बार दो दिन ही सदन की बैठक है, इसलिए राज्यपाल का अभिभाषण भी नहीं होगा। अब जब सदन की अगली बैठक बुलाई जाएगी, तब पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा। जनवरी में फिर सदन की बैठक बुलाए जाने के आसार हैं।