राजस्थान में इस बार 14 फरवरी को ‘मातृ-पितृ दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। शिक्षा विभाग ने यह कदम विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों से जोड़ने के उद्देश्य से उठाया है।
हर साल 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है, जिसे युवा वर्ग में काफी लोकप्रिय माना जाता है। हालांकि, इस बार शिक्षा विभाग ने बच्चों को पाश्चात्य संस्कृति से हटाकर भारतीय मूल्यों की ओर प्रेरित करने का निर्णय लिया है।
शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश
राजस्थान के प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। राज्य के सभी संयुक्त निदेशकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को इस फैसले की जानकारी दी गई है। हालांकि, आदेश में इस आयोजन के लिए कोई विशेष गाइडलाइन जारी नहीं की गई है, लेकिन निर्देश दिया गया है कि यह दिन सम्मानजनक तरीके से स्कूलों में मनाया जाए।
बच्चों में पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने की पहल
बीकानेर के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार, यह आयोजन सुबह की प्रार्थना सभा के दौरान किया जाएगा। इस मौके पर विद्यार्थियों को माता-पिता के प्रति सम्मान, कर्तव्य और जिम्मेदारी की भावना विकसित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इसके अलावा, अभिभावकों और बच्चों के बीच संवाद को बढ़ावा देने के लिए पेरेंट्स मीटिंग का आयोजन भी किया जा सकता है। शिक्षा विभाग का मानना है कि इस पहल से बच्चों को भारतीय संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों से जोड़ा जा सकेगा और वे पाश्चात्य प्रभाव से बच सकेंगे।