जयपुर:-राजस्थान को बुधवार को पहली वंदे भारत ट्रेन मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली इस सेमी हाईस्पीड ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। ट्रेन जयपुर से सुबह करीब 11.30 बजे दिल्ली कैंट के लिए रवाना की गई।
इस दौरान मोदी ने 17 मिनट का भाषण दिया। आखिर के दो मिनट में राजस्थान कांग्रेस में चल रही तनातनी का जिक्र किया। हालांकि, उन्होंने सचिन पायलट का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा, ‘मैं गहलोत जी का विशेष तौर पर आभार व्यक्त करता हूं कि इन दिनों वह राजनीतिक आपाधापी में…अनेक संकटों से गुजर रहे हैं। इसके बाद भी विकास के काम के लिए समय निकाल कर आए। रेलवे कार्यक्रम में हिस्सा लिया।’
सचिन पायलट ने मंगलवार को अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन किया था। आज वे दिल्ली में राहुल-प्रियंका समेत कांग़्रेस के बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं
जो काम आजादी के बाद होने थे, उनके लिए मुझ पर भरोसा कर रहे
मोदी ने गहलोत से कहा, ‘आपके दोनों हाथ में लड्डू है। रेल मंत्री राजस्थान से हैं और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी राजस्थान के हैं। जो काम आजादी के तुरंत बाद हो जाने थे, 70 साल बाद उनके लिए आप मुझ पर इतना भरोसा कर रहे हैं, यही मेरी मित्रता की ताकत है।’
मोदी के स्पीच की 3 बड़ी बातें, रेलवे के राजनीतिकरण का आरोप लगाया
- जब लोगों को स्थायी सरकार मिली, उसके बाद रेलवे में तेजी से बदलाव शुरू हुए। वंदे भारत ट्रेन से जयपुर, दिल्ली आना-जाना आसान हो जाएगा। यह ट्रेन राजस्थान के टूरिज्म को भी मदद करेगी। पुष्कर और अजमेर शरीफ आस्था के स्थल तक पहुंचने में लोगों को आसानी होगी। बीते दो महीनों में ये छठी वंदे भारत ट्रेन है, जिसे हरी झंडी दिखाई गई।
- वंदे भारत तेज रफ्तार से लेकर खूबसूरत डिजाइन तक से संपन्न है। देशभर में ट्रेन का गौरव गान हो रहा है। वंदे भारत पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन है, जो मेड इन इंडिया है। यह कॉम्पैक्ट और एफिशिएंट है, स्वदेशी सेफ्टी सिस्टम से लैस है।
- आज यह ट्रेन भारत को विकसित यात्रा की ओर ले जाएगी। देश का दुर्भाग्य रहा कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था को भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया। आजादी के बाद भारत को बड़ा रेलवे नेटवर्क मिला था, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा।
- जब से आधुनिक ट्रेनें शुरू हुईं तब से 60 लाख लोग इन ट्रेनों में सफर कर चुके हैं। तेज रफ्तार वंदे भारत की खासियत है। यह समय बचा रही है। देशभर में चल रहीं वंदे भारत ट्रेनों ने लोगों के ढाई हजार घंटे बचाए हैं। ये घंटे लोगों को अन्य कार्यों के लिए यूज हो रहे हैं। पहले राजनीतिक स्वार्थ ही तय करता था कब कौनसी ट्रेन चलेगी। कौन रेलमंत्री बनेगा? हालत ये थे कि रेलवे की भर्तियों में भी भ्रष्टाचार होता था। गरीब लोगों की जमीन छीनकर उन्हें नौकरियों का झांसा दिया गया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद ये पहला मौका है जब देश का रेल मंत्री राजस्थान से है। उन्होंने कहा कि ये खुशी की बात है इसलिए मैं उनसे अपील करता हूं कि बांसवाड़ा, टोंक, करौली जिलों को रेल नेटवर्क से जल्दी से जल्दी जोड़ा जाए। वहीं, प्रधानमंत्री के भाषण के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर उनके बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि आज अगर आधुनिक ट्रेन चल पा रही है क्योंकि डॉक्टर मनमोहन सिंह जी ने वित्त मंत्री के तौर पर आर्थिक उदारीकरण किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह भाषण लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखते हुए दिया है।
इससे पहले सुबह करीब दस बजे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जयपुर जंक्शन पहुंचे। जयपुर जंक्शन पर रेल मंत्री के साथ नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सांसद कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ सहित कांग्रेस-भाजपा के दूसरे नेता भी मौजूद रहे।
13 अप्रैल से इस ट्रेन में आम लोग सफर कर पाएंगे। अजमेर से जयपुर होते हुए दिल्ली कैंट तक जाने वाली यह ट्रेन सप्ताह में 6 दिन चलेगी। अजमेर से दिल्ली 5 घंटे और जयपुर से दिल्ली के लिए 4 घंटे का समय लगेगा।
जयपुर से दिल्ली कैंट तक जाएगी
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया, ’13 अप्रैल से गाड़ी 20977 अजमेर-दिल्ली कैंट वंदे भारत सुपरफास्ट एक्सप्रेस अजमेर से सुबह 6:20 बजे रवाना होकर दिल्ली कैंट 11.35 बजे पहुंचेगी। बीच में जयपुर, अलवर और गुड़गांव (गुरुग्राम) में ठहराव दिया गया है। जयपुर में 5 मिनट, अजमेर-गुड़गांव में दो-दो मिनट का ठहराव दिया गया है।
यह ट्रेन अजमेर से चलकर जयपुर सुबह 7.50 बजे पहुंचेगी। 5 मिनट रुकने के बाद 7.55 बजे रवाना होकर अलवर 9.35 बजे पहुंचेगी। यहां 2 मिनट का ठहराव दिया गया है। 9.37 बजे यहां से चलकर गुड़गांव (गुरुग्राम) 11.15 बजे पहुंचेगी। यहां भी 2 मिनट का ठहराव दिया गया है। 11.17 बजे गुड़गांव से रवाना होकर दिल्ली कैंट 11.35 बजे पहुंचेगी।
मार्च में हुआ था 3 दिन ट्रायल रन
इस ट्रेन का मार्च में तीन दिन ट्रायल किया गया था। तब इस ट्रेन को अजमेर से नई दिल्ली के बीच करीब 110 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलाया गया था। ट्रायल रन के दौरान ही ट्रेन में स्टाफ की तैनाती को लेकर अजमेर और जयपुर मंडल के कर्मचारियों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया था। दोनों ही मंडल के कर्मचारी संगठन अपने-अपने यहां से कर्मचारियों की टिकट चेकिंग और ऑपरेशन के लिए तैनाती चाहते थे।
अभी इन रूट्स पर चलती है वंदे भारत ट्रेन
वर्तमान में देश में कुल 13 वंदे भारत ट्रेनों का संचालन हो रहा है। पहली ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी के बीच जनवरी 2019 में शुरू की गई थी। इसके बाद यह अत्याधुनिक ट्रेन नई दिल्ली-वैष्णो देवी, गांधीनगर-मुंबई, दिल्ली-अंब अंदौरा (हिमाचल प्रदेश), चेन्नई-मैसूर, नागपुर-बिलासपुर, हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी, विशाखापट्टनम-सिकंदराबाद, मुंबई-साईंनगर शिरडी, मुंबई-सोलापुर और भोपाल-दिल्ली के बीच शुरू की गई। इसके अलावा पिछले सप्ताह से चेन्नई-कोयंबटूर और सिकंदराबाद-तिरुपति के बीच भी ट्रेन का संचालन शुरू हो गया है।
ऑटोमैटिक स्लाइड डोर: इस सेमी हाई स्पीड ट्रेन में लोगों की सिक्योरिटी का खास ध्यान रखा गया है। इसके सभी गेट ऑटोमैटिक हैं। ट्रेन के पूरी तरह रुकने पर ही गेट अपने आप खुलेंगे। ट्रेन के जरा से भी मूवमेंट पर दरवाजे नहीं खुलेंगे।
एक स्विच से पहुंचेगा आपका मैसेज: यात्रियों की सुविधा के लिए इसमें एक स्पीकर और स्विच लगाया गया है। यदि किसी यात्री को अपना मैसेज पायलट तक पहुंचाना है तो एक स्विच को ऑन करते ही उसकी आवाज पायलट रूम तक पहुंच जाएगी।
CCTV से लैस कोच: इस लग्जरी ट्रेन में रेलवे के द्वारा सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए। सभी कोच में CCTV के साथ ही फायर एक्सटिंग्विशर, फर्स्ट एड किट और इमरजेंसी बटन दिया गया है। ट्रेन को अगर किसी इमरजेंसी में रोकनी है तो इसके लिए बटन दबाना होगा।
लग्जरी बाथरूम: वंदे भारत ट्रेन के कोच के लिए लग्जरी बाथरूम तैयार किए गए हैं। इसका गेट भी ऑटोमैटिक होगा। गेट को टच करने पर बाथरूम का गेट खुलेगा। इसमें वेस्टर्न और इंडियन दोनों टॉयलेट होंगे। इसके अलावा कांच और अन्य सुविधाएं भी होंगी।
डिस्प्ले बोर्ड: हर कोच में डिस्प्ले बोर्ड होगा। जैसे ही अगला स्टेशन आएगा, इसमें अनाउंसमेंट किया जाएगा। डिस्प्ले बोर्ड पर इमरजेंसी नंबर व जरूरी इन्फॉर्मेशन भी डिस्प्ले होगी।