जयपुर/नई दिल्ली:-राजस्थान में सीएम के नाम की घोषणा के कयासों के बीच दिल्ली में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भाजपा ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सरोज पांडे और विनोद तावडे को राजस्थान के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। बीजेपी विधायक दल की बैठक रविवार को जयपुर में प्रस्तावित है। इसमें राजनाथ समेत तीनों पर्यवेक्षक सीएम के नाम को लेकर विधायकों का मन टटोलेंगे। वहीं, 15 दिसंबर तक राजस्थान के नए मुख्यमंत्री की शपथ भी हो सकती है, क्योंकि 16 दिसंबर से मलमास शुरू हो रहे हैं।
पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के बाद शुक्रवार दोपहर राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मुलाकात भी हो गई है। नड्डा और राजनाथ सिंह की मुलाकात के मायने निकाले जा रहे हैं कि हाईकमान ने पर्यवेक्षक काे राजस्थान के नए सीएम के लिए मैसेज दे दिया है। वहीं संसद भवन में प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने भी नड्डा और राजनाथ सिंह से मुख्यमंत्री के चयन और विधायक दल की बैठक को लेकर बातचीत की है।
सवाई माधोपुर विधायक किरोड़ी लाल मीणा ने भी राजनाथ सिंह से मुलाकात की। किरोड़ी लाल इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर चुके हैं। इधर, वसुंधरा राजे भी दिल्ली में हैं। गुरुवार रात वसुंधरा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। नड्डा और वसुंधरा के बीच सवा घंटे तक बातचीत हुई। वसुंधरा के साथ उनके बेटे दुष्यंत सिंह भी नड्डा के घर पहुंचे थे।
कंवरलाल मीणा बोले- दुष्यंत सिंह पर बाड़ेबंदी के आरोप गलत
उधर, बीजेपी सांसद दुष्यंत सिंह के कहने पर बाड़ेबंदी करने के ललित मीणा के पिता हेमराज मीणा के आरोप को बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा ने गलत बताया है। कंवरलाल मीणा ने कहा- किशनगंज विधायक ललित मीणा के पिता हेमराज मीणा ने जो आरोप लगाए हैं, वह सरासर गलत हैं। हम सब झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र के विधायक हैं। जीतने के बाद विधायक ललित मीणा सहित आरएसएस व भाजपा कार्यालय बारां गए थे। सुबह 6 बजे अपने-अपने घरों से हम सब गाड़ियों से जयपुर आए थे। आपसी सहमति से एक साथ होटल में रुके थे। बाड़ेबंदी जैसी बात कहना शरारतपूर्ण है। गलत है।
इस मामले को लेकर प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा- होटल वगैरह की बात मुझे नहीं पता, लेकिन यह सच है कि ललित मीणा के पिता से मंगलवार शाम मेरी मुलाकात हुई थी। मैं पिछले 24 घंटे में 32 से अधिक विधायकों से मिला था। प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा- मुझे ध्यान नहीं है और यह कोई खास बात नहीं है। यह जरूर कहूंगा कि कार्यकर्ताओं और विधायकों के लिए पार्टी कार्यालय मंदिर की तरह है और यहां आस्था रखी जानी चाहिए।
70 से अधिक विधायकों का किया था दावा
भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने के साथ ही 4 दिसंबर से सीएम पद को लेकर हलचल तेज हो गई थी। 40 से ज्यादा विधायक सोमवार और मंगलवार को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मिलने पहुंचे थे। दावा किया गया था कि 75 से अधिक विधायक मिलने आए थे। इधर, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी से भी करीब 30 से ज्यादा विधायक मिलने पहुंचे थे। हालांकि बुधवार से ही विधायकों की मुलाकात का दौर खत्म हो गया था।
विधायक बने सभी सांसदों का इस्तीफा हो चुका
विधायक बने भाजपा के चारों सांसदों का इस्तीफा हो चुका है। इनमें दीया कुमारी, किरोड़ीलाल मीणा, महंत बालकनाथ और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ शामिल हैं।
बीजेपी में पहला मौका जब सीएम पद को लेकर असमंजस
राजस्थान बीजेपी में यह पहला मौका है, जब मुख्यमंत्री को लेकर असमंजस बना हुआ है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। बीजेपी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके ही चुनाव लड़ती रही है, इसलिए कभी नतीजे आने के बाद असमंजस नहीं हुआ। पहले भैरोंसिंह शेखावत बीजेपी के सीएम चेहरे हुआ करते थे। 2003, 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में वसुंधरा राजे पहले से सीएम चेहरा घोषित थीं, इसलिए असमंजस नहीं हुआ था।
2003 और 2013 में वसुंधरा राजे का पहले से ही सीएम बनना तय था, इसलिए नतीजे आने के बाद ही सीएम की शपथ का टाइम तय हो जाता था, विधायक दल की बैठक में नाम की घोषणा केवल औपचारिकता ही रहती थी। दोनों ही बार वसुंधरा राजे ने 13 दिसंबर को शपथ ली थी।