जयपुर : उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने इनवेस्ट राजस्थान समिट में पत्रकार वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिये गये बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उन्होंने कहा है कि जिम्मेदार विपक्ष के नाते इनवेस्ट राजस्थान समिट में सरकार की खामियों और झूठे दावों पर सवाल उठाना मुख्यमंत्री जी को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने आलोचना तो कर दी, लेकिन अच्छा होता कि आलोचना से पहले वो स्वयं के गिरेबां में झांकते और इस बात का जवाब देते कि पिछले 4 वर्ष के कार्यकाल में राजस्थान औद्योगिक निवेश की दृष्टि से कहां पर खड़ा है ?
राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी बताने वाले मुख्यमंत्री ने राजस्थान को अपराध की दृष्टि से तो सिरमौर बना रखा है लेकिन औद्योगिक निवेश की दृष्टि से आज राजस्थान सिरमौर नहीं बन पाया है, इसका कारण क्या है ? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के विगत कार्यकाल में भी राजस्थान में निवेश समारोह आयोजित हुए थे, उनमें से कितने एमओयू धरातल पर आये?
उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग की जनवरी से जुलाई 2022 की अवधि की ताजा रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में 2019 में मात्र 3,958 करोड़ रुपये और 2021 में मात्र 4,092 करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश होना इस बात की पुष्टि करता है कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश का माहौल नहीं है। जादूगर ने अब ऐसे नीतियों में ऐसा कौनसा परिवर्तन कर लिया है जिससे वर्ष 2022 में अचानक इतनी 11 लाख करोड़ रुपये की बड़ी छलांग लगा लेंगे।
राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में 11 लाख करोड़ के निवेश का ऐलान सिर्फ कागजी दावे हैं। हकीकत तो यह है कि चुनावी वर्ष नजदीक आते ही मुख्यमंत्री को निवेशकों की याद आई है। वह कागजी घोड़े दौड़ाना बंद करें क्योंकि विगत वर्षों की स्थिति को देखते हुए धरातल पर निवेश का क्रियान्वयन होना दूर की कौडी ही साबित होगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अडानी समूह के प्रति अपने प्रेम को जगजाहिर करते हुए RTPP एक्ट की धज्जियां उड़ाते हुए बिना वित्तीय प्रतिस्पर्धा के सिंगल टेंडर एकल निविदा के माध्यम से 1042 करोड़ की लागत से 5.79 मीट्रिक टन कोयला इंडोनेशिया से आयात करने का काम सौंपा। कवई स्थित ऊर्जा संयंत्र में कोयलों की दरों में करीब 7 हजार 400 करोड़ रूपए से अधिक के अंतर के कारण प्रदेश के 1 करोड़ 39 लाख उपभोक्ताओं से लगातार 5 साल तक 7 पैसे प्रति यूनिट के रूप में अडानी शुल्क वसूलने का अधिकार भी अडानी ग्रुप को दिया है। वहीं जैसलमेर में सोलर पार्क के लिए 2397.54 हेक्टेयर की जमीन भी अडानी ग्रुप को सौंपी है।
एक तरफ कांग्रेस के राजकुमार राहुल गांधी जी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए प्रतिदिन अडानी समूह को लेकर केन्द्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हैं वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस आलाकमान को आंख दिखाते हुए अडानी समूह को बेशकीमती जमीनें लुटाकर उपकृत करने का काम कर रहे हैं। राहुल कुछ और कहते हैं और गहलोत जी कुछ और कहते हैं। राजस्थान की जनता सब समझ चुकी है कि कांग्रेस की कथनी और करनी में कितना फर्क है।