अयोध्या:-अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंगलवार 23 जनवरी को मंदिर में आम लोगों का दर्शन शुरू हो चुका है। रात 3 बजे से ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। रामलला के दर्शन के लिए कई राज्यों से लोग आए हुए हैं। जैसे ही मंदिर के गेट खुले तो लोगों में अंदर जाने के लिए होड़ सी मच गई।
दर्शन के लिए उमड़े हुजूम का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दोपहर में शयन के लिए बंद किए गए भगवान रामलला के कपाट एक घंटे पहले ही खोल दिए गए। रामलला के शयन के लिए पट दोपहर 12.30 बजे से 2 बजे तक बंद रहने थे, लेकिन भीड़ के चलते 1 बजे ही खोल दिए गए। लोगों को दर्शन के लिए छोटे-छोटे ग्रुपों में भेजा जा रहा है। एक बार तो लोग सिक्योरिटी तोड़कर ही भाग निकले।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर प्राण प्रतिष्ठा का वीडियो शेयर किया। पीएम ने लिखा- हमने कल यानी 22 जनवरी को अयोध्या में जो देखा, वह आने वाले कई सालों तक हमारी यादों में बना रहेगा। मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि अयोध्या इस समय त्रेतायुग जैसी लग रही है।
कल पीएम का उपवास खुलवाने वाले गोविंद देव गिरि ने कहा कि मुझे ऐसा लगा कि मैं अपने बेटे की मदद कर रहा हूं, जो देश का हीरो है।
जानकारी के मुताबिक, सुबह 7 बजे से 12.30 तक करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए। भीड़ को काबू करने के लिए 8 मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं।
मजिस्ट्रेट ड्यूटी में 8 अफसर तैनात
रामलला के दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रित करने के लिए डिप्टी कलेक्टर रैंक के 8 अफसरों को मजिस्ट्रेट ड्यूटी में तैनात किया है।
ऐसा लगा देश के हीरो अपने बेटे की मदद कर रहा हूं- गोविंद देव गिरि
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना 11 दिन का उपवास खोला। मोदी को गोविंद देव गिरि ने जल पिलाया और उनका व्रत तोड़ा। मोदी का उपवास खुलवाने के बाद गोविंद देव भावुक हो गए। उन्होंने कहा, ‘मुझे ऐसा लगा, जैसे मैं अपने बेटे की मदद कर रहा हूं, जो देश का हीरो है और अपना उपवास तोड़ रहा है।’ प्राण प्रतिष्ठा के लिए मोदी ने 11 दिन का अनुष्ठान किया था, जो 22 जनवरी को खत्म हुआ।
गोविंद देव ने बताया, ‘हमने सोचा कि उन्हें (मोदी को) शहद और दो बूंद नींबू के मिश्रण वाला पानी पिलाएंगे। लेकिन कल (22 जनवरी) ही उन्होंने कहा कि मुझे सिर्फ भगवान राम का चरणामृत ही पिलाइए। ये बात उन्होंने मुझसे कान में आकर कही। इसके बाद हमने योजना बदल दी। मेरे मन में मां की ममता जागी। मुझे लगा कि मैं देश के हीरो अपने बेटे की मदद कर रहा हूं, जो आज अपना व्रत खोल रहा है।’