बीकानेर:-बीकानेर में कांग्रेस की शनिवार को जिलास्तरीय बैठकभारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन मौजूदगी में राहत मंत्री गोविंद मेघवाल ने कहा कि ‘मुझे भी खरीदने के प्रयास किए गए थे, मेरे पास रिकार्डिंग भी पड़ी होगी। उन्होंने कहा कि मैंने कहा, पशु बेचे- खरीदे जा सकते है इंसान नहीं।
बीकानेर की जिला स्तरीय बैठक में राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि वर्ष 2018 के विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने बीकानेर में तीन सीटें जीती थी। इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन मंत्री और 4 बोर्ड निगम जिम्मेदारी देकर मंत्री का दर्जा दिया है पूरा अब हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि की पार्टी के लिए काम करें और आने वाले विधानसभा में सभी सातों सीटों पर पार्टी चुनाव जीत सके। राहत मंत्री गोविंद मेघवाल ने कार्यकर्ताओं से किया आह्वान करते हुए कहा किथोड़ी बहुत नाराजगी हो सकती है लेकिन ये समय सबके एकजुट होने का है । उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे घी और खिचड़ी मिलने के बाद अलग नहीं होते, कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेताओं के बीच भी यही स्थिति होनी चाहिए।
राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने केंद्रीय कानून राज्यमंत्री और बीकानेर के भाजपा सांसद अर्जुन मेघवाल पर सीधा निशाना करते हुए कहा कि पीएम मोदी के सहारे तीन बार जीत गए है, सीएम गहलोत ने विकास के ऐतिहासिक काम किए है, खाजूवाला में रिकॉर्ड विकास कार्य हुए है, बस अब सबको एकजुट होकर मेहनत करनी है और कांग्रेस सरकार वापस आ रही है। राहत मंत्री गोविंद मेघवाल के इस बयान के बाद प्रदेश में फिर से चर्चा जोरों पर होने लगी है कि आखिर सीएम गहलोत समर्थित मंत्री इस तरह के बयान बाजी देकर क्या करना चाहते हैं। ऐसा करने से तो एकता नहीं होगी। पायलट समर्थित नेता और कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के बयान देने से तो आने वाले समय में एकता की जगह आप से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला बढ़ेगा और माहौल भी खराब होगा।
हाईकमान के निर्णय से पहले इस तरह की बयानबाजी को रोकने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव काजी निजामुद्दीन की मौजूदगी के बावजूद भी इस तरह के बयान देना कहां तक सही है। यह भी कहा जा रहा है कि एक रणनीति के तहत माहौल को खराब करने के लिए अब यह सब बयान बाजी हो रही है।
उल्लेखनीय है कि गोविंद मेघवाल पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के शासनकाल में संसदीय सचिव थे। वे नाराज होकर कांग्रेस में शामिल हुए थे।