रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली:भट्टी विक्रमार्क डिप्टी सीएम बने,11 मंत्री भी शपथ लेंगे;सोनिया,राहुल और प्रियंका मौजूद

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हैदराबाद:-कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी ने 7 दिसंबर को तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। भट्टी विक्रमार्क डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। 11 मंत्री भी शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण कार्यक्रम एलबी स्टेडियम में हो रहा है। इसमें सोनिया गांधी, राहुल, प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हुए।

तेलंगाना कैबिनेट में मंत्री पद पाने वाले नेताओं की लिस्ट…

1) कोंडा सुरेखा 2) कोमाटी रेड्डी वेंकट रेड्डी 3) जुपल्ली कृष्णा राव 4) भट्टी विक्रमार्क 5) उत्तम कुमार रेड्डी 6) पोन्नम प्रभाकर 7) सीताक्का 8) श्रीधर बाबू 9) थुम्मला नागेश्वर राव 10) पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी 11) दामोदर राजनरसिम्हा

राहुल ने लगाई थी रेवंत के नाम पर मुहर
तेलंगाना में कांग्रेस की जीत के बाद 5 दिसंबर को दिल्ली में पार्टी नेताओं की बैठक हुई। इसमें राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल सहित कई सीनियर नेता मौजूद थे। बैठक में राहुल गांधी ने रेवंत रेड्डी के नाम पर मुहर लगी थी। रेवंत तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।

पहले 6 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह होना था
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेलंगाना में पार्टी की जीते के बाद से सीएम पद के लिए रेवंत रेड्डी का नाम लगभग तय था। 6 दिसंबर की शाम उनका शपथ ग्रहण समारोह भी होना था, लेकिन पार्टी में विरोध के चलते इसे रद्द करना पड़ा।

सीएम के रूप में रेवंत रेड्डी के शपथ ग्रहण का विरोध करने वालों में तेलंगाना के पूर्व कांग्रेस प्रमुख एन उत्तम कुमार रेड्डी, पूर्व सीएलपी नेता भट्टी विक्रमार्क, पूर्व मंत्री कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, पूर्व डिप्टी सीएम दामोदर राजनरसिम्हा थे। इन नेताओं ने रेवंत रेड्डी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।

यह पहला मौका नहीं है, जब रेवंत रेड्डी को पार्टी में विरोध का सामना करना पड़ा। जब 2021 में उन्हें तेलंगाना कांग्रेस का प्रभार सौंपा गया था, तब भी उन पर पद पाने के लिए करोड़ों रुपए देने का आरोप लगा था।

उत्तम कुमार ने भी CM पद के लिए दावेदारी पेश की थी
एन उत्तम कुमार रेड्डी ने 5 दिसंबर को कहा था कि वह भी मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं। दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए उत्तम कुमार ने कहा- मैं सात बार से विधायक और पार्टी का वफादार हूं। आर्म्ड फोर्स में सेवा करने का अनुभव भी है, इसलिए मैं सीएम बनने योग्य हूं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी नेतृत्व जो भी फैसला करेगा, वो मुझे मंजूर होगा।

कांग्रेस ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव में 64 सीटें जीतीं
तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों पर 30 नवंबर को वोटिंग हुई थी, रिजल्ट 3 दिसंबर को आया। इसमें कांग्रेस ने 64 सीटें जीतीं। सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) को 39 सीटें मिलीं।

भाजपा को 8, AIMIM को 7 और एक सीट CPI के खाते में गई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्‌डी और कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने 3 दिसंबर की रात राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया था।

रेवंत रेड्डी तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद हैं
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद रेवंत रेड्‌डी को तेलंगाना का डीके शिवकुमार कहा जाता है। उन्होंने कामारेड्‌डी और कोडंगल सीट से चुनाव लड़ा था। कामारेड्‌डी सीट से उन्हें भाजपा नेता के वेंकट रमन्ना रेड्डी ने हरा दिया। वहीं, कोडंगल सीट से उन्होंने जीत दर्ज की। कामारेड्डी सीट से पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव ने भी चुनाव लड़ा था।

महबूबनगर जिले के कोंडारेड्डी पल्ली में जन्मे 54 साल के रेवंत का पूरा नाम अनुमुला रेवंत रेड्डी है। उस्मानिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट रेवंत ने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा की स्टूडेंट विंग ABVP से की थी। 2007 में वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर आंध्र प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी चुने गए।

बाद में आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू के न्योते पर वे तेलुगु देशम पार्टी (TDP) में शामिल हो गए। 2009 में उन्होंने TDP के टिकट पर आंध्र प्रदेश के कोडंगल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के पांच बार के विधायक गुरुनाथ रेड्डी को हराया। नायडू ने उन्हें विधानसभा में पार्टी का नेता भी बना दिया।

TDP में इस बात की चर्चा होने लगी कि रेवंत कांग्रेस से नजदीकी बढ़ा रहे हैं। 2017 में TDP ने उन्हें अपने नेता सदन के पद से हटा दिया। कुछ दिनों बाद ही रेवंत कांग्रेस में शामिल हो गए। 2018 के चुनाव में रेवंत फिर कोडंगल से लड़े और हार गए।

2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने मल्कानगिरी सीट से चुनाव लड़ा और पहली बार संसद पहुंचे। जून 2021 में कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें सीनियर नेता एन. उत्तम रेड्डी की जगह तेलंगाना की कमान सौंपी। इससे एक खेमा काफी असंतुष्ट था।

रेवंत कैश फॉर वोट मामले में जेल में भी रहे। उन पर LLC चुनावों में पैसे देकर वोट खरीदने का आरोप लगा। मौजूदा चुनाव में भी उन पर पैसे लेकर पार्टी टिकट देने के आरोप लगे। तेलंगाना सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री के बेटे KTR ने तंज कसते हुए रेवंत से पूछा था कि क्या रेट (टिकट का) चल रहा है रेड्डी?

रेवंत का विवाह संयुक्त आंध्र प्रदेश के कद्दावर नेता जयपाल रेड्डी की भतीजी गीता से हुआ। गीता के परिवार के शुरुआती विरोध के बावजूद रेवंत अपने प्यार को शादी के बंधन तक पहुंचाने में कामयाब रहे।