गोगामेड़ी के हत्यारों पर 5 लाख का इनाम:अंतिम दर्शन के लिए गांव में जुटे लोग,चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात;अलवर-हनुमानगढ़ रहा बंद

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जयपुर:-श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के हत्यारों पर गुरुवार को 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। फरार दोनों आरोपी रोहित सिंह राठौड़ और नितिन फौजी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें राजस्थान के अलावा अन्य प्रदेशों में भी छापेमारी कर रही हैं। उधर, सुखदेव सिंह की आज शाम उनके पैतृक गांव हनुमानगढ़ के गोगामेड़ी में अंतिम संस्कार होगा।

बुधवार देर रात एसएमएस हॉस्पिटल में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम कराया गया था। गुरुवार सुबह जयपुर से एंबुलेंस से शव रवाना किया गया, जो शाम करीब 4 बजे उनके पैतृक गांव पहुंचा। यहां पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। इससे पूर्व जयपुर के राजपूत सभा भवन में समाज के लोगों ने अंतिम दर्शन किए। इधर, हत्या के विरोध में अलवर और हनुमानगढ़ शहर बंद रहा।

राजपूत सभा भवन से श्रद्धांजलि यात्रा रवाना हुई, जिस पर जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई। यात्रा भवानी निकेतन कॉलेज, चौमूं, रींगस, सीकर, लक्ष्मणगढ़, फतेहपुर, चूरू, तारानगर, साहवा, भादरा होते हुए गोगामेड़ी पहुंची।

भादरा से लेकर गोगामेड़ी तक चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए। गोगामेड़ी की ढाणी 9 डीपीएन में सुबह से ही लोग जुटना शुरू हो गए थे। यहां भी पुलिस बल तैनात किया गया। श्रद्धांजलि सभा के लिए टेंट बनाया गया है।

इससे पहले गोगामेड़ी हत्याकांड में 11 सूत्रीय मांगों पर सहमति बनी। जांच एनआईए को देने की अनुशंसा के बाद परिजन पोस्टमॉर्टम कराने के लिए तैयार हुए थे। मामले में 2 FIR दर्ज कराई गई थी। गोगामेड़ी की पत्नी शीला शेखावत ने हत्या का मामला दर्ज कराया है।

साथ ही आरोप लगाया कि पति ने सीएम और डीजीपी से 3 बार पुलिस सुरक्षा मांगी थी, लेकिन नहीं दी गई थी। मामले में श्याम नगर एसएचओ मनीष गुप्ता, बीट प्रभारी और बीट कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया था। दूसरी एफआईआर स्कूटी सवार ने दर्ज कराई है।

बुधवार को गोगामेड़ी की हत्या के विरोध में करणी सेना ने राजस्थान बंद का आह्वान किया था, जिसका असर प्रदेशभर में देखने को मिला था। बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई इलाकों में तोड़फोड़ की थी। जयपुर में गोपालपुरा, त्रिवेणी नगर और मानसरोवर में तोड़फोड़ की गई थी। कई चौराहों पर टायर जलाए गए। कई जगहों पर ट्रेनें रोक दी गई थी।

तीन दौर की बातचीत में हुआ था समझौता
हत्याकांड के बाद बनाई गई संघर्ष समिति की 8 घंटे में 3 बार प्रशासन-पुलिस से वार्ता हुई थी। पहली वार्ता बुधवार को दोपहर करीब ढाई बजे शुरू हुई थी। बैठक में राजपूत समाज के पदाधिकारी और पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ और एडिशनल कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए थे।

पहली वार्ता में पदाधिकारियों ने करीब दो दर्जन मांगें रखी थीं। उसके बाद कमिश्नर ने सचिवालय स्तर के अधिकारियों से बात की और दूसरी वार्ता बुलाई गई। लेकिन, कुछ मांगों पर सहमति नहीं बनने पर विफल रही। उसके बाद दोबारा अधिकारियों से बातचीत करने के बाद देर शाम को तीसरी वार्ता बुलाई गई, जिसमें जांच एनआईए को भेजने सहित अन्य 11 सूत्रीय मांगों पर सहमति बनी।

कुछ देर बाद ही गोगामेड़ी की पत्नी शीला शेखावत ने मांगें मानने से इनकार कर दिया था। वे बोलीं- शूटरों का एनकाउंटर नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा। उसके बाद पुलिस-प्रशासन हरकत में आ गया था। करीब एक घंटे तक समझाइश की। कुछ अन्य पदाधिकारियों से बातचीत करवाई तो मामला शांत हुआ और शव का पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए राजी हुई थी। मामले को लेकर डीजीपी उमेश मिश्रा ने एडिशनल कमिश्नर कैलाश बिश्नोई के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी। टीम में अधिकतर अफसर आनंदपाल एनकाउंटर वाले हैं। हत्यारों पर 5 लाख का इनाम रखा है।

इन मांगों पर सहमति

  • दोनों हत्यारों को पुलिस जल्द गिरफ्तार करेगी। आपराधिक साजिश में गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई, रोहित गोदारा और अन्य जो भी शामिल हो, उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
  • मामले की जांच एनआईए से कराई जाए और केस का ट्रायल फास्ट ट्रैक कोर्ट (विशेष न्यायालय एनआईए प्रकरण) में चले।
  • गोगामेड़ी को सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराने वाले अधिकारियों की भूमिका सामने लाने के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच कराने और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाए।
  • घटना के पहले और बाद में लापरवाही बरतने के संबंध में विभागीय जांच की जाएगी। इस विभागीय जांच के दौरान थानाधिकारी और बीट में तैनात स्टाफ को पुलिस लाइन जयपुर में ट्रांसफर किया जाए।
  • सुखदेव सिंह के परिजनों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी दिलवाई जाए।
  • घटना में घायल अजीत सिंह के परिजनों को भी आर्थिक सहायता दिलाई जाए।
  • गोगामेड़ी के परिवार के सदस्यों को जयपुर में पुलिस कमिश्नरेट और हनुमानगढ़ जिले में जिला पुलिस की ओर से हाई सिक्योरिटी सुरक्षा मिले।
  • सुखदेव सिंह के जयपुर में रहने वाले परिवार के सदस्यों और हनुमानगढ़ में रहने वाले परिजनों को हथियार लाइसेंस का आवेदन करने के 10 दिन में स्वीकृत किया जाए।
  • मामले के सभी गवाहों को जयपुर कमिश्नरेट या संबंधित जिले से सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।
  • सुखदेव सिंह की हत्या करने वाली गैंग के निशाने पर राजपूत समाज के कई प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। इनके खतरे का 7 दिन में आकलन कर उनको सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए।