राज्यसभा चुनाव में नामांकन प्रक्रिया पूरी, कई सांसदों का निर्विरोध चुना जाना तय, नड़ड़ा और वैष्णव ने भी भरा नामांकन

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नई दिल्ली :

राज्यसभा चुनावों के लिए कैंडिडेट्स की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 20 फरवरी तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। राज्यसभा की 56 सीटों पर 27 फरवरी को वोटिंग होगी। कई सांसदों का निर्विरोध चुना जाना तय है, जबकि कर्नाटक, यूपी में सीटों की तुलना में ज्यादा प्रत्याशी होने के कारण वोटिंग से सांसद चुने जाएंगे।

राज्यसभा में सबसे ज्यादा 10 सीटें उत्तर प्रदेश में खाली हैं। इसके बाद महाराष्ट्र और बिहार में 6-6, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 5-5, कर्नाटक और गुजरात में 4-4, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान में 3-3, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में 1-1 सीट खाली है।

राज्यसभा में NDA के सांसदों की संख्या 114 है, जिसमें भाजपा के 93 सांसद हैं। कांग्रेस के 30 सांसद हैं। उच्च सदन के 50 सदस्य 2 अप्रैल को रिटायर होंगे, वहीं 6 सांसद 3 अप्रैल को रिटायर होंगे।

भाजपा के कुछ फैसले हैरान करने वाले
BJP ने राजस्थान में भी तीसरा कैंडिडेट के नाम का ऐलान नहीं किया। उत्तर प्रदेश में नामांकन के आखिरी दिन 8वां कैंडिडेट उतारा। भाजपा ने राज्यसभा से रिटायर हो रहे 28 में से केवल 4 सांसदों को ही दोबारा राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया है। वहीं 7 केंद्रीय मंत्रियों को राज्यसभा के लिए दोबारा नॉमिनेट नहीं किया है।

इनमें स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जूनियर आईटी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर, पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव, मत्स्य पालन मंत्री परषोत्तम रूपाला, उद्यम मंत्री नारायण राणे और जूनियर फॉरेन मिनिस्टर वी मुरलीधरन शामिल हैं। इस बात के भी मजबूत संकेत मिल रहे हैं कि इनमें से कई को लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया जा सकता है।