मध्यप्रदेश/ राजस्थान( मनोज टांक)
पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने गुरुवार को राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, राबर्ट वाड्रा, काग्रेस संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल के साथ मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में भारत जोडो पदयात्रा मे कदमताल मिलाया है। सचिन पायलट के साथ अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष और विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा और कांग्रेस विधायक विधायक वाजिद अली भी बुहरानपुर राहुल गांधी की भारत जोडो पदयात्रा मे शामिल होकर प्रदेश की राजनीति को नया संकेत दिया। इस मुलाकात के बाद प्रदेश की राजनीति में एक नई हलचल शुरू हो गई है।
अब तक यह माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की राजनीति को कुछ हद तक अपने काबू में कर लिया है । लेकिन अचानक आए बदलाव के बाद अब यह भी एहसास होने लगा है कि सीएम गहलोत की पकड़ पहले की तरह नहीं है यही कारण है कि वह चाह कर भी अपने कट्टर समर्थक बगावत करने वाले संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, सरकारी मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी और राजस्थान पर्यटक विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को भारत जोड़ो यात्रा के प्रबंध में सक्रिय भूमिका निभाने की जिम्मेदारी नहीं दिला पाए। प्रभारी अजय माकन के कड़े रुख और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे को पत्र लिखने के बाद व्यापक बदलाव देखने को मिल रहा है।
सीएम गहलोत की सरकार को 4 साल पूरे होने जा रहे हैं लेकिन इसका जश्न अब पहले की तरह जोशीला होने की संभावना कम नजर आ रही है। हालांकि सीएम गहलोत की कोशिश होगी कि वह अलवर के मालाखेड़ा में राहुल गांधी के विदाई के वक्त उनकी सरकार के 4 साल का जश्न मनाएं। यह संभव होगा या नहीं यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा लेकिन राजनीतिक बदलाव के कारण अब कुछ हो सकता है। इसी संकेत को देखते हुए राजस्थान की राजनीति में एक नई हलचल बनी हुई है। इसका असर हिमाचल और गुजरात चुनाव के बाद आएगा या पहले यह कहना भी संभव नहीं लगता। लेकिन यह बात सही है कि बदलाव निश्चित तौर पर सत्ता और संगठन दोनों में ही देखने को मिल सकता है।
बुधवार रात को बुहरानपुर सभा मंच से नीचे खडे सचिन पायलट का नाम पुकारने पर मंच पर उपस्थित राहुल गांधी ने तेज आवाज में पुछा “सचिन जी यहां आ गये,मंच पर सचिन पायलट को बुलाओ”!मंच संचालक ने तब बकायदा सचिन पायलट को मंच पर आमंत्रित किया ओर राहुल गांधी ने सचिन पायलट से हाथ मिला हालचाल जाना, सचिन पायलट ने सभा को संबोधित भी किया।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तथा संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल से राजस्थान की राजनीति के बारे में विस्तार से चर्चा की है। इस चर्चा का परिणाम क्या कुछ सामने आएगा यह तो कुछ समय बाद ही पता लग पाएगा लेकिन यह निश्चित है कि राजस्थान में कुछ बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।
आखिर सचिन पायलट यह तो जता दिया कि उनके सीधे तौर पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से संबंध है। यही कारण है कि अब राजस्थान में बगावत करने वाले तीनों नेताओं को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के प्रबंधन से अलग कर दिया गया है। सचिन पायलट ने भी संकेत दिए हैं कि उनकी मुलाकात अच्छे वातावरण में हुई है और उसका परिणाम भी सकारात्मक आएगा। यह बात सही है कि मौजूदा स्थिति में सरदारशहर उपचुनाव और गुजरात के चुनाव के बाद राजस्थान में संगठन और सत्ता में व्यापक बदलाव किए जाने की आसारअब तेजी से बढ़ने लगे हैं।
इधर राजस्थान के जयपुर में प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों को लेकर बुधवार को राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक बुलाई गई थी। उस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच आपसी समन्वय की कमी देखने को मिली। दोनों नेताओं ने नजर नहीं मिला और ना ही बातचीत की। इससे यह स्पष्ट होता है कि आने वाले समय में प्रदेश की राजनीति में कुछ होने वाला है और यह भी स्पष्ट है सीएम गहलोत के मुताबिक निर्णय नहीं होने के संकेत हैं। अब चाहे जो भी हो लेकिन आने वाले दिसंबर माह में राजस्थान में व्यापक बदलाव के आसार बनते नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी ने जिस प्रकार से सचिन पायलट को तर्जी दी है उससे लगता है कि अब कुछ हो सकता है ।