सचिन पायलट की राहुल से कभी भी मुलाकात संभव,नई जिम्मेदारी के साथ ही संगठन और मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल के संकेत !

Jaipur

जयपुर:-राहुल गांधी के स्वदेश लौटने के साथ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहा विवाद अब समाप्त होने के कगार पर है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के बीच इस मसले को लेकर अंतिम बातचीत हो चुकी है।  उसका संदेश सीएम गहलोत तक संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल के माध्यम से भेजा जा चुका है। सचिन पायलट 1 दिन जयपुर रुकने के बाद वापस दिल्ली चले गए हैं। उनकी मुलाकात राहुल गांधी से शीघ्र होने की बात सामने आ रही है। यह स्पष्ट तौर पर कह दिया गया है कि सचिन पायलट को निश्चित तौर पर कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। 

सचिन पायलट की मांग यही है कि 25 सितंबर की बगावत के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस की अनुशासन समिति द्वारा संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ अनुशासनहीनता के नोटिस पर कार्रवाई की जाए! इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के घोटालों, आरपीएससी  के पुनर्गठन और पेपर लीक  से पीड़ित लोगों को मुआवजा देने के मामले में जांच कमेटी बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है  है।

सीएम गहलोत इस जिद पर अड़े हुए हैं कि वे 25 सितंबर की बगावत के दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। अगर केंद्रीय नेतृत्व स्वीकार कर देता है तो निश्चित रूप से सीएम गहलोत की स्थिति कमजोर होगी। इसीलिए वे इस स्थिति को बदलने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। संगठन की दृष्टि से व्यापक बदलाव की बात भी सामने आ रही है। विधानसभा और लोकसभा को ध्यान में रखते हुए पार्टी संगठन में कई नए लोगों को जिम्मेदारी देने की बात सामने आ रही है।

जयपुर में संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल और  सीएम गहलोत के बीच मंत्रणा क्या कुछ हुई इसकी चर्चा भी जोरों पर है। कहने को तो इस मंत्रणा में मुकुल वासनिक,  प्रभारी  सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी साथ रहे। लेकिन यह कहा जा रहा है कि वेणुगोपाल और सीएम गहलोत के बीच अलग से भी मंत्रणा हुई है। इसके बाद केसी वेणुगोपाल राहुल गांधी  और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे के साथ पटना यात्रा भी करके आए हैं। अब दिल्ली में सचिन पायलट भी मौजूद है और उनकी मुलाकात राहुल गांधी से होनी है किसी के पास राजनीतिक बदलाव का फैसला भी होगा।

उदयपुर चिंतन शिविर के अनुरूप संगठन में युवाओं को को लाने के लिए कुछ नए फैसले भी होना जरूरी है। इसी को देखते हुए अब राजस्थान में चार नए कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की कवायद शुरू हो गई है।  इसके अलावा प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा उपाध्यक्ष, दो दर्जन महामंत्री और व्यापक पैमाने पर प्रदेश मंत्री बनाए जाने की  कवायद चल रही है। नए जिला अध्यक्षों की घोषणा भी शीघ्र किए जाने की बात भी सामने आ रही है। राजस्थान में 15 नए जिले बनने के साथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी ज्यादा बनेंगे। 1 जुलाई से नए जिले स्थित में आ जाएंगे उसी के साथ संगठन में भी उसी के आधार पर फेरबदल की बात सामने आ रही है। मंत्रिमंडल में फेरबदल  के संकेत  मिल रहे हैं। 

सचिन पायलट की बातों को केंद्रीय नेतृत्व महत्व दे रहा है।  इसके लिए सत्ता और संगठन दोनों में परिवर्तन की बात सामने  आ रही है। दो उपमुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल के संकेत मिल रहे हैं। सचिन पायलट की मांगों पर समितियों का गठन  कर दिया जाएगा जिससे कि मौजूदा टकराव की स्थिति को टाला जा सके।  केंद्रीय नेतृत्व को दोनों नेता यह वादा करके आए हैं कि हम अपने स्वार्थों को छोड़कर पार्टी हित में एक साथ चुनाव लड़ेंगे । दिल्ली में हुई बैठक के दौरान सीएम गहलोत और सचिन पायलट ने केंद्रीय नेतृत्व को अपने भाग्य का फैसला करने की जिम्मेदारी दे दी थी। 

अब  फैसला दोनों नेताओं के मनमाफिक नहीं होगा यह तय है। राहुल गांधी से सचिन पायलट की मुलाकात हो जाती है तो निश्चित तौर पर सीएम गहलोत को भी दिल्ली जाना पड़ेगा और जो फैसला होगा उसे मानने के लिए मजबूर होना  ही पड़ेगा। कांग्रेस के कई बुजुर्ग विधायक जिसमें भरत सिंह, अमीन खान, रामनारायण मीणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, हेमाराम चौधरी, गुरमीत सिंह  कुंनर मंत्रियों के भ्रष्टाचार पार्टी की खराब स्थिति चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में अब पार्टी में एक नई चर्चा भी शुरू हो गई है की परिस्थितियां ठीक नहीं है। कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा अभी तक इन नाराज लोगों से बातचीत नहीं कर पाए हैं।