नई दिल्ली:-दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया शराब नीति केस में पिछले 139 दिनों से जेल में बंद हैं। आज सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है।
मनीष ने 6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में बेल के लिए याचिका डाली थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और बेला एम त्रिवेदी की बेंच मनीष की जमानत अर्जी पर सुनवाई करेगी।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 जुलाई को मनीष को जमानत देने से मना कर दिया था। वहीं ट्रायल कोर्ट ने 31 मार्च को मनीष को बेल देने से इनकार कर दिया था।
मनीष सिसोदिया को CBI ने इस साल 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। वे तिहाड़ जेल में हैं। 3 जून को हाई कोर्ट ने बीमार पत्नी से मिलने के लिए मनीष को 7 घंटे की जमानत दी थी।
सीबीआई की जांच, 26 फरवरी को गिरफ्तारी
सीबीआई ने 17 अगस्त को सिसोदिया और अन्य 13 के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी। जिसके बाद लगातार जांच होती रही। 26 फरवरी को भ्रष्टाचार के मामले में एजेंसी ने सिसोदिया को अरेस्ट किया। शराब नीति मामले की सीबीआई जांच का आदेश जुलाई में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की एक शिकायत के आधार पर दिया गया था।
जहां उन्होंने कुछ व्यक्तियों और शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए कथित तौर पर नियमों में बदलाव किए जाने की विस्तृत जांच की मांग की थी। ऐसे सुझाव भी थे कि सत्ता में बैठे लोगों को रिश्वत दी जा रही थी, जो कि सिसौदिया तक पहुंच रही थी, जिनके पास एक्साइज डिपार्टमेंट था।
ईडी की जांच, 9 मार्च को गिरफ्तारी
ईडी ने CBI की FIR कॉपी के आधार पर 22 अगस्त 2022 को शराब घोटाले में सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। करीब 10 महीने तक जांच-पड़ताल करने के बाद 1 जून को ईडी ने अपनी जांच पूरी की। ईडी ने इस मामले में चार चार्जशीट दाखिल की।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि उनके पास सिसोदिया के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। ईडी के मुताबिक, सिसोदिया ने सबूत छिपाने के लिए 14 फोन और 43 सिम कार्ड बदले। जिनमें से पांच सिम सिसोदिया के नाम पर ही थे। जिसके बाद ED ने 9 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को अरेस्ट कर लिया।
ED ने मनीष सिसोदिया की 2 प्रॉपर्टीज सील की
ED ने 7 जुलाई को 52.24 करोड़ की प्रॉपर्टीज जब्त की थी। इसमें दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और उनकी पत्नी सीमा सिसौदिया की 2 प्रॉपर्टीज सील की गई हैं। उनके 11 लाख रुपए के बैंक बैलेंस को भी होल्ड पर रख दिया गया है।
इसके अलावा, अमनदीप सिंह ढल्ल, राजेश जोशी, गौतम मल्होत्रा सहित सिसोदिया के अन्य करीबियों की प्रॉपर्टी भी जब्त की गई है। ED ने यह कार्रवाई बिजनेसमैन दिनेश अरोड़ा को गिरफ्तार करने के बाद की। दिनेश को सिसोदिया का करीबी माना जाता है।
ED ने मई में फाइल की अपनी सप्लिमेंट्री चार्जशीट में जिक्र किया था कि दिनेश, सिसोदिया के खास हैं। वे एक अन्य बिजनेसमैन अमित अरोड़ा से पैसे लेकर सिसोदिया तक पहुंचाते थे। उन्होंने अमित को फायदा पहुंचाने और शराब नीति में बदलाव करने के लिए सिसोदिया को करीब 2.2 करोड़ की घूस पहुंचाई थी।
अब जानिए क्या है शराब नीति घोटाला
दिल्ली में पुरानी नीति के तहत L1 और L10 लाइसेंस रिटेल वेंडर को दिया जाता था। इसमें L1 दुकानें DDA के अप्रूव्ड मार्केट, लोकल शॉपिंग सेंटर, कन्वीनिएंट शॉपिंग सेंटर, डिस्ट्रिक्ट सेंटर और कम्युनिटी सेंटर में चला करती थीं।
दिल्ली में 17 नवंबर 2021 को शराब के लिए नई आबकारी नीति लागू होने तक 849 शराब की दुकानें थीं। इनमें से 60% दुकानें सरकारी और 40% निजी थीं।
17 नवंबर को नई शराब नीति को मंजूरी मिली थी
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर को नई शराब नीति को मंजूरी दी। इसके तहत दिल्ली में शराब की सरकारी दुकानों को बंद कर दिया गया। नई नीति को लागू करने के लिए दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया था।
हर जोन में 27 शराब की दुकानें थीं। इन दुकानों का मालिकाना हक जोन को जारी किए गए लाइसेंस के तहत दिया गया था। हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी गई।
सिसोदिया पर टेंडर फीस माफ करने का आरोप
उपराज्यपाल और दिल्ली के सीएम को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार सिसोदिया ने उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना शराब नीति में बदलाव किया। जैसे कि कोरोना महामारी के नाम पर 144.36 करोड़ रुपए की टेंडर लाइसेंस फीस माफ करना।
आरोप है कि इससे शराब ठेकेदारों को फायदा पहुंचा। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इससे मिले कमीशन का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव में किया। नई शराब नीति में तमाम खामियों के बाद चार महीन के भीतर ही नई शराब नीति को वापस ले लिया गया था।