New Delhi : बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 दोषियों की रिहाई को लेकर गुजरात सरकार ने सोमवार को जवाब दिया है लेकिन कोर्ट इससे संतुष्ट नजर नहीं आया। सुनवाई कर रही बेंच ने कहा है कि यह जवाब बड़ा भारीभरकम है और इसमें तथ्यों की कमी है। कोर्ट ने कहा कि इस हलफनामे में अदालती फैसलों को भर दिया गया लेकिन तथ्य छोड़ दिए गए।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को गुजरात सरकार के हलफनामे पर जवाब देने के लिए 29 नवंबर तक का वक्त दिया है। बता दें कि गुजरात सरकार ने इस बार 15 अगस्त पर गुजरात दंगों के समय बिलकिस बानो गैंगरेप और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषियों को रिहा कर दिया था। इसके बाद तीन याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार के इस फैसले के खिलाफ अर्जी दी।
जस्टिस अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, इस हलफनामे में केवल लाइन से कोर्ट के फैसलों के बारे में बताया गया है। जबकि तथ्यात्मक बातों को जगह मिलनी चाहिए थी। यह बड़ा भारीभरकम जवाब है। इसमें दिमाग का इस्तेमाल कहां किया गया है? जस्टिस सीटी रविकुमार वाली बेंच ने कहा है कि गुजरात सरकार ने जो जवाब दिया है उसकी प्रति सभी पक्षों को दी जाएगी।