जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग सोमवार को फाइनल हो गई। केंद्र शासित प्रदेश की 90 सीटों में नेशनल कॉन्फ्रेंस 51 और कांग्रेस 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 5 सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी। 2 सीटें CPI (M) और पेंथर्स पार्टी को मिली हैं।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, सलमान खुर्शीद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हामीद कर्रा ने सोमवार को श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सुप्रीमो फारूक अब्दुल्ला के घर जाकर मुलाकात की। नेताओं के बीच घंटों चली मीटिंग के बाद सीट शेयरिंग पर बात बनी।
वेणुगोपाल ने कहा- ‘भाजपा जम्मू-कश्मीर की आत्मा को नष्ट करने की कोशिश कर रही है। हमारे INDIA ब्लॉक का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की आत्मा को बचाना है, इसलिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में एक साथ आए हैं। हम एक साथ लड़ेंगे, जीतेंगे और सरकार बनाएंगे।’
कांग्रेस ने कहा- भाजपा के भी NC और PDP से गठबंधन रहे
भाजपा के गठबंधन पर सवाल उठाए जाने पर वेणुगोपाल ने कहा- ‘भाजपा को ऐसा कहने का क्या नैतिक अधिकार है? भाजपा का NC और PDP के साथ गठबंधन रह चुका है। हर राजनीतिक पार्टी के अपने कार्यक्रम, अपना घोषणापत्र और वादे होते हैं। जब हम सरकार बनाएंगे तो एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम होगा।’
जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने कांग्रेस-NC गठबंधन पर कहा था, ‘कल तक फारूक अब्दुल्ला व उनकी पार्टी NC दावा कर रही थी कि किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी, आखिर रातों-रात ऐसा कौन सा डर पैदा हो गया कि वे एक-दूसरे से हाथ मिलाने को मजबूर हो गए। साफ है कि वे अपनी हार से डरे हुए हैं।’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी 21 अगस्त की शाम श्रीनगर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन और सीट बंटवारे को लेकर मीटिंग की। राहुल ने 22 अगस्त को कार्यकर्ताओं से कहा कि जम्मू-कश्मीर चुनाव में गठबंधन तभी होगा, जब कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं को इज्जत मिलेगी।
इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि अगर हमने जम्मू-कश्मीर का चुनाव जीत लिया तो पूरा देश हमारे कब्जे में होगा।
जम्मू-कश्मीर में तीन फेज में 18 सितंबर से वोटिंग होगी
इलेक्शन कमीशन ने 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है। राज्य में तीन फेज में वोटिंग होगी। यहां विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 46 है।
जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें
जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने 5 मई 2022 को अपनी रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें और 5 संसदीय सीटें यानी लोकसभा सीटें होंगी। डिवीजन की नजर से देखें तो जम्मू डिवीजन में 6 सीटें बढ़ाकर 43 विधानसभा सीटें की गई हैं और कश्मीर घाटी में 1 सीट जोड़कर 47 सीटें बनाईं गईं।
जम्मू डिवीजन के सांबा जिले में रामगढ़, कठुआ में जसरोता, राजौरी में थन्नामंडी, किश्तवाड़ में पड्डेर-नागसेनी, डोडा में डोडा पश्चिम और उधमपुर में रामनगर सीट जोड़ी गईं। वहीं, कश्मीर घाटी में कुपवाड़ा जिले में त्रेहगाम नई सीट शामिल की गई। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की 5 सीटें बनाईं गईं, जो बारामूला, श्रीनगर, अनंतनाग-राजौरी, उधमपुर और जम्मू हैं।
2014 में हुए थे आखिरी विधानसभा चुनाव
आखिरी बार 2014 में जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP और PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।