नई दिल्ली:-2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले के लिए कांग्रेस और I.N.D.I.A के 28 दलों के बीच सीट शेयरिंग बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। लोकसभा में कांग्रेस के बाद प्रमुख विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में उनकी पार्टी की भाजपा से सीधी टक्कर है।
उधर, महाराष्ट्र में शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने भी शुक्रवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में दादरा और नगर हवेली सहित 23 सीटों पर शिवसेना लड़ती रही है और वह मजबूती से लड़ेगी। इन दो बयानों के बाद कांग्रेस के लिए सीट शेयरिंग का फॉर्मूला निकालना आसान नहीं होगा।
न्यूज एजेंसी ANI ने शुक्रवार को सूत्रों के हवाले से बताया कि कांग्रेस पार्टी I.N.D.I.A के 28 दलों से सीट शेयरिंग पर जनवरी के पहले हफ्ते से बातचीत शुरू कर देगी। यह जानकारी कांग्रेस के 139वें स्थापना दिवस (28 दिसंबर) के ठीक एक दिन बाद आई है। पार्टी ने इस दिन नागपुर में लोकसभा चुनाव का एक तरीके से आगाज कर दिया।
TMC चीफ और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने 28 दिसंबर को राज्य में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की। उत्तर 24 परगना में एक रैली के दौरान ममता ने कहा कि हमें बीजेपी को सबक सिखाना है किसी अन्य पार्टी को नहीं। बंगाल में TMC की सीधी टक्कर बीजेपी से है। इंडिया ब्लॉक देश की सभी सीटों पर साथ चुनाव लड़ेगा। सीट शेयरिंग के मुद्दे पर सभी पार्टियों से खुले मन से बात की जाएगी।
शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने 29 दिसंबर को महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग पर कोई समझौता न करने के संकेत दिए। उन्होंने दावा किया कि शिवसेना महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी है। लोकसभा चुनाव में दादरा और नगर हवेली सहित 23 सीटों पर शिवसेना लड़ती रही है और वह मजबूती से लड़ेगी।
कांग्रेस भी एक नेशनल पार्टी है। उद्धव ठाकरे, राहुल गांधी, सोनिया गांधी मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल जैसे सीनियर नेता इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना (UBT), NCP (शरद पवार) और कांग्रेस गठबंधन में हैं। तीनों पार्टियां I.N.D.I.A का हिस्सा भी हैं।
उधर, 19 दिसंबर को उद्धव गुट के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कांग्रेस को अहंकारी बताया गया था। आर्टिकल में लिखा था- कांग्रेस सारा केक खुद ही खाना चाहती है। अब इंडिया अलायंस को एक सारथी की जरूरत है। अभी इंडिया अलायंस का रथ बिना सारथी के है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल 17 दिसंबर को बठिंडा में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे। पंजाब के सीएम भगवंत मान भी वहां मौजूद थे। जनसभा के दौरान केजरीवाल ने लोगों से पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटें मांग लीं। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है और AAP चीफ के इस बयान से साफ है कि पंजाब में सीट शेयरिंग को लेकर AAP और कांग्रेस में टकराव देखने को मिल सकता है।
अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के लिए पंजाब की सभी 13 सीटें मांगी है। वहां आम आदमी पार्टी की सरकार है और दिल्ली में भी पार्टी सत्ता में है। ऐसे में राजधानी में भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट शेयरिंग को लेकर पेंच फंस सकता है।
दिल्ली में लोकसभा की 7 सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था। राजधानी में AAP और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग आसान नहीं रहने वाली है। AAP चाहेगी कि सत्ता में होने के चलते उसे ज्यादा सीटें मिलें, वहीं कांग्रेस अपने पाले में ज्यादा से ज्यादा सीटें रखना चाहेगी।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने कांग्रेस से 6 सीटें मांगी थीं, लेकिन कांग्रेस 4 सीटें छोड़ने को राजी थी। अखिलेश का कहना था कि यदि मुझे यह पहले पता होता कि गठबंधन विधानसभा स्तर पर नहीं है तो कांग्रेस से कभी बात ही नहीं करता। अखिलेश ने कांग्रेस को चेतावनी भी दी थी कि यूपी में कांग्रेस के साथ वैसा ही व्यवहार किया जाएगा, जैसा हमारे साथ कांग्रेस मध्य प्रदेश में कर रही है।
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं। I.N.D.I.A में आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस के साथ ही लेफ्ट पार्टियां शामिल हैं। यानी 40 लोकसभा सीटों के लिए छह पार्टियां दावेदार हैं। कांग्रेस नौ सीटें मांग रही है तो वहीं लेफ्ट पार्टियां भी आधा दर्जन से अधिक सीटें चाहती हैं।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की कोशिश है कि कम से कम उन सभी सांसदों का टिकट सुनिश्चित हो जो 2019 में जीते थे। आरजेडी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने को आधार बनाकर अधिक सीटों पर दावेदारी कर रही है।
कांग्रेस पर ज्यादा सीटें छोड़ने का दबाव
I.N.D.I.A में शामिल पार्टियों के बीच सबसे बड़ा मुद्दा सीट बंटवारे का है। गठबंधन में शामिल ज्यादातर दल कांग्रेस पर ज्यादा सीटें छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजनीतिक परिस्थितियों के चलते कांग्रेस करीब 310 सीटों पर लड़ सकती है और करीब 230 सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ सकती है।
कांग्रेस और BJP के बीच गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, असम, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल, अरुणाचल, चंडीगढ़ और गोवा में सीधी टक्कर है। यहां पर कांग्रेस को छोड़कर I.N.D.I.A के 25 दलों में से किसी का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं है। इन राज्यों में 131 सीटें ऐसी हैं, जहां पर BJP 50% से ज्यादा वोटों से जीती है। यानी इन सीटों पर भी I.N.D.I.A के बजाय कांग्रेस को जोर लगाना होगा।
I.N.D.I.A के पीएम फेस पर एक राय नहीं पार्टियां
19 दिसंबर को दिल्ली में I.N.D.I.A की चौथी बैठक हुई थी। मीटिंग से एक दिन पहले ही JDU के विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए। ऐसा किया जाता है तब ही फायदा होगा। I.N.D.I.A में सिर्फ नीतीश कुमार ही स्वच्छ छवि वाले नेता हैं। उनकी ही छवि ईमानदार वाली है।
इस मीटिंग में ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। बाद में जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, जिसमें नीतीश की गैरमौजूदगी को लेकर कयासबाजी तेज हो गई। कहा गया कि नीतीश नाराज होकर समय से पहले बैठक छोड़कर चले गए।
बीजेपी ने लॉन्च किया लोकसभा चुनाव का कैंपेन सॉन्ग
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए ‘फिर आएगा मोदी’ कैंपेन सॉन्ग लॉन्च किया है। 10 मिनट के वीडियो की शुरुआत शंख की ध्वनि से होती है, जिसके बाद राम मंदिर, नए संसद भवन में सेनगोल की स्थापना सहित दूसरी सार्वजनिक रैलियों की क्लिप आती हैं।
वीडियो में विभिन्न क्षेत्रों में भारत की हालिया उपलब्धियों को भी दिखाया गया है, जिसमें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग भी शामिल है। साथ ही साथ ही जम्मू-कश्मीर से 370 अनुच्छेद हटना भी शामिल किया गया है। वीडियो में बीजेपी ने राहुल गांधी, सोनिया गांधी पर भी जमकर निशाना साधा है।