जयपुर:-भाजपा के सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद अब उनके बेटे और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत के खिलाफ ईडी शिकायत करने का फैसला किया है।
डॉ. मीणा ने गुरुवार को भाजपा मुख्यालय पर आयोजित पत्रकार सम्मेलन में कहा कि वे सबूतों के साथ वैभव गहलोत और फेयर माउंट होटल के मालिक रतन कांत शर्मा के खिलाफ ईडी में मामला दर्ज कराने जाएंगे। भाजपा सांसद डॉ. मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि होटल फेयरमाउंट में मॉरीशस की सेल कंपनी के द्वारा करीब 100 करोड़ का निवेश किया गया है। उन्होंने कहा कि यह पैसा सीएम गहलोत और उसके परिवार के सदस्यों का है। उनका आरोप है कि यह पैसा पहले हवाला के माध्यम से मॉरीशस पहुंचाया गया उसके बाद सेल कंपनी के जरिए होटल फेयरमाउंट में निवेश कर दिया गया।
भाजपा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि होटल फेयरमाउंट की कंपनी ट्राइटन होटल एंड रिसोर्ट प्राइवेट लिमिटेड और सेल कंपनी शिवनार होल्डिंग्स लिमिटेड 2007 में एक साथ रजिस्टर कराई गई थी। उन्होंने कहा कि शिवनार को बनाने के पीछे यही कारण था कि वह काले धन को मॉरीशस के रास्ते फेयरमाउंट में निवेश करें जिससे कि वह काला धन वाइट मनी में बदल सके।
उन्होंने कहा कि रमाकांत शर्मा इस पैसे को वैभव गहलोत और उनकी पत्नी हिमांशी गहलोत की कंपनी सनलाइट कार रिटेल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के जरिए हर साल लौटा रहे हैं। सनलाइट कार होटल वे अमाउंट, होटल ली मेरिडियन और उदयपुर में रमाकांत की ही होटल रफल को किराए पर कार प्रोवाइड कराने का काम करती है। जिसके जरिए हर साल करोड़ों रुपए का भुगतान किया जाता है।
भाजपा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि यह पूरा पैसा हवाला के जरिए लंदन में रहने वाले एक एन आर आई डॉक्टर के पास पहुंचा। उस डॉक्टर ने शिवना होल्डिंग्स लिमिटेड में यह पूरा पैसा निवेश कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं यह सब पूरे सबूत ईडी को देकर जांच की मांग करूंगा।
भाजपा सांसद डॉक्टर मीणा ने कहा कि बुधवार को ही प्रदेश के आईटी विभाग में लगभग 5000 करोड़ के घोटाले के आरोप में सीएम गहलोत के खिलाफ ईडी में शिकायत दर्ज की है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में सीएम गहलोत के एक रिश्तेदार राजेश सैनी शामिल है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में भी मामला दर्ज किया गया था। लेकिन सीएम गहलोत ने इस मामले में जांच करने की अनुमति प्रदान नहीं की।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आईटी विभाग के उप निदेशक कुलदीप यादव के यहां भी छापेमारी की थी जब वे फरार हो गए थे। कुलदीप यादव के खिलाफ 27 दिसंबर 2019 मामला दर्ज किया गया था लेकिन जांच नहीं हुई और एसीबी ने एफआर लगा दी थी । यही नहीं उस अधिकारी को बाद में पदोन्नति भी दे दी गई थी इससे यह प्रतीत होता है कि सीएम गहलोत के इस मामले में शामिल होने का अंदेशा है।