शरद पवार सातारा रैली में बोले-नई शुरुआत करेंगे:5 जुलाई को NCP की मीटिंग बुलाई,कहा-हमारे कुछ लोग भाजपा की चाल का शिकार हो गए

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मुंबई:NCP में बगावत के बीच शरद पवार सोमवार को गुरु पूर्णिमा के दिन सातारा के कराड में अपने गुरु पूर्व CM यशवंत राव चाव्हाण की समाधि पर पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भाजपा देशभर में चुनी हुई सरकारों को गिरा रही है। महाराष्ट्र में भी ऐसा ही हुआ है। महाराष्ट्र की जनता को एकजुट होकर अपनी ताकत दिखानी होगी।

उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र में जातिवाद की राजनीति नहीं चलेगी। हमारे कुछ लोग भाजपा का शिकार हो गए। बड़ों के आशीर्वाद के साथ हम नई शुरुआत करेंगे। हमने 5 जुलाई को पार्टी के सभी नेताओं की मीटिंग बुलाई है।’ कहा गया है, मीटिंग में सभी नेता एफिडेविट के साथ आएं।

वहीं NCP के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि शरद पवार के दौरे में जिस तरह से लोग जुट रहे हैं, विधायकों को पता होना चाहिए कि जब शरद पवार उनके इलाके में उनके खिलाफ दौरा करेंगे तो उनका क्या हाल होगा। उन्होंने पार्टी बनाई है, चुनाव चिन्ह उनका है। ना कि प्रफुल पटेल, नरेंद्र मोदी का।

पवार भी अपने समर्थक विधायकों से मिले
अजित पवार और 8 अन्य विधायकों के बगावत के बाद NCP ने सभी बागियों को डिस्क्वॉलिफाई करने के लिए विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर और चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि पार्टी की कमान शरद पवार के पास है। शरद ने 1999 में पार्टी की स्थापना की थी। अजित की पार्टी पर दावे से जुड़ी कोई भी अपील पर कार्रवाई करने से पहले उनके पक्ष को भी सुनें।

इस बीच पार्टी ने जितेंद्र आव्हाड को विधानसभा में विपक्ष का नेता और मुख्य सचेतक (Chief Whip) नियुक्त किया है। इससे पहले अजित पवार के पास ये जिम्मेदारी थी।

अपडेट्स…

  1. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी आज मातोश्री में पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ बैठक कर रणनीति पर चर्चा करेंगे।
  2. संजय राउत ने कहा- अजीत पवार का कैबिनेट में आने का मतलब है एकनाथ शिंदे जा रहे हैं। वे अब CM नहीं रहेंगे।
  3. NCP में दरार के बाद सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने शरद पवार को फोन कर समर्थन जताया।

अजित पवार करेंगे NCP पर दावा, बोले- पार्टी के 53 में से 40 विधायक साथ
उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अजित ने कहा कि उनके साथ पार्टी के 53 में से 40 विधायक हैं। यानी एक तिहाई से ज्यादा। उन्होंने NCP छोड़कर शिवसेना-भाजपा से हाथ नहीं मिलाया है, बल्कि NCP के तौर पर ही यह कदम उठाया है। हमने सभी सीनियर नेताओं को भी इसकी जानकारी दे दी है।

उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी में मेजॉरिटी को महत्व दिया जाता है। हमारी पार्टी 24 साल पुरानी है और युवा लीडरशिप को आगे आना चाहिए। ऐसे में पार्टी पर अधिकार को लेकर चुनाव आयोग में अजित पवार गुट का दावा मजबूत रहेगा और शरद पवार को पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ सकता है।

जयंत पाटिल ने कहा- ये नेता पार्टी के खिलाफ
NCP नेता जयंत पाटिल ने बताया कि हमने डिस्क्वॉलिफिकेशन की एक याचिका विधानसभा स्पीकर के पास दाखिल की है। इन 9 विधायकों ने किसी को नहीं बताया कि वे पार्टी को छोड़ने वाले हैं। ये पार्टी नियमों के खिलाफ है। हमने चुनाव आयोग काे भी एक पत्र लिखा है। हम इन 9 विधायकों के रवैये को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हालांकि, हमें यकीन है कि ये सभी विधायक NCP में लौट आएंगे। अगर वे आते हैं, तो हम उन्हें स्वीकार कर लेंगे।

पवार बोले- कांग्रेस और उद्धव के साथ समीक्षा करूंगा
शरद पवार ने कहा, ‘मुझे देश के हर कोने से समर्थन मिल रहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे और ममता बनर्जी ने मुझे कॉल किया। इसलिए मैं आज के घटनाक्रम से परेशान नहीं हूं।’

पवार ने बताया कि अगले दो-तीन दिन में वे कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के साथ बैठकर हालात की समीक्षा करेंगे। पवार ने कहा कि हमारी असली ताकत आज जनता है, उन्होंने हमें चुना है।

महाराष्ट्र में NCP में फूट के बाद आगे क्या…

शरद पवार का अगला कदम?
पवार के लिए सदमा है। हालांकि, उन्होंने यह झलकने नहीं दिया। यही कहा है कि फिर जनता के बीच जाएंगे। यानी वे हारे नहीं हैं।

NCP व चुनाव चिह्न पर अजित के दावे में कितना दम? अजित खेमे का दावा है कि NCP के मौजूदा 53 में 40 विधायकों का समर्थन के निशाने पर रहे हैं? है। शिंदे मामले में चुनाव आयोग ने संख्या देखते हुए शिंदे गुट के पक्ष में फैसला दिया था।

दलबदल कानून लागू होगा?
इस कानून की दो शर्तें हैं। जिस दल को नेता छोड़ रहा है, उसका दूसरे दल में विलय हो जाए। दो तिहाई विधायक सहमत हों। दोनों स्थितियां अजित के पक्ष में हैं। अजित पवार का दावा है कि उन्हें राज्य विधानसभा में NCP के कुल 53 विधायकों में से 40 से अधिक का समर्थन प्राप्त है। दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों से बचने के लिए अजित के पास 36 से अधिक विधायक होने चाहिए।

शिंदे गुट की धमक कम होगी?
शिंदे गुट की उपयोगिता खत्म सी हो गई है। 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत 145 पर है। शिंदे-फडणवीस सरकार के पास 160 का आंकड़ा था। अब 35 NCP विधायक हैं। भाजपा-शिवसेना के 10-10 मंत्री हैं। 23 पदों में 9 NCP के हो गए हैं। भाजपा ने शिंदे को 5 मंत्री हटाने का सुझाव दिया था। उन्हें भाजपा के निर्देशों पर अमल करना होगा।

भाजपा कितनी सफल रही?
NCP को साधकर भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिहाज से महाराष्ट्र को सबसे आसान राज्य की श्रेणी में ला खड़ा कर दिया है। जानकारों का मानना है कि पार्टी बिहार में भी ऑपरेशन लोटस पार्ट 2 ला सकती है।