जयपुर:-संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी से जुड़े 953 करोड़ के घोटाले को लेकर सीएम अशोक गहलोत व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आमने-सामने हैं।
भास्कर ने दिसंबर 2019 में पेश 35,000 पन्नाें की पहली और फरवरी 2023 में पेश 4,500 पन्नों की तीसरी चार्जशीट खंगाली।
एसओजी ने 19 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी। लेकिन किसी में भी गजेंद्र सिंह सीधे आरोपी नहीं हैं। हालांकि, नवप्रभा बिल्डटेक व ल्यूसिड फार्मा को आरोपी बनाया गया है, जिनमें गजेंद्र सिंह शेयर होल्डर थे।
आरोपियों जैसी गजेंद्र सिंह पर धाराएं नहींं
सीएम ने दावा किया था कि घोटाले में गजेंद्र सिंह अन्य आरोपियों के जैसी धाराओं में आरोपी हैं। लेकिन एसओजी की चार्जशीट में गजेंद्र सिंह, उनकी पत्नी व अन्य परिवारजनों को सीधे तौर पर आरोपी नहीं बनाया गया है।
यह है मामला
एसओजी की जांच के अनुसार सोसायटी ने 2009 से 2018 के बीच राजस्थान व गुजरात में 237 शाखाएं खोली। बेहतर रिटर्न का दावा कर 2.14 लाख लोगों से 953 करोड़ का निवेश कराया।
2018-2019 में घोटाला सामने आया, एसओजी में केस दर्ज हुआ। संजीवनी ने खातों में 1100 करोड़ के लोन दिखाए, जिनमें बोगस लोन 60 हजार हैं।
इन आरोपियों के खिलाफ पेश की चार्जशीट
एसओजी ने नवंबर 2022 में गिरफ्तार आरोपियों व कई फर्मों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने व आपराधिक षड्यंत्र सहित आईटी एक्ट की धारा 65 में तितम्बा चार्जशीट पेश की।
1. यशोपत सिंह
2. वासुदेव सिंह
3. राजेन्द्र सिंह
4. रामसिंह
5. उम्मेद सिंह
6. अमर सिंह
7. गिरधर सिंह
8. जसवंत सिंह
9. संजीवनी क्रेडिट सोसायटी जरिए अध्यक्ष व एमडी विनोद कंवर, नारायण सिंह, विक्रम सिंह, शैतान सिंह, देवी सिंह, नरेश सोनी, किशन सिंह, मोहन सिंह व अमर सिंह
10. डिलक्स विनट्रेड
11. जैकपॉट डवलपर्स
12. वाइड वाटर टेक्सफेब जरिए निदेशक राजेन्द्र सिंह
13. पीडी फायनेंसियल सर्विस लिमिटेड
14. सूर्यभूमि बिल्ड इंफ्रा
15. संजीवनी एडूइंफ्रा इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड
16. नवप्रभा बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड
17. ल्यूसिड फार्मा
18. पेसेफिक ऑन कॉल सर्विस
19. पेसेफिक इंफ्रा रियल्टी एलएलपी।
आरोपी यशोपत सिंह, वासुदेव सिंह, राजेन्द्र सिंह, रामसिंह, उम्मेद सिंह व अमर सिंह 23 नवंबर 2022, गिरधर सिंह 2 दिसंबर 2022 व जसवंत सिंह 5 दिसंबर 2022 से न्यायिक हिरासत में है।)
एसओजी ने इनके खिलाफ लंबित रखी जांच
एसओजी ने संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के लोन एजेंट, एडवाइजरी रिलेशनशिप मार्केटिंग एवं नगद व निवेश योजनाओं से जुड़े सभी मौजूदा व पूर्व कर्मचारियों, ऑडिटर्स व संचालकों के खिलाफ जांच लंबित रखी है।
वहीं, संजीवनी ग्रुप की सभी कंपनियों, उनके संचालकों विनोद कंवर, नारायण सिंह व मोहन सिंह की गिरफ्तारी व अनुसंधान के लिए जांच लंबित रखी है। गिरफ्तार आरोपी केवलचंद डाकलिया, गौतमचंद डाकलिया व दिनेश डाकलिया के खिलाफ भी अनुसंधान लंबित रखा है।
संजीवन के सीएमडी विक्रम सिंह सहित किशन सिंह, नरेश सोनी, शैतान सिंह व देवी सिंह पहले से ही गिरफ्तार हैं। एसओजी की पहली चार्जशीट में नवप्रभा बिल्डटेक कंपनी के शेयर संजीवनी सोयायटी को ट्रांसफर करने का हवाला है।
पहली बार भास्कर में संजीवनी घोटाले की चार्जशीट के 39,500 पन्नों की पड़ताल
सोसायटी की बैठकों में शेखावत का नाम ले कहते थे- पैसा सुरक्षित रहेगा
गवाह-1: तीन करोड़ रुपए जमा करवाने वाले प्रॉपर्टी कारोबारी पारसमल जैन ने एसआईटी को कहा- एजेंट पदमचंद भंसाली ने कहा था कि संजीवनी में पैसा सुरक्षित है क्योंकि जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह उनके साथ हैं।
वार्षिक समारोह में सीएमडी विक्रम सिंह बताते थे कि शेखावत उनके साथ हैं। बेफिक्र रहिए। कोई दिक्कत आई तो मानजी हत्था वाली 16 मंजिला बिल्डिंग आनंदा को बेचकर आपके पैसे चुकाएंगे।
सुरेंद्र कहता था- संजीवनी गजेंद्र सिंह की है, क्या उन पर भी भरोसा नहीं है?
गवाह-2: निवेशक सविता भाटी ने कहा- सुरेंद्र देवड़ा के कहने पर मैंने अपने रिटायरमेंट के 7 लाख रुपए जमा कराए। सुरेन्द्र कहता था कि संजीवनी गजेंद्र सिंह की है, क्या उन पर भरोसा नहीं है?
विक्रम बोला- मैं और शेखावत संजीवनी खोल रहे हैं, अच्छा मुनाफा मिलेगा
गवाह-3: सिवाना (बाड़मेर) के किराना व्यवसायी साबू सिंह ने पुलिस को दिए बयान में कहा- मैं विक्रम से मसाले लेता था। वर्ष 2008 में विक्रम ने कहा था कि मैं और गजेंद्र सिंह मिलकर संजीवनी सोसायटी खोल रहे हैं। आप भी इससे जुड़िए, अच्छा मुनाफा मिलेगा।
इस पर साेसायटी में मैंने पचास लोगों से निवेश करवाया। सोसायटी की अधिकतर मीटिंग में गजेंद्र सिंह व विक्रम शामिल होते, वे कहते थे कि इसमें पैसा डूबेगा नहीं।
गजेंद्र को पार्टनर बताया तो अपने व अन्य लोगों के 9.50 करोड़ रुपए जमा कराए
गवाह-4: शशि बरड़िया ने बयान में कहा- एजेंट उम्मेदचंद दावा करता था कि सोसायटी में गजेंद्र सिंह भी पार्टनर हैं। वार्षिक समारोह में वह आते भी थे। इस पर मैंने खुद सहित अन्य लोगों के 9.50 करोड़ जमा कराए।
2013: शेयर ट्रांसफर लिस्ट में परिजन
यह नवप्रभा बिल्डटेक कंपनी के शेयर हस्तांतरण की लिस्ट है। 2013 में गजेंद्र सिंह, उनकी पत्नी व मां के शेयर विक्रम को ट्रांसफर हुए हैं।
2016: संजीवनी के पैसे सेे शेयर खरीदे
चार्जशीट के अनुसार विक्रम व उसकी पत्नी ने गजेंद्र सिंह, उनकी पत्नी व पार्टनर्स के शेयर 2016 में खरीदे थे। ट्रांजेक्शन में संजीवनी का पैसा उपयोग हुआ।
झूठे आरोपों की जगह नए कानून से लोगों का पैसा क्यों नहीं दिलाते सीएम
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि एसओजी द्वारा पेश चार्जशीटों में मुझे दोषी नहीं बताया गया लेकिन सीएम सार्वजनिक रूप से मुझे व परिवार को अभियुक्त कहे जा रहे हैं।
रत सरकार ने कोऑपरेटिव सोसाइटी या अनरेग्युलेटेड डिपोजिट्स के लिए 2019 में नया कानून बनाया, जिस कानून के माध्यम से निवेशकों को उनका पैसा शीघ्रता से दिलाया जा सकता है, उस कानून के मुताबिक कार्रवाई करने की चेष्टा राजस्थान सरकार क्यों नहीं कर रही है?