राजस्थान के शिव क्षेत्र के हड़वा गांव में किसानों के अधिकारों की लड़ाई एक नया मोड़ ले चुकी है। बिजली कंपनियों द्वारा किसानों की ज़मीन पर खंभे लगाने और बिजली की तारें बिछाने के लिए मुआवज़ा न दिए जाने के विरोध में, शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने शुक्रवार को किसानों का साथ देते हुए उनके आंदोलन को मजबूती दी।
किसानों का विरोध और समस्या
5 दिसंबर से जारी धरने में किसानों ने बिजली कंपनियों और प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाए। किसानों का आरोप है कि “इलेक्ट्रिसिटी एक्ट” के तहत उन्हें ज़मीन के इस्तेमाल के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं, लेकिन उचित मुआवज़ा देने की कोई पहल नहीं की गई।
किसानों ने दो टूक कहा कि जब तक मुआवज़ा नहीं मिलेगा, तब तक बिजली कंपनियों का काम रुक जाएगा।
विधायक का समर्थन और पैदल मार्च
विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने किसानों का समर्थन करते हुए उनके साथ पैदल मार्च किया और शिव तहसील कार्यालय तक प्रदर्शन में हिस्सा लिया। विधायक ने किसानों के अधिकारों के लिए प्रशासन से दो-टूक बात करते हुए कहा,
“किसानों का हक छीना नहीं जाएगा। जब तक मुआवज़ा नहीं मिलेगा, तब तक काम आगे नहीं बढ़ेगा।”
प्रशासन को सख्त संदेश
तहसील कार्यालय में विधायक ने प्रशासन और बिजली कंपनियों को साफ चेतावनी दी कि वे किसानों के साथ किसी भी तरह का अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन का काम जनता के हितों की रक्षा करना है, न कि कंपनियों का पक्ष लेना।
विकास विरोधी नहीं, न्याय के समर्थक
विधायक भाटी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह लड़ाई विकास के खिलाफ नहीं है, बल्कि अन्याय के खिलाफ है। किसानों ने उनके समर्थन का स्वागत किया और अपनी लड़ाई को मजबूती से जारी रखने का संकल्प लिया।
किसानों और विधायक के इस आंदोलन ने प्रशासन और कंपनियों पर दबाव बढ़ा दिया है। आगे की रणनीति को लेकर चर्चा जारी है।