कोटा में स्टूडेंट्स से बोलीं सीतारमण-कल बेहतर होगा:केंद्रीय मंत्री ने स्टूडेंट्स को किया मोटिवेट, कहा- हताश नहीं होना, हर दिन एक जैसा नहीं होता

Kota Rajasthan

कोटा :- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रविवार को एक दिन के दौरे पर कोटा पहुंची। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रविवार तड़के दूरंतो एक्सप्रेस से कोटा पहुंची। यहां उन्होंने सबसे पहले कोचिंग स्टूडेंट्स से मुलाकात की। वे जवाहर नगर स्थित कोचिंग संस्थान में बच्चों से संवाद करने के लिए पहुंची। जहां बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स मौजूद रहे। स्टूडेंट से बात करते हुए उन्होंने बच्चों को मोटिवेट किया। निर्मला सीतारमण ने स्टूडेंट से संवाद किया। इस दौरान एक स्टूडेंट ने कहा कि देश में रोजगार की कमी क्यों है तो इसके जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा कि आप अपने लक्ष्य को ध्यान में रखो। आप जिस भी स्ट्रीम की तैयारी कर रहे हैं उस पर फोकस करो। अपना स्किल बढ़ाओ, जॉब आपके हाथ मे होगी। वही एक स्टूडेंट ने कहा कि स्टार्टअप के मामले में रैंकिंग भारत की कम है। इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि स्टार्टअप, बिजनेस शुरू करना सिर्फ केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी नहीं है बल्कि राज्यों की भी है।

आज केंद्र कई तरह की सुविधाएं स्टार्टअप को दे रहा है जिससे कि नए नए स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं। इस दौरान एक छात्रा ने कहा कि मैं जब से कोटा आई हूं तब से कई बार डिमोटिवेट हो जाती हूं, लगता है सिलेक्शन नहीं होगा तो क्या होगा। इस पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बड़ी बात है कि आप खड़े होकर इस बात को कह रहे है। आप अपने लक्ष्य को लेकर चिंतित है। जीवन में रोज उतार-चढ़ाव आते हैं। अगर एक दिन अच्छा नहीं गया तो खुद को मोटिवेट करो कि कल बहुत अच्छा होगा। आपकी मेहनत में कोई कमी नहीं है तो सफलता आपसे दूर नहीं है।छात्रा अपाला मिश्रा ने वित्त मंत्री से पूछा कि काफी मेहनत करने के बाद भी ऐसा लगता है कि सलेक्शन होगा या नहीं। कई बार कॉन्फिडेंस एकदम से कम हो जाता है। वित्त मंत्री ने कहा कि बिना अप्स-डाउन के लाइफ आगे बढ़ेगी ही नहीं। आपने जिस दिन इनको अपना लिया, आप समझो कि लक्ष्य प्राप्ति का आधा मार्ग आपने हासिल कर लिया। चुनौतियां आएंगी लेकिन आपको डटकर सामना करना होगा। छात्रा तमन्ना अग्रवाल ने वित्त मंत्री से पूछा कि मेडिकल की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स और मेडिकल कॉलेजों की सीटों के बीच इतना अंतर कैसे है। वित्त मंत्री ने जवाब में कहा कि भारत सरकार इस दिशा में काम कर रही है और हमारा प्रयास है कि भारत के लगभग हर जिले में मेडिकल कॉलेज हो।

बताओ, कौन कहां से है

केन्द्रीय मंत्री ने जब विद्यार्थियों से संवाद किया तो उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कोटा मिनी इंडिया है, तो बताओ कौन कहां से है ? उन्होंने हाथ उठाकर बोलने को कहा, इस पर केन्द्रीय मंत्री ने लगभग सभी राज्यों के नाम लिए और हर राज्य के बच्चों ने हाथ उठाकर और शोर मचाकर उपस्थित दर्ज करवाई। कश्मीर से कन्याकुमारी, नोर्थ ईस्ट तक के बच्चों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। सबसे ज्यादा बिहार और उत्तर प्रदेश के बच्चों ने अपनी मौजूदगी का अहसास करवाया। उन्होंने कहा कि कोटा मेरी नजर में ऐसा शहर है जो स्मार्ट है, जो हीरे तराशना जानता है। कोटा ने शिक्षा का महत्व समझा। देश के नामी आईआईटी और मेडिकल कॉलेज में जाने के लिए विद्यार्थियों को जो चाहिए वो कोटा देता है। कोटा ये जानता है कि स्कूल की शिक्षा और इंजीनियरिंग व मेडिकल के लिए होने वाली परीक्षाओं की शिक्षा में कितना अंतर है। इसे कैसे पूरा करना है। यहां के लोगों ने विद्यार्थियों के लिए वो सबकुछ विकसित किया है जो उन्हें चाहिए। यही कारण है कि देशभर से स्टूडेंट्स यहां आते हैं। ये बच्चे प्रतिभावान भी होते हैं लेकिन इन्हें तराशने की आवश्यकता होती है और यही कोटा करता है। इसमें मेहनत है, अध्ययन है और स्मार्टनेस है। इसलिए देश के हर राज्य से स्टूडेंट्स कोटा में हैं।

क्रेडिट आउटरीच में लोन

स्टूडेंट से संवाद के बाद इसके बाद निर्मला सीतारमण ने दशहरा मैदान में आयोजित क्रेडिट आउटरीच प्रोग्राम में स्ट्रीट वेंडर, पशु पालकों समेत विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं को लोन के चेक बांटे। 1580 करोड रुपए का लोन इस प्रोग्राम के जरिए लाभार्थियों को दिया गया।

निर्मला सीतारमण ने संबोधित करते हुए कहा कि गरीब तबके के लोग भी अपना व्यवसाय कर सके, इसके लिए सरकार की तरफ से कई स्कीम है। उन्हीं में से कई योजनाओं का फायदा आज इस कार्यक्रम के तहत लोगों को मिल रहा है।

मंच से उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की तारीफ करते हुए कहा कि सदन को चलाने से लेकर कोटा के विकास को लेकर ओम बिरला हमेशा चिंतित रहते हैं। उनके ही प्रयासों से कोटा में यह आयोजन हो रहा है। कार्यक्रम में पशुपालकों को पशुपालक किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 1.60 लाख रुपए, स्ट्रीट वेंडर्स को पीएम-स्वनिधि योजना से 10 हजार रूपए तथा उत्पादन, प्रसंस्करण तथा सेवा क्षेत्र में कार्यरत लघु उद्यमियों को 50 हजार रुपए तक का ऋण दिया।

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