नई दिल्ली:-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा कि आज दुनिया मान रही है कि यह भारत का समय है। ये कालखंड देश के लिए महत्वपूर्ण है। नया इतिहास बन रहा है। आज भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।
पीएम ने कहा कि जब देश संकल्प से भरा हो तब विदेश भी दुनिया के विद्वान आशावान हों। इन सबके बीच निराशा की बातें, भारत को नीचा दिखाने की बातें, भारत का मनोबल तोड़ने की बातें भी होती रहती हैं। कहीं पर भी शुभ होता है तो काला टीका लगाने की जरूरत होती है। तो आज इतना शुभ हो रहा है कि कुछ लोगों ने काला टीका लगाने का जिम्मा लिया है।
PM मोदी ने कहा कि मुझे देखकर अच्छा लगा कि इस कॉन्क्लेव की थीम ‘द इंडिया मोमेंट्स’ है। आज दुनिया के सभी इकोनॉमिस्ट कहते हैं कि इट इज इंडिया मोमेंट, लेकिन इंडिया टुडे जब यह दिखाता है तो यह स्पेशल हो जाता है। उन्होंने कहा कि यही समय है, सही समय है। यहां तक आने में 20 महीने लग गए। किसी भी राष्ट्र की विकास यात्रा में कई पड़ाव आते रहते हैं। 21वीं सदी में जो टाइम पीरियड आए वो अद्भुत हैं। अभी तक जो देश आगे बढ़े उनके सामने मुकाबला कम था।
आज भारत ग्लोबल फिनटेक अडॉप्शन रेट में सबसे आगे
आज जिन परिस्थितियों में भारत आगे बढ़ रहा है उसके सामने चुनौंतियां बड़ी और अलग है। आज सबसे बड़ी महामारी फैली, दो देश युद्ध में हैं। इस समय इंडिया मोमेंट आना अलग बात है। भारत ग्लोबल फिनटेक अडॉप्शन रेट में सबसे आगे है। भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा, स्टार्टअप्स सीन है।
पीएम ने कहा कि मैं 75 दिनों की बात करना चाहता हूं। इन 75 दिनों में शिवमोगा में एयरपोर्ट बना, सबसे बड़ा रिवर क्रूज चला, IIT धारवाड़ के कैंपस का उद्घाटन हुआ। भारत ने पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाकर ब्लैंडिंग की। भारत ने ई-संजीवनी की शुरुआत हुई। देश में 100% रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ। देश को 2 ऑस्कर मिले हैं।
इन 75 दिनों में हजारों विदेश जी-20 की बैठकों में शामिल होने के लिए भारत आए हैं। आज ग्लोबल मिलेट्स कॉन्क्लेव हुई। बैंगलुरु में 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि आए। भारत ने तुर्किए में ऑपरेशन दोस्त चलाया। मैं 75 दिन की बात इसलिए बता रहा हूं क्योंकि यही इंडिया मोमेंट हैं। पूरी दुनिया में भारतीय संस्कति का डंका बज रहा है। हमारे मिलेट्स भी पूरी दुनिया में फैल रहे हैं। दुनिया आज भारत का मिशन ग्लोबल गुड के लिए है। इसलिए दुनिया कह रही है दिस इज इंडिया मोमेंट।
पहले हादसों की खबरें आती थीं, अब नई ट्रेन चलने की खबर आती है
आज पर्यावरण से पॉजिटिव न्यूज के साथ नए हाईवे और एक्सप्रेसवे बनने की खबरें आती हैं। पहले रेल हादसों की खबरें आती थीं, आज नई ट्रेन चलने की खबरें आती हैं। यही बदलाव इंडिया मूवमेंट लेकर आया है।
जब देश संकल्प से भरा हो तब विदेश भी दुनिया के विद्वान आशावान हों। इन सबके बीच निराशा की बातें, भारत को नीचा दिखाने की बातें, भारत का मनोबल तोड़ने की बातें भी होती रहती हैं। कहीं पर भी शुभ होता है तो काला टीका लगाने की जरूरत होती है। तो आज इतना शुभ हो रहा है कि कुछ लोगों ने काला टीका लगाने का जिम्मा लिया है।
हमने 11 करोड़ टॉयलेट बनाए, 48 करोड़ को बैंकिंग से जोड़ा
गुलामी के कालखंड के चलते देश ने गरीबी का लंबा दौर देखा। यह जितना भी लंबा रहा हो यह बात शास्वत रही कि भारत का गरीब जल्दी से जल्दी गरीबी से बाहर निकलना चाहता था। वह चाहता है कि उसका जीवन बदले उसकी आने वाली पीढ़ियों का जीवन बदले। वह दो टाइम की रोटी तक सीमित नहीं रहना चाहता। पिछली सरकारों ने अपने प्रयास किए, उन्हें प्रयासों के हिसाब से परिणाम भी मिले, हमने अपनी स्पीड़ बढ़ाई। हमने देश में 11 करोड़ टॉयलेट बनाए। हमने 48 करोड़ लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा।
पीएम बोले- हमने 9 साल में 3 करोड़ से ज्यादा घर बनाए
अब घर बनाने का पैसा सीधा गरीब के खाते में भेजा जाता है। हमने पिछले नौ साल में 3 करोड़ से अधिक घर बनाकर गरीबों को दिए। हमारे यहां अक्सर महिलाओं के नाम प्रॉपर्टी नहीं होती है। दुकान, गाड़ी, जमीन पुरुष के नाम होती है। हमने जो घर बनाकर दिए उनमें ढाई करोड़ घर जॉइंट नाम से हैं। गरीब महिला खुद को सशक्त करेंगी तो इंडिया मूवमेंट आएगा या नहीं।
34 हजार गांवों में ड्रोन से सर्वे पूरा हुआ
पीएम ने कहा कि कुछ बदलावों की चर्चा तो मीडिया भी नहीं करता। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया की 30% आबादी के पास उनकी प्रॉपर्टी का कानूनी दस्तावेज नहीं है। यह वैश्विक विकास के सामने बहुत बड़ा अवरोध माना जाता है, लेकिन भारत इसमें भी सुधार कर रहा है। पीएम स्वामित्व योजना में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है। 34 हजार गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है। यहां प्रॉपर्टी कार्ड दिए जा चुके हैं। गांव के लोगों का यह डर भी कम हुआ है कि वे गांव से बाहर गए तो उनकी प्रॉपर्टी पर कब्जा हो जाएगा।
किसान सम्मान निधि से 11 करोड़ किसानों को मदद मिली
पहले देश के करोड़ों किसानों के पास बैंक खाते नहीं थे, हमने देश के किसानों के खाते में पीएम सम्मान निधि के तहत ढाई लाख करोड़ रुपए भेजे हैं, जिसका फायदा 11 करोड़ किसानों को हुआ है।
पहले दिल और दिल्ली की दूरी बहुत अखरती थी
मुझे संतोष है कि आज देशवासियों में यह विश्वास जगा है कि सरकार को उनकी परवाह है। एक वजह बताना चाहूंगा कि गवर्नेंस में ह्यूमन टच दिया है। जैसे वाइब्रेट विलेज योजना। दशकों तक बॉर्डर के विलेज को आखिरी गांव माना गया। हमने उन्हें पहला गांव होने का विश्वास दिया। नॉर्थ-ईस्ट के लोगों को पहले दिल की और दिल्ली की दूरी बहुत अखरती थी। अब अधिकारी वहां निमित विजिट करते हैं मैं भी नॉर्थ ईस्ट जाने की हाफ सेंचुरी मार चुका हूं।
आप कल्पना कर सकते हैं कि गवर्नेंस में ह्यूमन टच नहीं होता तो हम कोरोना के खिलाफ इतनी बड़ी लड़ाई नहीं लड़ सकते थे। यह हमारे इंस्टीट्यूशंस की ताकत है। भारत ने दुनिया को दिखाया है कि डेमोक्रेसी कैन डिलीवर। इंटरनेशनल सोलर अलायंस भारत के नेतृत्व में बना। सीडीआरआई भारत के नेतृत्व बना।
जीएसटी काउंसिल की वजह से देश में आधुनिक टैक्स व्यवस्था बनी है। देश में कोरोना के बीच भी अनेकों चुनाव हुए, सफलता पूर्वक हुए यह हमारे इंस्टीट्यूशंस की ताकत है। इन हमलों के बीच भी भारत अपने लक्ष्यों की तरफ ताकत से आगे बढ़ेगा और अपने लक्ष्यों को हासिल करेगा। जब भारत की भूमिका ग्लोबल हो रही है तो भारत की मीडिया को भी अपनी छवि ग्लोबल बनानी है।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 शुक्रवार को शुरू हुआ था। इसमें पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, अभिनेता रामचरण समेत तमाम केंद्रीय मंत्रियों और बड़ी हस्तियों ने अलग-अलग विषयों पर अपने विचार रखे। कॉन्क्लेव का यह 20वां एडिशन है।
पूर्व सीजेआई जस्टिस यूयू ललित बोले- रिटायरमेंट के बाद जजों का सरकारी पद लेना व्यक्तिगत फैसला
दूसरे दिन की शुरूआत में पूर्व सीजेआई जस्टिस यूयू ललित ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने यहां द शेप एंड सैंक्टिटी ऑफ कोर्ड एंड चेयर विषय पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जजों का रिटायरमेंट के बाद सरकारी पद लेना उनका व्यक्तिगत फैसला है।
अगर किसी को इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगता है तो वह ऐसे प्रस्तावों को स्वीकार कर सकता है, लेकिन मेरे जैसे लोग जिन्हें इस पर आपत्ति है, वे अपने जीवन में कुछ और कर सकते हैं। मैं वकील रह चुका हूं, मैं एक जज रहा और अब मैं एक प्रोफेसर के तौर पर काम कर रहा हूं।
जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि पत्रकार कप्पन जैसे केस में बेल न मिलने और मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपियों को निचली आदलत से बेल मिलने के सवाल पर कहा कि बेल देने का फैसला जजों के विवेक पर निर्भर करता सभी की अपनी राय हो सकती है। कई केसों में जज शायद इसलिए बेल देने का इंतजार करते हैं क्योंकि उन्हें लगता हो कि केस में अभी जांच पूरी होनी बाकी, मामले में कुछ और तथ्य सामने आ सकते हैं।
शुक्रवार को गृहमंत्री अमित शाह ने भी संबोधित किया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कॉन्क्लेव में कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद गरीबों के मन में सपना देखने की उम्मीद जगी है। आने वाले वक्त में जब देश आजादी की शताब्दी वर्षगांठ मनाएगा तब दुनिया में भारत आगे खड़ा दिखेगा।
जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के कार्यकाल से प्रधानमंत्री मोदी के कामों की तुलना किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा- सभी ने अपने-अपने समय में अच्छा काम करने का प्रयास किया है। अपनी-अपनी समझ-शक्ति और समय के हिसाब से काम किया है। क्योंकि हर समय में अलग-अलग चुनौतियां होती हैं।
हर व्यक्ति की अलग प्रकार की क्षमता होती है और उसका विजन होता है। मगर सभी ने अच्छा प्रयास किया है- मैं तो ये मानता हूं। जहां तक मोदी जी का सवाल है, मोदी जी ने भारत के लोगों के अंदर महत्वाकांक्षा को जीवित करने का काम किया है।