जयपुर:-पुलवामा शहीदों की तीन वीरांगनाएं सोमवार से सचिन पायलट के सरकारी बंगले के बाहर धरने पर बैठी हैं। तीनों वीरांगनाओं ने गांधी परिवार से मिलवाने की मांग पूरी होने तक पायलट के बंगले के बाहर ही धरने पर बैठे रहने की घोषणा की है। इसमें पुलवामा हमले में शहीद हुए रोहताश लांबा की पत्नी मंजू, शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला मीणा और जीतरात गुर्जर की पत्नी सुंदरी देवी शामिल हैं।
वीरांगनाओं का कहना है कि यहां सरकार हमारी सुन नहीं रही, इसलिए सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से मिलकर हम अपनी मांगें रखना चाहते हैं। सचिन पायलट की गांधी परिवार में अच्छी पैठ है। वे ही हमें गांधी परिवार से मिलवा सकते हैं। इसलिए पायलट के बंगले के बाहर बैठे हैं। हम पायलट से मिले थे। उन्होंने हमारी मांगों पर कार्रवाई करवाने का आश्वासन भी दिया, लेकिन इस सरकार की हम कैसे माने। पिछले आठ दिन से भूखे-प्यासे बैठे हैं, लेकिन हमसे सरकार ने बात करना तक उचित नहीं समझा।
पायलट के बंगले से नाश्ता
तीनों वीरांगनाएं रात में भी पायलट के बंगले के बाहर धरने पर थीं। मंगलवार सुबह वीरांगनाओं को पायलट के स्टाफ ने चाय देने के साथ नाश्ता भी दिया। कल तीनों ने पायलट से मिलकर अपनी मांगें रखी थीं।
पायलट ने लिखा- बदसलूकी के दोषी पुलसवालों पर एक्शन हो
पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं की मांगों पर सचिन पायलट ने सोमवार रात को सीएम अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखी है। पायलट ने सीएम अशोक गहलोत को लिखा- पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं ने मुझसे मिलकर अपनी मांगों के बारे में अवगत कराया। साथ ही पुलिस द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने शहीद के परिजनों को सरकारी नौकरी दिए जाने के नियमों में शिथिलता बरतने, उनके साथ पुलिस द्वारा किए गए दुर्व्यवहार की जांच करवाने सहित अन्य मांगों को पूरा करवाने का निवेदन किया है। पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें।
ये हैं वीरांगनाओं की मांगें
पुलवामा शहीदों की वीरांगना मंजू जाट और सुंदरी देवी देवर के लिए सरकारी नौकरी मांग रही हैं। सरकार का तर्क है कि देवर को सरकारी नौकरी देने का नियमों में प्रावधान नहीं है। शहीद हेमराज मीना की पत्नी की मांग है कि सांगोद चौराहे पर भी उनकी मूर्ति लगाई जाए। एक स्कूल का नामकरण शहीदों के नाम पर करें।
वीरांगना मंजू जाट का कहना है कि अब सरकार नियमों में नहीं होने का तर्क दे रही है। जबकि मंत्रियों ने पहले घोषणा की थी। सरकार ने तर्क दिया है कि पुलवामा शहीदों को करगिल शहीदों से ज्यादा पैकेज दिया है। वीरांगनाओं ने अब बदसलूकी करने वाले पुलिसवालों पर कार्रवाई करने की मांग भी जोड़ ली है।
किरोड़ी का सरकार पर निशाना, रक्षा मंत्री ने वीरांगनाओं की मांगों पर जानकारी ली
बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने सरकार पर निशाना साधा है। किरोड़ी ने कहा- यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश होली मना रहा है। जिन्होंने इसकी रक्षा के लिए शहादत दी उनके परिजन मारे-मारे फिर रहे हैं। आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीरांगनाओं की मांगों की जानकारी ली है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि मुख्यमंत्री जी से बात कर रास्ता निकालेंगे।
वीरांगनाओं से वार्ता करने पहुंचे दो मंत्री, कहा- सब मांगें मानने को तैयार, वीरांगनाएं बोलीं- लिखकर दीजिए
सचिन पायलट के बंगले के बाहर धरने पर बैठी वीरांगनाओं से वार्ता करने के लिए खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और उद्योग मंत्री शकुंतला रावत पहुंचे। राज्यसभा सासंद किरोड़ीलाल मीणा भी पायलट के बंगले के बाहर धरने पर हैं। वीरांगनाओं से दोनों मंत्रियों ने कहा कि आपकी सब मांगें मानने को तैयार हैं। आप अब घर जाइए। इस पर वीरांगनाओं ने कहा कि लिखित में दीजिए ऐसे नहीं मानेंगे। पहले भी बहुत से मंत्रियों ने आकर आश्वासन दिए हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ। हमें धरना देना पड़ रहा है। वीरांगनाओं ने रोते हुए दोनों मंत्रियों से पुलिस बदसलूकी के बारे में बताया और इसके जिम्मेदार पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई।
वीरांगनाओं की मांगें इतनी बड़ी नहीं, पता नहीं इतना वक्त क्यों लगा : खाचरियावास
मंत्री खाचरियावास ने कहा- वीरांगना खुद सहमत है तो देवर को नौकरी देने में कोई दिक्कत नहीं है। उसका रास्ता निकल जाएगा। एक मांग शहीद हेमराज की प्रतिमा सांगोद चौराहे पर लगाने की है, वहां पहले से मूर्ति लगी है, उसका भी रास्ता निकल जाएगा। शहीद के घर सड़क बनाने की मांग भी पूरी हो जाएगी। सड़कें तो खूब बन रही हैं। यह कोई बड़ी बात नहीं है। वीरांगनाओं की मांगें इतनी बड़ी नहीं हैं। पता नहीं इस मामले में इतना समय क्यों लग गया?
बदसलूकी करने का हक किसी को नहीं
खाचरियावास ने कहा कि बदसलूकी करने का हक किसी को नहीं हैं। ये तो हमारी वीरांगनाएं हैं। साधारण आदमी से भी पुलिस बदसलूकी कैसे कर सकती है? बदसलूकी करना बहुत गलत है। इस मामले में सीएम से बात की जाएगी।