पशुपालकों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्व:250 करोड़ रूपए से होगा मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन

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दुधारू पशुओं के साथ अन्य पशुओं को शामिल कर मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू होगीगौवंश के लिए आवारा शब्द का नहीं होगा प्रयोग,निराश्रित लिखा जाएगा:-पशुपालन एवं डेयरी मंत्री

जयपुर, 24 जुलाई। पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की बहुमूल्य पशु सम्पदा के विकास एवं पशुधन उत्पादन को बढ़ाकर पशुपालकों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्व है। साथ ही, गायों और नंदी के संरक्षण-संवर्धन के लिए संवेदनशील होकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आवारा गौवंश के लिए अब से निराश्रित शब्द का प्रयोग किया जाएगा।

जोराराम कुमावत बुधवार को विधानसभा में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग (मांग संख्या-47) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की 15 अरब 58 करोड़ 15 लाख 40 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।

पशुपालन मंत्री ने कहा कि राज्य में 250 करोड़ रूपए के प्रावधान के साथ मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन किया जाएगा। सेक्स सॉर्टेड सीमन योजना की अनुदान राशि को बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाएगा। प्रदेश में पशु चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए 125 चिकित्सकों तथा 525 पशुधन सहायकों के नए पदों का सृजन किया जाएगा। 500 ग्राम पंचायतों में नए पशु चिकित्सा उप केन्द्र खोले जाएंगे। साथ ही, 100 पशु चिकित्सा उप केन्द्रों को पशु चिकित्सालय, 50 पशु चिकित्सालयों को प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय तथा 25 प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयों को पॉली क्लिनिक में क्रमोन्नत किया जाएगा।

उन्होेंने कहा कि दुधारू पशुओं के साथ अन्य पशुओं को शामिल करते हुए मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू की जाएगी। पशुपालकों की सुविधा के लिए चरणबद्ध रूप से सभी जिलों में पशु मेले आयोजित किए जाएंगे।

मंत्री जोराराम कुमावत ने विभाग में भर्तियों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई 900 पशु चिकित्सकों की भर्ती का कानूनी तरीके से सुप्रीम कोर्ट से निस्तारण करवाया। अब हाई कोर्ट से भी कानूनी तरीके से निस्तारण करवाकर नियुक्ति दी जाएगी। इसके बाद चिकित्सकों के 619 पदों पर नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि पशु परिचर के 5934 पदों के लिए जनवरी, 2024 में भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।

कुमावत ने कहा कि राज्य में ऊंटों को बढ़ावा देने के लिए हमारी पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई ऊष्ट्र संरक्षण योजना के तहत ऊंटपालकों को दी जाने वाली सहायता राशि 10 हजार रूपए से बढ़ाकर 20 हजार रूपए की गई है। बजट में गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना शुरू कर पहले चरण में लगभग 5 लाख गोपालक परिवारों को 1 लाख रूपए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा।

पशुपालन मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने घोषणाएं तो खूब की, लेकिन इन्हें धरातल पर लागू कर पशुपालकों को फायदा नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जोधपुर में नवीन पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय खोलने की घोषणा पूरी नहीं हो पाई। साथ ही, घोषित आठ वेटरनरी कॉलेज भी नहीं खुल सके। गत सरकार ने केन्द्र सरकार की शत प्रतिशत सहयोग वाली आपातकालीन ‘102-मोबाइल वेटरनरी सेवा’ को रोके रखा। वर्तमान सरकार ने आते ही 3 महीने में मोबाइल वेटरनरी यूनिट की 536 गाड़ियों की शुरूआत कर दी। उन्होंने कहा कि महंगाई राहत शिविरों में पशु बीमा के लिए एक करोड़ से अधिक पशुपालकों का पंजीकरण किया गया, लेकिन 1064 पशुओं का ही बीमा किया गया और एक भी पशुपालक को क्लेम नहीं दिया गया।