प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आंदोलन आज चौथे दिन भी जारी है। गुरुवार सुबह प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई, जब पुलिसकर्मी सादी वर्दी में धरना दे रहे छात्रों को हटाने पहुंचे। पुलिस के आ जाने पर छात्र विरोधस्वरूप एक-दूसरे के ऊपर लेट गए। छात्रों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने छात्राओं के साथ बदसलूकी की और उन्हें गालियां दीं, जिससे छात्रों का गुस्सा बढ़ गया।
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद, छात्रों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई और करीब एक घंटे के भीतर 10,000 से अधिक छात्र आयोग के पास इकट्ठा हो गए। इसके बाद पुलिस ने आयोग के रास्ते को बैरिकेडिंग करके सील कर दिया। बावजूद इसके, प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और आयोग के गेट तक पहुंच गए। इस बीच, पुलिस ने आयोग की बिल्डिंग को चारों ओर से घेरकर उसे सुरक्षित कर लिया है।
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिकारियों से छात्रों से बातचीत करने और उनकी समस्याओं का समाधान निकालने की अपील की। साथ ही, उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि वह छात्रों की भावनाओं का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव “सूप बोले तो बोले, चलनी भी बोले, जिसमें बहत्तर छेद हैं”, और उनके इस रुख से यह साफ है कि समाजवादी पार्टी का भविष्य संकट में है।
इससे पहले, बुधवार रात को भी जिला प्रशासन ने छात्रों से तीसरी बार बातचीत की थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। प्रदर्शनकारी छात्रों की मुख्य मांग है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा पीसीएस प्री और RO/ARO परीक्षाओं के लिए लागू की गई नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को रद्द किया जाए, और दोनों परीक्षाएं एक ही दिन में कराई जाएं, न कि दो-दो दिन में।