काव्य म. शर्मा
इटानगर । सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना भारत की सबसे बड़ी कन्वेंशनल बाईड्रॉप पावर परियोजना होगी। मार्च 2025 तक इस परियोजना के 250-250 मेगावाट की 3 इकाइयों की शुरूआत होने की संभावना है। इस परियोजना से राजस्थान सहित पश्चिमी राज्यों के साथ-साथ देश के 17 राज्यों में बिजली की आपूर्ति की जाएगी। पत्र सूचना कार्यालय जयपुर द्वारा अरुणाचल प्रदेश में आयोजित प्रेस ट्यूर के दौरान पत्रकारों ने आज अरुणाचल प्रदेश और असम की सीमा पर सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना का दौरा किया। सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना के एग्जीक्यूटिव निदेशक और परियोजना प्रमुख श्री राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि यह भारत की सबसे बड़ी कन्वेंशनल बाईड्रॉप पावर परियोजना है, जिसकी स्थापित क्षमता 2000 मेगावाट है तथा प्रत्येक इकाई की क्षमता 250 मेगावाट है। इस परियोजना में 1200TPH एग्रीगेट प्रोसेसिंग (लैंट) शामिल है जो भारत में अब तक का सबसे बड़ा प्लांट है। इसके अलावा, इसमें भारत में 300 मीटर स्पैन कन्वेयर ब्रिज है। सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत 8 इकाइयां स्थापित की जाएगी जिसमें कुल 2000 मेगावाट बिजली आवंटन किया जाएगा, इसके अंतर्गत असम में 533 मेगावाट, अरुणाचल प्रदेश 274 मेगावाट, अन्य उत्तर पूर्वी राज्य (मणिपुर,मेघालय,नागालैंड,त्रिपुरा और मिजोरम) में 198 मेगावाट, उत्तरी राज्य (हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, चंडीगढ़) में 387 मेगावाट, पश्चिमी राज्य ( गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गोवा) में 613 मेगावाट का आवंटन किया जाएगा।