संभल जामा मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट शुक्रवार को कोर्ट में पेश नहीं की जा सकी। एडवोकेट कमिश्नर ने बताया कि 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हुई हिंसा के कारण रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी।
मस्जिद की ओर से पेश वकील शकील अहमद ने कहा कि उन्होंने कोर्ट से सभी संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मस्जिद में अब कोई और सर्वे नहीं होगा। वहीं, एएसआई की ओर से शुक्रवार को कोर्ट में कोई भी उपस्थित नहीं हुआ।
हिंसा के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
शुक्रवार को संभल हिंसा का छठा दिन था। जुमा को ध्यान में रखते हुए शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई। संवेदनशील इलाकों में बैरिकेडिंग की गई और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। संभल के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि सभी लोग अपनी-अपनी मस्जिदों में नमाज अदा करेंगे और बाहरी ताकतों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
न्यायिक आयोग करेगा हिंसा की जांच
राज्य सरकार ने गुरुवार को हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता वाला यह आयोग दो महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।
जमीयत और मस्जिद कमेटी की प्रतिक्रिया
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने हिंसा में मारे गए युवकों को शहीद करार देते हुए उनके परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की मदद देने का ऐलान किया। वहीं, मस्जिद कमेटी ने सर्वे के आदेश को निरस्त करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर आज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की बेंच सुनवाई करेगी।