सरकार के सूर्य नमस्कार के निर्णय़ को HC में चुनौती:याचिका में कहा गया, यह धार्मिक स्वतंत्रता का हनन, शिक्षा मंत्री ने बोले सूर्य नमस्कार धार्मिक क्रिया नहीं

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Jaipur : प्रदेश सरकार के स्कूलों में सूर्य नमस्कार कराने के निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई हैं। हाई कोर्ट में कल मामलें की सुनवाई होगी। एआईएमआईएम के प्रदेश महासचिव कासिफ जुबैरी ने हाई कोर्ट में सरकार के निर्णय़ के खिलाफ याचिका दायर की हैं।

याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार का स्कूलों में सूर्य नमस्कार कराने का निर्णय गैर संवैधानिक हैं। यह संविधान के आर्टिकल-25 का उल्लंखन करता हैं। आर्टिकल-25 में हर व्यक्ति को धर्म की स्वतंत्रता दी गई हैं। सरकार का यह आदेश व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन हैं। इसे रद्द किया जाए, अथवा इसे अनिवार्य रूप से लागू नहीं करके ऑप्शनल रखा जाए।

गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने सूर्य सप्तमी के अवसर पर 15 फरवरी को स्कूलों में सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित करने का आदेश निकाला हैं।

हाई कोर्ट में याचिका के सवाल पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन सूर्य नमस्कार धार्मिक क्रिया नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विश्व के कई देशों ने इसे स्वीकार किया हैं। इसलिए 21 जून को योग दिवस मनाया जाता हैं। सूर्य नमस्कार एक तरह का सर्वांग योग हैं। इसमें सभी तरह के योग समाहित हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के आदेश सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से लागू रहेंगे। स्कूल में आने वाले सभी लोगों को सूर्य नमस्कार करना होगा। अगर कोई नहीं आना चाहता है तो वो अलग बात हैं। उन्होंने कहा कि वैसे भी स्कूलों में 100 प्रतिशत कभी उपस्थिति नहीं रहती हैं। कई स्टूडेंट कई वज़ह से स्कूल नहीं आ पाते हैं।