झूंझुनूं ( मनोज टांक)
नत्थू सिंह राउमावि नेवरी की वरिष्ठ अध्यापिका ललिता गुर्जर से मिलिए। यह अध्यापिका अपनी तनख्वाह में से राशि खर्च कर बच्चों का भविष्य संवार रही है। साथ ही स्कूल के विकास में भी भागीरथ बन रही है। खास बात यह है कि जहां कार्यरत है उसके अलावा स्कूल में भी यह टीचर किसी न किसी रूप में सहयोग कर रही है।
अब तक यह अध्यापिका ललिता गुर्जर 2 से 3 लाख रुपये खर्च कर चुकी है। इस अध्यापिका के नवाचार की हर कोई तारीफ भी कर रहा है। झूंझुनूं जिले के उदयपुर वाटी उपखण्ड के नेवरी गांव के नत्थू सिंह राउमावि में तैनात वरिष्ठ अध्यापिका ललिता गुर्जर स्कूल के विकास में भागीदार बन रही है। वह अपनी श्रद्धा के अनुसार अपनी तनख्वाह में से राशि खर्च कर बच्चों का भी हौसला बढ़ा रही है। इस अध्यापिका ने नेवरी ढहर के मिडिल स्कूल में वाटर कूलर, माइक सेट,पंखों सहित करीब एक लाख का आर्थिक सहयोग किया । चंवरा की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में माइक सेट, पंखों का सहयोग किया । अपनी नेवरी स्कूल में इन्होंने माइक सेट,पंखे,दरियों सहित करीब एक लाख से ज्यादा की राशि सहयोग के रूप में की।प्रतिवर्ष बोर्ड परीक्षा में प्रथम तीन स्थानों के विद्यार्थियों को 11000-11000 रुपये देती आ रही है। जिला स्तरीय कराटे प्रतियोगिता में भी आर्थिक सहयोग किया।
इससे पहले गुढा प्राइमरी एवं गुढा बावनी विद्यालय में भी आर्थिक सहयोग किया
स्कूल के बच्चो , स्टाफ और ग्रामीणों का कहना है कि ललिता गुर्जर ने स्कूल की तस्वीर बदलने के लिए अक्सर चर्चाएं करती रहती है। स्कूल में बेहतर शिक्षा का माहौल बनाने बनाने में योगदान दे रही है। बीते 7 सालों में किसी न किसी रूप में सहयोग करती आ रही है। इनके पति राजेन्द्र प्रसाद गुर्जर ढहर जोहड़ी किशोरपुरा के बालिका विद्यालय में अध्यापक पद पर कार्यरत हैं।पुत्र डॉक्टर शेखर गुर्जर MD मेडिसिन रवींद्रनाथ टैगोर मेडिकल कालेज में कार्यरत हैं, पुत्रवधू जिज्ञासा चंवरा के राजकीय सीनियर विद्यालय में व्याख्याता इतिहास पद पर कार्यरत हैं, पुत्री अन्नू गुर्जर असिस्टेंट एकाउंट ऑफिसर पद पर राजकीय ITI कॉलेज उदावास में कार्यरत है।
संघर्ष के दम पर मिली प्रेरणा
ललिता गुर्जर को अपने संघर्ष के दम पर यह प्रेरणा मिली है। गुर्जर MA,B.ed तक कि पढ़ाई करके यह मुकाम हासिल किया। वह चाहती है कि वह बच्चों के भविष्य में भागीरथ बने।