शिमला:-हिमाचल की राजधानी शिमला में सोमवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां के समरहिल इलाके में स्थित शिव बावड़ी मंदिर भारी बारिश की वजह से भूस्खलन की चपेट में आ गया। यहां मौजूद 25 से ज्यादा लोग मलबे में दब गए। अब तक 2 बच्चों समेत 5 शव निकाले जा चुके हैं। बाकी की तलाश जारी है।
यह मंदिर शिमला के उपनगर बालूगंज इलाके में है। सावन सोमवार होने की वजह से मंदिर में सुबह से भीड़ थी। कई परिवार दर्शन के लिए गए थे।
बारिश से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत
भारी बारिश की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत हो रही है। पहाड़ी से अभी भी पत्थर गिर रहे हैं। मंदिर के ऊपर मलबे के साथ चार से पांच पेड़ आ गिरे। इससे ज्यादा नुकसान हुआ है। SDRF, ITBP, पुलिस और स्थानीय लोग रेस्क्यू में जुटी हुई है। जेसीबी मशीन से मलबा हटाया जा रहा है।
अभी लोग मलबे में दबे, फोन कर मदद करने की गुहार लगा रहे
- 4 भतीजे मंदिर में खीर बनाने गए थे: स्थानीय निवासी किशोर ठाकुर ने बताया कि उनके 4 भतीजे भी मंदिर के अंदर फंसे हुए है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे कि मंदिर के अंदर फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए फोन आए हैं। यह सच्चाई है या अफवाह, इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि मंदिर में हर साल 15 अगस्त को भंडारा होता है और आज सावन का अंतिम सोमवार है। इसलिए भी उनके भतीजे सहित मंदिर में छह-सात लोग खीर बनाने के लिए मौजूद थे।
- सामान घर भूलने से बची जान: शिव मंदिर में खीर बनाए आए नरेश ने बताया कि जब वह सुबह मंदिर आया था, तब यहां सब कुछ ठीक-ठाक था। वह कुछ सामान घर पर भूल गया। इसलिए मंदिर से वापस घर गया। जैसे ही दोबारा घर से मंदिर पहुंचा तो लैंडस्लाइड शुरू हो गया था और तबाही का यह मंजर उन्होंने अपनी आंखों के सामने देखा। उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त मंदिर में दो कारपेंटर, एक नेपाली और कुछ लोग मौजूद थे। लोकल लोगों ने नेपाली को उसी वक्त मलबे से निकाल दिया। मगर कुछ लोग मंदिर के अंदर फंसे हुए है।
CM सुखविंदर सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया
CM सुखविंदर सिंह सुक्खू भी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन मलबे को हटाने के लिए काम कर रहा है। फंसे लोगों को निकाला जा रहा है। उधर, CM के मीडिया एडवाइजर नरेश चौहान ने कहा, 10 से 15 लोगों के फंसे होने की आशंका है।
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