शिमला में 11वें दौर की बैठक भी रही बेनतीजा:मंत्री हर्षवर्धन भी नहीं सुलझा पाए सीमेंट विवाद का मसला, CM सुक्खू को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

Rajasthan

शिमला :-हिमाचल में सीमेंट कंपनी विवाद को सुलझाने के लिए मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में बैठक बेनतीजा रहीं हैं। करीब साढे 4 घंटे तक चली इस बैठक में सरकार किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। दोनों पक्षों के बीच पिछले 1 महीने से अधिक समय से चला आ रहा गतिरोध मंत्री भी नहीं तोड़ पाए । मंत्री कंपनी प्रबंधन के रवैए से नाराज दिखे और उन्होंने कंपनी से प्लांट शुरू करने की बात कही है।

ट्रक यूनियन से भी मंत्री ने सहयोग मांगा। मंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा है कि जल्द दोनों पक्षों के बीच सहमति बना ली जाएगी। मीडिया से बात करते हुए मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि आज की बैठक की रिपोर्ट मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंपी जाएगी।

सीमेंट कंपनी विवाद दो पार्टी के बीच का मसला
इसके बाद मुख्यमंत्री इस मसले पर अपना अगला निर्णय लेंगे। एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि सीमेंट कंपनी विवाद दो पार्टी के बीच का मसला है सरकार इस मसले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की भूमिका निभा रही है। उम्मीद जताते हुए कहा कि सरकार जल्द इस मसले को सुलझाने में कामयाब होगी।

धरना प्रदर्शन रहेगा जारी- ट्रक यूनियन
इधर ट्रक ऑपरेटर यूनियन के प्रतिनिधियों ने कहा कि कंपनी का रवैया अड़ियल है। कंपनी मैदानी इलाकों के रेट पहाड़ी इलाकों में लागू करना चाहती है। ऑल हिमाचल ट्रक ऑपरेटर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष नरेश गुप्ता ने कहा कि कंपनी मुनाफे में है और कंपनी का ऑडिट करवाया जाएगा। सीमेंट के एक बैग की लागत 200 रुपए है और उसे 500 रुपए में कंपनी बेच रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी के इस अड़ियल रवैया के चलते धरना प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा।

CM सुक्कू ने सौंपी है मंत्री हर्षवर्धन को जिम्मेदारी
दरअसल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को सौंपी है। मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में आज पहली बैठक होने जा रही है और यह 11वीं बैठक होगी।

इससे पहले अधिकारी अपने स्तर पर 10 बैठकें कर चुके हैं, जो बेनतीजा रहीं। माल भाड़े के नए रेट को लेकर अधिकारियों ने कंसल्टेंट की रिपोर्ट का अध्ययन कर लिया है। इस रिपोर्ट को भी आज मंत्री के समक्ष रखा जाएगा।

यह है माल भाड़े को तय करने का फॉर्मूला
हिमाचल हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने 15 कॉम्पोनेंट के आधार पर माल भाड़े के रेट तय किए है। इसमें डीजल प्रति लीटर 1 रुपए बढ़ता है तो ट्रक भाड़ा 40 पैसे प्रति किलोमीटर प्रति टन के हिसाब से बढ़ेगा। इसी तरह टायरों, एक्सेल आद के रेट बढ़ने और बीमा राशि बढ़ने पर समय-समय पर सीमेंट ढुलाई की दरें बढ़ाने का प्रावधान है। दावा किया जा रहा है कि वर्ष 2019 के बाद से सीमेंट ढुलाई के रेट नहीं बढ़े हैं।

ट्रक मालिक दलील देते हैं कि कमेटी के फॉर्मूले के आधार पर सीमेंट ढुलाई की दर 12.10 रुपए प्रति किलोमीटर प्रति टन बनती है, जबकि वह 10.58 रुपए ले रहे हैं। अडानी समूह 6 प्रति किलोमीटर प्रति टन माल भाड़ा देने पर अड़ा है। सीमेंट कंपनियों का कहना है कि ढुलाई के रेट ज्यादा हैं, वह इसे वहन नहीं कर सकते। इसे सीमेंट उत्पादन की लागत बढ़ती है और कंपनी को नुकसान उठाना पड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *