वीरांगनाओं की मांगों पर राज्यपाल ने सीएम को लिखी चिट्ठी:बीजपी नेताओं ने गवर्नर को ज्ञापन दिया;किरोड़ी बोले-सरकार का आचरण थूककर चाटने जैसा

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जयपुर:-पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं के मामले में सियासत तेज हो गई है। वीरांगनाओं की मांगों पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने सीएम अशोक गहलोत को चिट्टी लिखी है। वीरांगनाओं के चार मार्च के ज्ञापन और इच्छामृत्यु की मांग के बाद राज्यपाल ने सीएम को चिट्ठी लिखकर मांगों पर विचार करने को कहा है।

राज्यपाल ने लिखा है& देश के लिए सर्वोच्च बलिदान करने वाले वीर सपूतों के परिवार की देखभाल और उनका यथोचित सम्मान राज्य का दायित्व है। वीरांगनाओं के अनुरोध पर विचार करते हुए कल्याणकारी राज्य की विचारधारा के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें। इस मामले के खास नेवर को देखते हुए इस पर तत्काल सकारात्मक एक्शन लिया जाए।

किरोड़ी बोले- मुख्यमंत्री बेवजह बयानबाजी की बजाय वीरांगनाओं से मिलें

बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने सरकार पर निशाना साधा। किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि मंगलवार को दो मंत्री- प्रतापसिंह खाचरियावास और शकुंतला रावत धरना दे रही वीरांगनाओं से मिलने आए। दोनों ने मांगों को जायज माना और समाधान का आश्वासन दिया। उम्मीद थी कि सरकार की ओर से मांगें मानने की घोषणा होगी, लेकिन इतने में ही मुख्यमंत्री का बयान आ गया। सरकार के दो मंत्री जिन मांगों को जायज मान रहे थे और समाधान का आश्वासन देकर गए थे, मुख्यमंत्री उन वीरांगनाओं की उन मांगों पर ही सवाल खड़े कर दिए। यह तो ‘थूंक कर चाटने’ जैसा हो गया। जब मुख्यमंत्री को यही करना था तो दो मंत्री वीरांगनाओं से वार्ता करने ही क्यों आए?

किरोड़ी ने कहा- मुख्यमंत्री बेवजह की बयानबाज़ी करने की बजाय एक बार वीरांगनाओं से मिलना चाहिए। उनकी मांगों पर सवाल खड़े करने की बजाय सकारात्मक रुख रखना चाहिए। शहीदों की पत्नियों को इस तरह से नज़रअंदाज़ करना सरकार के मुखिया को शोभा नहीं देता। सरकार की उपेक्षा और तानाशाही से आहत होकर शहीद रोहिताश्व लांबा की पत्नी मंजू जाट चार दिन से आमरण अनशन पर बैठी हुई है। महिला दिवस के दिन इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि एक वीरांगना को अपनी छोटी-छोटी मांगों को मनवाने के लिए अनशन करना पड़े।

बीजपी नेताओं ने राज्यपाल को दिया ज्ञापन, कहा- वीरांगनाओं से किए वादे पूरे नहीं किए

वीरांगनाओं की मांगों को लेकर बीजेपी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलकर उन्हें ज्ञापन दिया। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की अगुवाई में गए इस प्रतिनिधिमंडल में अरुण चतुर्वेदी, अशोक लाहोटी और रामलाल शर्मा शामिल थे। बीजेपी नेताओं ने कहा कि सरकार ने वीरांगनाओं से किए वादे पूरे नहीं किए। जब वीरांगनाएं 4 मार्च को राज्यपाल से मिलकर वापस आईं तो उनके साथ बदसलूकी की गई।

बीजेपी नेताओं ने कहा कि शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू से सरकार किे तीन मंत्रियों ने देवर नियमों में छूट देकर देवर को नौकरी दिलाने की घोषणा की थी। शहीद का समारक बनाने और सड़क बनाने की घोषणा थी। शहीद हेमराज मीणा की पत्नी से भी मंत्रियों ने सकूल का नामकरण करने, शहीद की ढाणी तक सड़क बनाने की घोशणा की थी। सरकार ने अब तक घोषणाओं को पूरा नहीं किया।