नया अध्यक्ष बनते ही कांग्रेस का नया तेवर:महागठबंधन में कांग्रेस की ये चार मांग चर्चा में, JDU-RJD कह रही- आपसी समन्वय से सब हो रहा

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पटना :- बिहार कांग्रेस का ये नया तेवर है। पूर्व मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस ने चार बड़ी मांगें रखीं हैं। ये मांग किसी और से नहीं बल्कि जेडीयू के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी नेता व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से कांग्रेस ने सार्वजनिक मंच के जरिए की है। सार्वजनिक मंचों से मांग के बाद यह साफ है कि कांग्रेस के अंदर एक तरह का आक्रोश है।

मांग- 1

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने मांग करते हुए कहा कि बिहार मंत्रिमंडल में कांग्रेस को दो और विधायकों को मंत्री पद दिया जाए। बता दें कि अभी बिहार मंत्रिमंडल में कांग्रेस से दो मंत्री हैं आफाक आलम और मुरारी गौतम। हालांकि इसकी चर्चा पहले से रही है कि कांग्रेस को एक और मंत्री पद मिल सकता है, लेकिन अब कांग्रेस की मांग दो और मंत्री पद की है। यानी कांग्रेस को कुल चार मंत्री पद चाहिए। एक मुसलमान और एक दलित नेता को कांग्रेस ने मंत्री बनवाया। अब संभव है किसी सवर्ण नेता को मंत्रिमंडल में जगह मिले।

मांग-2

अखिलेश प्रसाद सिंह ने दूसरी बड़ी मांग रखी है कि महागठबंधन के अंदर कॉर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए। ये मांग अखिलेश इसलिए कर रहे हैं कि कोई फैसला नीतीश कुमार अकेले या जेडीयू-आरजडी ही मिलकर न ले। उसमें कांग्रेस को भी शामिल करें। कॉर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग भाकपा माले की ओर से भी हो चुकी हैं। लेकिन अब तक यह कमेटी नहीं बनाई गई है। बता दें कि कई उपचुनावों में कांग्रेस की सीट पर आरजेडी ने उम्मीदवार उतार दिया था।
मांग -3
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने मांग रखी है कि लोक सभा चुनाव 2024 में कांग्रेस को 12 सीटें चाहिए। वे यह कहते रहे हैं कि कांग्रेस, आरजेडी की सीटें घटाती रही हैं, इसलिए इस बार कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 12 मजबूत सीटें लेनी ही चाहिए। दिलचस्प यह कि अनिल शर्मा की इस मांग को कांग्रेस के किसी नेता ने काटा नहीं है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी अनिल शर्मा के बयान का खंडन नहीं किया है।
मांग – 4
कांग्रेस नेता अनिल शर्मा ने ये मांग भी रखी है कि विभिन्न बोर्ड और आयोगों में कांग्रेस के नेताओं को भी जगह दी जाए। बता दें कि अतिपिछड़ा आयोग में कांग्रेस के नेता को जगह नहीं मिली थी। तब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा थे और अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह हैं।

कांग्रेस को भागीदारी के अनुपात में भागीदारी चाहिए- असित नाथ तिवारी, कांग्रेस के प्रवक्ता

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी कहते हैं कि कांग्रेस को भागीदारी के अनुपात में सरकार में हिस्सेदारी चाहिए। जो हमारा अधिकार है वही हम सरकार से मांग रहे हैं। लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को अपनी हैसियत के अनुसार सीटें चाहिए। वे कहते हैं कि जो चार मांग कांग्रेस ने रखी है उसको लेकर कोई तनातनी का मौहाल नहीं है। यह मांग अच्छे माहौल में की जा रही और हम महागठबंधन में अपनी बात रख रहे हैं।

आपसी समन्वय के साथ सही समय पर सही निर्णय लिया जाएगा- अभिषेक कुमार झां, जेडीयू के प्रवक्ता

जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक कुमार झा कहते हैं कि बिहार में महागठबंधन के अंदर सात घटक दल हैं और बहुत मजबूती से गठबंधन नीतीश कुमार के नेतृत्व में न्याय के साथ विकास के एजेंडे पर काम कर रहा है। किसी भी मामले का निर्णय महागठबंधन के सभी नेता मिल बैठ कर तय करेंगे। यह मीडिया के माध्यम से तय नहीं किया जा सकता। आपसी समन्वय के साथ सही समय पर सही निर्णय लिया जाएगा।

महागठबंधन में सभी ऑल इज वेल- मृत्युंजय तिवरी, आरजेडी के प्रवक्ता

आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि नीतीश-तेजस्वी की सरकार में सभी सातों दलों का ख्याल रखा जा रहा है। ये गठबंधन के सभी दलों के नेतृत्व में किसी भी महत्वपूर्ण विषय पर फैसले लेते हैं। इसी अनुसार सरकार चल रही है। सामंजस्य है। लेकिन हर दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं की अलग-अलग इच्छा होती है, उम्मीद होती है सरकार से। सातों दलों की चिंता है। जहां तक सीटों के बंटवारे का सवाल है समय पर यह भी हो जाएगा। महागठबंधन में सभी ऑल इज वेल है।

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