पटना:-बिहार में मधुबनी के झंझारपुर में शनिवार 16 सितंबर को एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लालू-नीतीश पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा- लालू-नीतीश गठबंधन तेल पानी जैसा है। दोनों लंबे समय तक एक साथ नहीं रह सकते। लालू को बेटे को सीएम बनाना चाहते हैं और हर बार की तरह नीतीश बाबू को प्रधानमंत्री बनना है।
अमित शाह ने 30 मिनट की स्पीच में 15 बार नीतीश कुमार, 14 बार लालू यादव का नाम लिया। साथ ही 6 बार लालू-नीतीश की सरकार और 12 बार पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लिया।
अमित शाह की स्पीच की 5 बड़ी बातें
- अमित शाह ने लालू के जंगलराज की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि बिहार में बड़े बदलाव की जरूरत है। सरकार नहीं सुशासन चाहिए। गुंडाराज नहीं जनताराज चाहिए।
- मैं रोज अखबार पढ़ रहा हूं। लालू जी एक्टिव हो गए…नीतीश जी इनएक्टिव हो गए। अब आप सोच सकते हैं, बिहार का क्या होने वाला है।
- मोदी को लाइए, नहीं तो सीमांचल में घुसपैठ और आतंक बढ़ जाएगा। पलायन पर कहा कि तीन दशक से ज्यादा समय में जिन लोगों की सत्ता में भागीदारी रही है, वो ईमानदारी से काम कर लेते तो हमारे बच्चों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
- बिहार विधानसभा चुनाव मोदी के चेहरे पर ही होगा। बिहार में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मोदी को ही जिताइए।
- रेल मंत्री रहते हुए लालू जी ने अरबों का भ्रष्टाचार किया। ये UPA नाम के साथ नहीं आ सकते, इसलिए इन्होंने I.N.D.I.A गठबंधन नाम रखा। ये वही लालू प्रसाद यादव हैं, जिन्होंने बिहार को सालों तक पीछे धकेलने का काम किया।
एम्स का मुद्दा उठाया
शाह ने कहा कि दरभंगा एम्स पर नीतीश बाबू बोलते रहते हैं, बहुत कम प्रदेश हैं जहां पर दो एम्स दिए गए हैं। मोदी जी ने पटना में एम्स दिया। 2020 दिसंबर में दरभंगा में दूसरा एम्स दिया।
नीतीश जी ने 81 एकड़ भूमि दे दी पहले मेडिकल कॉलेज के लिए, बाद में इसको वापस ले लिया। अगर नीतीश जी ने भूमि वापस ना ले ली होती तो आज यहां पर एम्स बन गया होता और यहां पर मरीजों का इलाज हो रहा होता।
छुट्टी रद्द करने पर भी किया सवाल
उन्होंने कहा कि लालू-नीतीश की सरकार ने फतवा जारी किया, बिहार में रक्षा बंधन और जन्माष्टमी की छुट्टी नहीं होगी। बिहार की जनता ने विरोध जताया तो सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा। शाह ने बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर टिप्पणी को अपमानजनक कहा।
रैली की शुरुआत में शाह ने लोगों से पूछा कि मोदी जी को फिर से प्रधानमंत्री बनाना है या नहीं? इसके बाद भारत माता की जय के नारे लगवाए, फिर सीता माता की जय के नारे लगवाए।
सम्राट चौधरी बोले- सभी 40 सीटें जीतेंगे
इससे पहले बिहार के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यहां जंगलराज है। बीजेपी की सरकार आएगी तो सब पर कंट्रोल लग जाएगा। हम लोकसभा की सभी 40 सीट जीतेंगे।
शाह के बिहार दौरे से कोई फर्क नहीं पड़ेगा: तेजप्रताप
मंत्री तेजप्रताप यादव ने कहा कि अमित शाह के बिहार दौरे से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वे दंगा-फसाद कराने के लिए आते हैं। जैसे बिल्ली रास्ता काट देती है, इसी तरह वे बाधा बनकर आ रहे हैं। बिहार की जनता बेवकूफ नहीं है। बिहार की जनता सब कुछ देख रही है। जो महादेव का भक्त होगा, उसको क्या मुश्किल होगी?
बिहार में ही रहिए…हमें फायदा होगा: तेजस्वी
अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने तंज कसा है। तेजस्वी ने शुक्रवार 15 सितंबर को कहा कि गृहमंत्री अगर साल के 365 दिन बिहार में रहेंगे तो उसका फायदा हम लोगों को ही मिलने वाला है। अमित शाह का बार-बार बिहार आना दिखाता है कि वे कितने डरे हुए हैं।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग
शाह की रैली से पहले जेडीयू ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग उठाई। जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि कर्पूरी ठाकुर ने पूरी उम्र सनातन का पालन किया है। ऐसे में सनातन की राजनीति करने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब झंझारपुर में उनके नाम से बने स्टेडियम में कार्यक्रम करने आ रहे हैं तो उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा करें।
एक साल में अमित शाह का छठा बिहार दौरा
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अमित शाह का एक साल में यह छठा दौरा है। पिछले साल सत्ता परिवर्तन के तुरंत बाद 23-24 सितंबर को उन्होंने सीमांचल के पूर्णिया से चुनावी रैली का आगाज किया था। इस दौरान उन्होंने किशनगंज में एक दिन का प्रवास भी किया था।
इसके बाद 11 अक्टूबर 2022 को जेपी की जयंती पर अमित शाह सारण के सिताबदियारा पहुंचे थे। स्वामी सहजानंद की जयंती पर केंद्रीय गृहमंत्री ने 25 फरवरी 2023 को वाल्मीकिनगर में सभा को संबोधित किया था।
2 अप्रैल 2023 को अमित शाह सम्राट अशोक की जयंती पर नवादा पहुंचे थे। जबकि 29 जून 2023 को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के क्षेत्र लखीसराय से अमित शाह ने सीएम नीतीश कुमार को ललकारा था।
वो सिर्फ अपने काम से आते हैं: तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने कहा कि अमित शाह का बार-बार बिहार आना दिखाता है कि वे कितने डरे हुए हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के काम से ही सही शाह इसी बहाने हर महीने बिहार आ तो रहे हैं, लेकिन बिहार को जो विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज या विकास के जो मुद्दे हैं, उसको लेकर वे कहां बिहार आते हैं। वो सिर्फ अपने काम से आते हैं।
शाह ने झंझारपुर से मिथिलांचल की 5 लोकसभा सीटों को साधा
गृहमंत्री अमित शाह की इस रैली से पार्टी ने मिथिलांचल की 5 लोकसभा सीटों झंझारपुर, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल और मधेपुरा को साधा है। इन 5 में से तीन सीटें झंझारपुर, सुपौल और मधेपुरा फिलहाल जेडीयू के पास हैं। जबकि दरभंगा और मधुबनी में बीजेपी के सांसद हैं। झंझारपुर की रैली का असर मिथिलांचल की 30 विधानसभा सीटों पर भी पड़ेगा।
बीजेपी उपाध्यक्ष संतोष पाठक ने बताया कि देशभर में बीजेपी ने उन 160 लोकसभा क्षेत्रों को चिह्नित किया है, जहां से पार्टी ने अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। इस बार पार्टी इन कमजोर सीटों पर मजबूती से लड़ना चाहती है।
इसमें बिहार की 10 सीटों को चिह्नित किया गया है। झंझारपुर से मिथिला को साधने की कोशिश की जा रही है।
झंझारपुर में बस एक बार जीती है भाजपा, इस बार नीतीश मिश्र हो सकते हैं उम्मीदवार
झंझारपुर लोकसभा सीट से बीजेपी बस एक बार चुनाव जीती है। 2014 में बीजेपी के वीरेंद्र कुमार चौधरी यहां से जीतने में कामयाब हुए थे। हालांकि एनडीए गठबंधन में ये सीट हमेशा से जेडीयू के हिस्से रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू के रामप्रीत मंडल 2 लाख 23 हजार वोट से जीतने में कामयाब हुए थे।
इस बार बीजेपी झंझारपुर विधानसभा क्षेत्र से 4 बार के विधायक और राज्य के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र के बेटे नीतीश मिश्र को झंझारपुर लोकसभा से अपना उम्मीदवार बना सकती है। हालांकि पार्टी का कोई नेता फिलहाल इस पर औपचारिक रूप से कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।