मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पेपर लीक हो जाने के बाद 26 लाख लोगों को किसी भी कीमत पर सरकार मुआवजा नहीं दे सकती है। उन्होंने सचिन पायलट का नाम तो नहीं लिया लेकिन उन्होंने कहा कि विपक्ष बिना सोचे समझे मुआवजे की बात करता है उसने कहा कि उनका यह दिवालियापन नहीं है तो क्या है ?
उन्होंने कहा कि पेपर आउट के मामले में सरकार ने नया कानून बनाया और 200 लोगों को जेल भेजा है। किसी भी राज्य में ऐसा नहीं किया गया है।अब यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार सचिन पायलट की मांगें मानने को तैयार नहीं है। इसको लेकर अब फिर से नई राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गई है।
गुरुवार को सिंधी कैंप के नए बस स्टैंड बने नए टर्मिनल के उद्घाटन समारोह पर बोलते हुए कहा कि विपक्ष के बाद कोई मुद्दा नहीं है तो पेपर लीक का मामला उठाकर बिना वजह बहस करते हैं। उसने कहा कि गुजरात में 15 पेपर और यूपी में 22 पेपर आउट हुए। उन्होंने कहा कि पेपर आउट कहां नहीं हो रहे हैं।
सीएम गहलोत ने कहा कि 26 परीक्षार्थियों को रोडवेज की बस में निशुल्क यात्रा की सुविधा दी गई उन्हें ठहराया गया। शानदार व्यवस्था की गई और पेपर आउट होने के बाद सरकार की अच्छी व्यवस्था हो पर पानी फिर गया और विपक्ष सरकार पर बिना बात आरोप लगने लग गया।
सीएम गहलोत ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी और गोविंद सिंह डोटासरा ने विभिन्न मुद्दों को लेकर संघर्ष किया था। साथ ही कांग्रेस कमेटी ने भी मुद्दे उठाकर संघर्ष किया था।