गहलोत सरकार के अंतिम छह महीनों के दौरान लिए गए फैसलों की समीक्षा का काम अभी भी अधूरा है। कैबिनेट सब कमेटी, जिसने रिपोर्ट सीएम को सौंपने का दावा किया था, अब एक या दो बैठकें और करेगी। स्वास्थय मंत्री और कमेटी के संयोजक गजेंद्र सिंह खींवसर ने मंगलवार को दावा किया था कि बुधवार को कमेटी की अंतिम बैठक होगी। लेकिन, बुधवार को हुई बैठक के बाद संसदीय कार्य और कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि कई प्रकरणों में अधिकारियों से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके बाद ही निर्णय लिया जा सकेगा। कमेटी की अगली बैठक सोमवार को आयोजित की जाएगी।
पटेल ने कहा कि जमीन आवंटन के करीब 300 प्रकरणों पर विचार हुआ है, जिसमें चिकित्सा और उच्च शिक्षा जैसे विभागों के प्रकरण शामिल हैं। 40 मामलों पर अभी भी फैसला लंबित है। अगले सप्ताह तक रिपोर्ट देने की संभावना है।
स्वास्थ्य मंत्री खींवसर ने मंगलवार को बयान देते हुए कहा था कि कांग्रेस सरकार के अंतिम फैसलों में नियमों की अनदेखी की गई, आचार संहिता से पहले जल्दबाजी में फैसले लिए गए और निजी व्यक्तियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से नियमों की अवहेलना हुई। रिव्यू कमेटी ने 10 विभागों के प्रकरणों की पड़ताल की और पाया कि जमीन आवंटन में नियम-कायदों का उल्लंघन किया गया है, जिससे सरकारी संसाधनों का जमकर उपयोग हुआ।