जयपुर, 24 जुलाई। चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि राज्य में मत्स्य पालन विकास एवं उत्पादन के लिए लगभग 4.23 लाख हैक्टेयर जल क्षेत्र उपलब्ध है। इसके दृष्टिगत मछली पालन से अच्छी आमदनी एवं स्वरोजगार की असीम संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि मत्स्य सेक्टर द्वारा राज्य में उपलब्ध जल संसाधनों में मत्स्य विकास के कार्य के अलावा मछली के रूप में प्रोटीन युक्त आहार तथा ग्रामीण वर्ग को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
खींवसर बुधवार को विधान सभा में मत्स्य विभाग की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि जल संसाधनों के आधार पर राजस्थान देश में दसवें स्थान पर है। राज्य में लगभग 15 हजार 561 जलाशय उपलब्ध है, जिनमें से सिंचाई विभाग के 2299 जलाशयों का उपयोग मत्स्य पालन के लिये विभाग द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में राज्य के जलाशयों से लगभग 54 हजार 168 मैट्रिक टन मत्स्य उत्पादन एवं 404.64 मिलियन फ्राई मत्स्य बीज का उत्पादन/संग्रहण हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में मत्स्य विभाग द्वारा मत्स्याखेट ठेकों से 47.18 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। विभाग के अधीन “क” श्रेणी के 221 एवं अन्य श्रेणी के 61 जलाशयों सहित कुल 282 जलाशय को मत्स्याखेट हेतु लीज पर दिया जाता है।
खींवसर ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना भारत सरकार के आत्मनिर्भर पैकेज में मत्स्य विकास हेतु नवीन प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत विभाग द्वारा 495 करोड़ 73 लाख रुपये की पंचवर्षीय राज्य कार्य योजना वर्ष 2020-25 तैयार कर भारत सरकार को भेजी जा चुकी है। योजना के तहत गाइडलाइन के अनुसार सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को निर्धारित लागत का 40 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व महिला वर्ग को निर्धारित लागत का 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि मत्स्य क्षेत्र के विकास, संवर्धन एवं रोजगार के लिए वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विभाग द्वारा मत्स्य पालन पौण्ड निर्माण के लिए 16.17 हैक्टेयर की 18 मत्स्य कृषकों को एवं खारा पानी झींगा पालन पोण्ड निर्माण के लिए 17 हैक्टयर की 16 मत्स्य कृषकों को स्वीकृतियां जारी की गई है।
खींवसर ने बताया कि हाल ही में विभाग में राज्य सेवा के मत्स्य विकास अधिकारी के 05 पदों एवं अधीनस्थ सेवा के सहायक मत्स्य विकास अधिकारी के 09 पदों पर नियुक्तियां दी जा चुकी है। विभाग में अधीनस्थ सेवा के भर्ती योग्य 178 रिक्त पदों को भरे जाने हेतु प्रकिया चल रही है।