नई दिल्ली :- एयरपोर्ट पर पैसेंजर अब जल्द ही अपने बैग से लैपटॉप, मोबाइल और चार्जर निकाले बिना एंट्री कर सकेंगे। लंबी कतारों को खत्म करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। आने वाले दिनों में एयरपोर्ट पर नए मॉडर्न स्कैनर्स लगाए जाएंगे, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस को बैग से निकाले बिना ही स्क्रीनिंग हो जाएगी। द हिंदू ने इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है।
एविएशन सिक्योरिटी रेगुलेटर ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) के डायरेक्टर जनरल जुल्फिकार हसन ने कहा कि बेहतर सुरक्षा के साथ-साथ यात्री सुविधा के लिए नई तकनीकों की जरूरत है। उम्मीद की जा रही है कि BCAS एक महीने के भीतर टेक्निकल नॉर्म जारी करेगा। इसके बाद एयरपोर्ट पर बैग स्क्रीनिंग के लिए आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे।
मशीनों में सुधार की जरूरत
रिपोर्ट में सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि दिल्ली एयरपोर्ट सहित सभी एयरपोर्ट को केबिन बैग की स्क्रीनिंग के लिए लगाई गई मशीनों में सुधार करने की आवश्यकता है। ये मशीनें पुरानी टेक्नोलॉजी की हैं। ड्यूल एक्स-रे, कम्प्यूटर टोमोग्राफी और न्यूट्रॉन बीम टेक्नोलॉजी जैसी तकनीकें यात्रियों को लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को हटाने की जरूरत को खत्म कर देंगी।
एयरपोर्ट पर भीड़ से छूटी थी फ्लाइट
एयरपोर्ट पर ये मॉ़डर्न मशीनें ऐसे समय लगाई जा रही हैं जब देश भर के एयरपोर्ट पर एयर ट्रैवलर्स की रिकॉर्ड संख्या देखी जा रही है। 11 दिसंबर को कुल 4.27 लाख डोमेस्टिक ट्रैवलर्स को देखा गया था। हाल ही में दिल्ली एयरपोर्ट पर बहुत ज्यादा भीड़ के कारण कई लोगों की फ्लाइट मिस हो गई थी। पीक आवर में यात्री यातायात के अनुरूप केबिन बैग की स्क्रीनिंग के लिए मशीनें नहीं थीं जिस कारण भीड़ बढ़ गई थी।
एयरपोर्ट पर अभी 2-डी इमेज वाली मशीनें
वर्तमान में एयरपोर्ट पर इस्तेमाल की जाने वाली पारंपरिक एक्स-रे मशीनें 2-डी इमेज प्रोड्यूस करती हैं। नई तकनीकें जैसे कम्प्यूटर टोमोग्राफी हाई रिजोल्यूशन के साथ 3-डी इमेज बनाती हैं और विस्फोटकों को बेहतर तरीके से ऑटोमेटिक डिटेक्ट करती हैं। नई मशीनों में फॉल्स अलार्म की संख्या भी कम होती है। फॉल्स अलार्म के कारण अक्सर CISF कर्मियों को बैग का फिजिकल इन्स्पेक्शन करना पड़ता है।
8 कदम, जो सरकार ने अब तक उठाए हैं..
- IGI पर CISF के 1400 और जवानों की तुरंत तैनाती का फैसला लिया गया है। हालांकि जरूरत 2400 की बताई गई थी।
- IGI पर T-3 के गेट 16 से बढ़ाकर 18 किए गए हैं, ताकि भीड़ जमा न हो। आगे गेट की संख्या 20 की जानी है।
- T-3 टर्मिनल के सिक्योरिटी चेक एरिया में 5 नई एक्स-रे मशीनें लगाई गई हैं। यहां अब कुल 18 मशीनें काम कर रही हैं।
- एयरलाइंस और एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को नए और बड़े साइन बोर्ड लगाने का आदेश दिया गया है, ताकि भीड़ होने की स्थिति में पैसेंजर्स आसानी से निकल सकें।
- BCAS (Bureau of Civil Aviation Security) ने एयरलाइंस से कहा है कि केबिन में कितना और क्या सामान ले जाया जा सकता है, इसके नए नियमों की जानकारी SMS अलर्ट और अन्य माध्यमों से यात्रियों को दी जाए। यात्रियों से कहा जा रहा है कि सिक्योरिटी चेक में दिक्कत न हो, इसके लिए वे एक ही हैंडबेग लेकर आएं।
- DIAL से उन्नत 3D बैगेज स्कैनर, ज्यादा ऑटोमेटिक ट्रे रिट्रीवल सिस्टम (ATRS) खरीदने और लगाने के लिए कहा गया है।
- इमिग्रेशन काउंटर और सुरक्षा जांच लाइनें भी बढ़ाई जा रही हैं। इससे बोर्डिंग में लगने वाला वक्त पहले से कम होगा।
- DIAL ने इंडिगो और स्पाइसजेट एयरलाइंस से कहा है कि वे अपनी कुछ उड़ानों को टर्मिनल-1 और 2 पर शिफ्ट करें। पहले T-3 से एक घंटे में एवरेज 22 फ्लाइट्स उड़ान भर रही थीं, जिन्हें घटाकर 19 कर दिया गया है।