New Delhi
पंजाब में जीत के बाद आम आदमी पार्टी हरियाणा की ओर देख रही थी। इसी के चलते कहा जा रहा था कि पार्टी के लिए आदमपुर उपचुनाव अहम साबित हो सकता है। लेकिन मौजूदा आंकड़े पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिंता में डाल सकते हैं। इस पूरे सियासी घटनाक्रम में एक टाइमिंग का भी एंगल नजर आ रहा है, जिसमें केजरीवाल का व्यस्त रूप दिखता है। अब सवाल है कि कहीं आदमपुर उपचुनाव के आंकड़े MCD चुनाव के संकेत तो नहीं हैं।
मौजूदा स्थिति समझते हैं
खबर है कि सीट पर भारतीय जनता पार्टी के भव्य बिश्नोई ने जीत हासिल कर ली है। हालांकि, अभी आधिकारिक ऐलान बाकी है दूसरे स्थान पर कांग्रेस उम्मीदवार जय प्रकाश हैं। जबकि, आप तीसरे स्थान पर है। चौथे नंबर पर इंडियन नेशनल लोक दल के नेता कुर्दा राम नंबरदार हैं।
आप के लिए क्यों जरूरी है आदमपुर उपचुनाव
हरियाणा केजरीवाल का गृहराज्य है। साथ ही वह पंजाब में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में धूल चटाने के बाद आप पड़ोसी राज्य हरियाणा में एंट्री की कोशिश कर रही थी। ऐसे में आदमपुर उपचुनाव पार्टी के लिए गेटपास बन सकता है।
टाइमिंग कैसे बन रही है चुनौती
6 राज्यों की 7 सीटों पर उपचुनाव के बीच गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव की तैयारियां जारी हैं। ऐसे में पार्टी आदमपुर के बजाए इन दोनों राज्यों में ज्यादा सक्रिय नजर आ रही है। हालांकि, केजरीवाल पहाड़ी राज्य से ज्यादा गुजरात प्रचार में लगे हुए हैं। कहा जा रहा है कि जुलाई के बाद आप प्रमुख या कोई बड़ा नेता पहाड़ी राज्य में सक्रिय नहीं दिखा।
गुजरात में क्यों आक्रामक हैं केजरीवाल
अब इसके कई कारण गिनाए सामने आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि सूरत नगरपालिका चुनाव में 27 सीटों पर जीत के बाद पार्टी के हौसले बुलंद हैं। वह विधानसभा चुनाव के जरिए भी सियासी विस्तार की तैयारी कर रही है। चुनाव कार्यक्रम के ऐलान से पहले ही केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ आक्रामक रूप से प्रचार करते नजर आए थे।
MCD के लिए संकेत कैसे?
म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली यानी MCD चुनाव कार्यक्रम का ऐलान हो चुका है। आयोग के अनुसार, 4 दिसंबर को मतदान होगा और 7 दिसंबर को नतीजों का ऐलान होगा। इधर, गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव के नतीजे भी 8 दिसंबर को जारी होने वाले हैं। हालांकि, हिमाचल में तो मतदान 12 नवंबर को पूरो हो जाएगा, लेकिन गुजरात में प्रक्रिया 5 दिसंबर तक जारी रहेगी।
इधर, केजरीवाल गुजरात में ही ज्यादा सक्रिय हैं। इसके चलते दिल्ली में उनका प्रचार पर असर हो सकता है। हालांकि, कचरे के पहाड़ का मुद्दा उठाकर दिल्ली सीएम चुनावी हुंकार भर चुके हैं। उन्होंने दावा किया था कि कचरा चुनाव में बड़ा मुद्दा होगा।