गुना हादसे में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर,कलेक्टर-SP को हटाया:RTO-CMO सस्पेंड;बस में आग से 13 लोग जिंदा जले थे,DNA टेस्ट से होगी पहचान

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गुना:-गुना बस हादसे में मध्यप्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। गुना कलेक्टर तरुण राठी और एसपी विजय कुमार खत्री के साथ ही परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा को हटा दिया है। कलेक्टर का अतिरिक्त प्रभार जिला पंचायत सीईओ प्रथम कौशिक को सौंपा गया है। RTO रवि बरेलिया को सस्पेंड कर दिया गया है। फायर ब्रिगेड देर से पहुंचने के कारण CMO (चीफ म्युनिसिपल ऑफिसर) बीडी कतरोलिया को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह से परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया है। अब अपर मुख्य सचिव गृह विभाग राजेश राजौरा को अपर मुख्य सचिव परिवहन विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। परिवहन विभाग में पदस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अरुण कुमार सिंह की सेवाएं भी सामान्य प्रशासन विभाग में वापस ले ली गई हैं। सिंह को उप सचिव, सामान्य प्रशासन (पूल) में पदस्थ किया गया है।

मध्यप्रदेश के गुना में बुधवार को डंपर से टक्कर के बाद यात्री बस में आग लग गई थी। हादसे में 13 लोग जिंदा जल गए थे। 11 शव बस के अंदर जबकि दो गेट के पास मिले थे। शवों की हालत ऐसी है कि मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। 16 लोग झुलस गए थे। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गुना SP विजय कुमार खत्री ने बताया था कि बस में करीब 30 सवारियां थीं। बस के मालिक भानु प्रताप ठेकेदार हैं और भाजपा नेता विश्वनाथ सिकरवार के छोटे भाई हैं। विश्वनाथ भाजपा जिला उपाध्यक्ष रहे हैं।

हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे गुना जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की।

रजिस्ट्रेशन-बीमा नहीं था, फिटनेस सर्टिफिकेट भी एक्सपायर

बता दें कि हादसा बुधवार रात करीब साढ़े 8 बजे हुआ। बस गुना से आरोन की ओर जा रही थी, तभी सामने से आ रहे एक डंपर से बस की टक्कर हो गई। टक्कर लगते ही बस पलट गई और उसमें आग लग गई। दो-ढाई घंटे की मशक्कत के बाद बस में लगी आग पर काबू पाया जा सका।

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बस का रजिस्ट्रेशन और बीमा नहीं था। फिटनेस सर्टिफिकेट भी एक्सपायर हो चुका था। घायल यात्रियों के बयान के आधार पर बस मालिक भानु प्रताप सिकरवार, ड्राइवर और डंपर चालक के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। FIR में बस और डंपर चालकों के नाम नहीं लिखे हैं। केवल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज किए गए हैं।

सात शव एक-दूसरे से चिपके हुए थे

हादसे की वीभत्सता इसी से समझ सकते हैं कि शव को उठाने में भी अंग गिर रहे थे। कुल 13 शव मिले। बस के अंदर से जो 9 शव निकाले गए, उनमें 7 एक-दूसरे से चिपके हुए थे। इनको बाहर निकालने में कर्मचारियों के हाथ कांप गए। शव ऐसे जले कि घरवाले तक नहीं पहचान पा रहे हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि घाटी पर चालक न्यूट्रल में डंपर उतार रहा था। इसी दौरान स्टीयरिंग और ब्रेक जाम हो गए और डंपर सीधे बस से जा टकराया। हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पहुंच गए और फंसे लोगों को निकाला। मौके पर SDERF की टीम भी पहुंची।

एक-दूसरे पर गिरे यात्री, 15 से 17 घायलों को खिड़की से निकाला

यात्री मोहन सिंह ने बताया, ‘मैं बेकरी का सामान लेकर गुना से आरोन जा रहा था। मैं जिस ओर बैठा था, उसी ओर से बस पलटी। यात्री मेरे ऊपर गिरे। जैसे-तैसे मैं बाहर निकला, तब तक बस गर्म हो गई थी और कुछ समय बाद आग लग गई। कुछ लोग वहीं फंसे रह गए।’

प्रत्यक्षदर्शी मुकेश धाकड़ ने बताया, ‘मैं ट्रैक्टर लेकर जा रहा था। अपने साथी के साथ लोगों को बचाने दौड़ा। करीब 15-17 लोगों को खिड़कियों से निकाला।’

यात्री निशा ओझा ने बताया कि हम 6 लोग गुना कोर्ट से आरोन जा रहे थे। हादसे के समय कुछ देर तक समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ? इसके बाद हम लोग कांच से बाहर निकले, तभी बस में आग लग गई। मेरे साथ संगीता भी थी, वह लापता है।

15 साल पुरानी बस; न फिटनेस, न बीमा‎

बस में आग लगने की घटना के बाद मौके पर आसपास के लोग जमा हो गए। सड़क पर जाम की स्थिति बन गई। पुलिसकर्मी इसे ठीक कराते नजर आए।

बस भानु प्रताप सिकरवार के नाम पर रजिस्टर्ड है। उसकी हालत खटारा थी। बस 2008 में‎ खरीदी गई थी। आरटीओ के मुताबिक, इसका फिटनेस सर्टिफिकेट ‎फरवरी 2022 तक ही वैलिड था।

चार सदस्यीय जांच समिति गठित, तीन दिन में सौंपेगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश पर अपर जिला दंडाधिकारी मुकेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है। समिति तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सीएम ने मृतकों के परिवार को 4-4 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की सहायता देने के निर्देश भी दिए हैं।

गुरुवार को सीएम ने गुना जाने से पहले भोपाल में कहा, ‘इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार है, उसे नहीं छोड़ेंगे। दुख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है। इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए प्रबंध करेंगे। सड़कों के ऐसे डेंजर जोन को भी चिह्नित किया जाएगा।’

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी बस हादसे पर दुख जताया है।

DNA जांच के आधार पर की जाएगी शवों की शिनाख्त

गुना जिला अस्पताल में गुरुवार सुबह डॉ. ध्रुव कुशवाह, डॉ. सुनील दांगी, डॉ. सतीश सिनोरिया, डॉ. महेंद्र सिंह किरार और डॉ. कमल सिंह मीणा के पैनल ने शवों का पोस्टमॉर्टम किया। शव की शिनाख्त के लिए DNA जांच कराई जाएगी। लापता लोगों के परिजन के ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे।

फिलहाल, 6 शव गुना के जिला अस्पताल में सुरक्षित रखे गए हैं जबकि 7 शिवपुरी अस्पताल भेजे गए हैं। DNA जांच रिपोर्ट के आधार पर शवों की शिनाख्त कर परिवार वालों को सौंपा जाएगा। CSP श्वेता गुप्ता ने बताया कि SOP का पालन करते हुए ये कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व सीएम दिग्विजय बोले- उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा- बस में दुखद घटना होने का समाचार मिला है। अभी तक 13 से ज्यादा लोग मारे गए हैं व 15 बुरी तरह जल गए हैं। ऐसी जानकारी मिली है कि यह बस बिना परमिट और बिना फिटनेस के चल रही थी। इस घटना की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।