नगर परिषद आयुक्त अनीता खीचड़ सहित 3 को किया ट्रैप, लिपिक सलीम व सफाई कर्मी ओमदेव नागर को किया ट्रैप, 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते किया ट्रैप कमिश्नर अनिता खीचड़ झुंझुनूं के रीको की रहने वाली है, रीको स्थित आवास पर झुंझुनूं ACB का सर्च अभियान

Jaipur Rajasthan

झूंझुनूं/ जयपुर
एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर जयपुर नगर – तृतीय इकाई द्वारा आज टोंक में कार्यवाही करते हुये अनिता खीचड आयुक्त नगर परिषद टोंक, मोहम्मद सलीम कनिष्ठ लिपिक तथा ओमदेव नागर सफाई कर्मचारी नगर परिषद टोंक को परिवादी से 01 लाख रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े है। अनिता खीचड़ झूंझुनूं के रीको की रहने वाली है। सीएम अशोक गहलोत द्वारा झूंझुनूं में रहते उनके कार्य की प्रसंसा के बाद पायलेट खेमे से जुड़े लोग उसके पीछे लगे थे। इसी के चलते उसे झूंझुनूं से तबादला भी किया गया।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने बताया कि ए.सी.बी. की जयपुर नगर – तृतीय इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि नगर परिषद टोंक में उसके द्वारा बनास महोत्सव के दौरान करवाये गये फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, स्टेज कार्यक्रम तथा अन्य कार्यों के बिलों का भुगतान कराने की एवज में अनिता खीचड आयुक्त नगर परिषद टोंक द्वारा 01 लाख रूपये रिश्वत राशि की मांग कर परेशान किया जा रहा है।
जिस पर एसीबी जयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस कालूराम के सुपरवीजन में एसीबी की जयपुर नगर – तृतीय इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुलदीप के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया जाकर आज उप अधीक्षक पुलिस सुरेश स्वामी द्वारा मय टीम के टोंक में ट्रेप कार्यवाही करते हुये 1- अनिता खीचड पत्नी देवेन्द्र सिंह निवासी मोहता धर्मशाला के पीछे राजगढ जिला चूरू हाल आयुक्त नगर परिषद टोंक, 2- मोहम्मद सलीम पुत्र मोहम्मद ईशाक निवासी मकान नं० 21 सिविल लाईन नई कॉलोनी गड्डा पहाडिया टोंक हाल कनिष्ठ लिपिक नगर परिषद टोंक तथा 3 – ओमदेव नागर पुत्र मदनलाल नागर निवासी विजयनगर तहसील नगरफोर्ट जिला टोंक हाल सफाई कर्मचारी नगर परिषद टोंक को परिवादी से 01 लाख रूपये की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों पकडे जाने पर निरूद्ध किया जाकर अग्रिम कार्यवाही जारी है।
एसीबी के महानिरीक्षक पुलिस सवाई सिंह गोदारा के निर्देशन में आरोपीयान से पूछताछ एवं आवास व अन्य ठिकानों पर तलाशी जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा।

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