जयपुर:-उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने के मुद्दे पर आज विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। राठौड़ और स्पीकर सीपी जोशी में तनातनी हुई। करीब 20 मिनट तक सदन में हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थक विधायकों के 25 सितंबर को दिए गए इस्तीफों के मुद्दे को राठौड़ हाईकोर्ट ले गए थे।
सीएम सलाहकार और निर्दलीय विधायक सयंम लोढ़ा ने राठौड़ के खिलाफ सदन में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। विधानसभा स्पीकर ने संयम लोढ़ा को विशेषाधिकर हनन प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति दी। इसका राठौड़ ने विरोध किया। इसी मुद्दे पर तनातनी हुई। विशेषाधिकार हनन पर अब बाद में फैसला होगा।
संयम लोढ़ा को जैसे ही स्पीकर ने बोलने की अनुमति दी। उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने विरोध किया। स्पीकर सीपी जोशी ने कहा- आप मेरे अधिकार को चैलेंज नहीं कर सकते। हाउस नियमों से चलता है और आप वरिष्ठ हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपके हिसाब से सदन चलाया जाए।
आप मुझे डिक्टेट नहीं कर सकते। राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों का हवाला दिया। स्पीकर ने कहा- नियम 157 के तहत विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने का पूरा प्रोसेस दिया हुआ है। मुझे अधिकार है कि मैं इन नियमों के तहत बोलने की अनुमति दे सकता हूं। इन्हीं नियमों के तहत मैंने संयम लोढ़ा को बोलने की अनुमति दी है।
राठौड़ बोले- हमें भी बोलने का मौका मिलना चाहिए
राजेंद्र राठौड़ ने कहा- आप सीधे ही विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाने की अनुमति दे रहे हैं। इस पर हमें भी बोलने का मौका मिलना चाहिए। नियम 160 और 161 को भी देखिए। राठौड़ ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया पर नियम कॉट करने की बात कही तो उन्हें स्पीकर ने टोकते हुए कहा कि मंजूरी नहीं दे सकते।
आप सत्तापक्ष की अंदरूनी लड़ाई को ऐसा करके ढक नहीं सकते। 13 फरवरी को हाईकोर्ट में फैसला आने वाला है और आप विशेषाधिकार पर टुकड़ों में फैसला करके क्या साबित करना चाहते हैं? विशेषाधिकार हनन पर टुकड़ों में फैसला नहीं कर सकते, यह करके आप सत्तारूढ पार्टी के भीतरी संघर्ष को नहीं ढंक सकते।
स्पीकर बोले- नियमों के हिसाब से ही सदन चलेगा
राजेंद्र राठौड़ ने जब नियमों का हवाला दिया तो स्पीकर जोशी ने कहा- मैं अनपढ़ नहीं हूं, मैं सारे नियम जानता हूं। इन नियमों के हिसाब से ही सदन चलेगा। आपके कहने से सदन नहीं चलेगा। राठौड़ ने नियम 161 का हवाला दिया तो स्पीकर ने कहा कि कंगारू जंपिंग से काम नहीं चलता, पहले नियम 160 को देखिए, मैं इसे पढ़ देता हूं। मिस्टर राठौड़ हाफ लिटरेट होने से काम नहीं चलता, पूरा पढ़ना होता है।
स्पीकर ने कहा- मुझे पूरा अधिकार है। नियम 160 में भी प्रावधान है कि मैं विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव की अनुमति दे सकता हूं। इसके बाद आपको आपत्ति है तो आपको बोलने की अनुमति होगी। आज तो हम बहस करवा नहीं रहे हैं। इसका पूरा प्रोसेस है, उसे तो अभी कहां अपनाया जा रहा है। मैंने केवल बोलने का मौका दिया है। आपको आपत्ति है तो आपको भी बहस के वक्त बोलने का मौका दिया जाएगा, लेकिन अभी नहीं।
स्पीकर ने कहा- अभी लोगों को पता नहीं है कि विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव कैसे लाया जाता है। राजेंद्र राठौड़ कहते हैं वैसे विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव नहीं आता है। इसलिए मैंने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को अनुमति दी है, इस पर आगे बहस होगी। सबको बोलने का वक्त मिलेगा।
संयम लोढ़ा बोले- हाईकोर्ट इस विधानसभा को कैसे डिक्टेट कर सकता है?
निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने सदन में कहा- क्या इस सदन में बैठकर हम लोग अपने ही सदन को कमजोर करने का काम करेंगे? क्या राजस्थान हाईकोर्ट विधानसभा को डिक्टेट करेगा? क्या विधानसभा में हमारे सवाल का जवाब नहीं आएगा तो क्या हाईकोर्ट जाएंगे?
हाईकोर्ट में किसी मामले का फैसला नहीं हो तो क्या विधानसभा कहेगी कि फैसला कीजिए? विधानसभा जब यह नहीं कह सकती तो हाईकोर्ट इस विधानसभा को कैसे डिक्टेट कर सकता है? राजेंद्र राठौड़ के आचरण ने सदन को अपमानित किया।